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WeGarhwali.com - we गढ़वाली से हमारा उद्देश्य उत्तराखंड के इतिहास, संस्कृति, पर्यटन स्थलों, और यहां के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उपयोगी सामग्री को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराना है। WeGarhwali.com एक ऐसा मंच है जहाँ उत्तराखंड की अनमोल धरोहर को संजोने और साझा करने का प्रयास किया जाता है। हमारा उद्देश्य उत्तराखंड के इतिहास, संस्कृति, पर्यटन स्थलों, और यहां के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के

लिए उपयोगी सामग्री को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराना है।

यह वेबसाइट खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाई गई है, जो उत्तराखंड की जड़ों से जुड़ना चाहते हैं, यहां के गौरवशाली इतिहास को जानना चाहते हैं, और राज्य की खूबसूरती को महसूस करना चाहते हैं।

हमारी विशेषताएं:

उत्तराखंड का गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर।
प्रसिद्ध और अनछुए पर्यटन स्थलों की जानकारी।
उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अध्ययन सामग्री।
लोकगीत, लोककथाएं और पारंपरिक व्यंजनों की जानकारी।
यदि आप उत्तराखंड को गहराई से जानना चाहते हैं या यहां की परीक्षाओं की तैयारी में मदद ढूंढ रहे हैं, तो WeGarhwali.com आपके लिए एक भरोसेमंद साथी है।

हमारे साथ जुड़ें और उत्तराखंड की खूबसूरती और जानकारी के इस सफर में भागीदार बनें।

10/07/2025

मेरे साथ कीजिए भगवान त्रियुगीनारायण मंदिर के दर्शन 🙏

09/07/2025

Live : ये बारिश कैसी है!

बिलांगना घाटी के धारगांव की 21 वर्षीय शिवानी राणा बनीं ग्राम प्रधानभिलंगना ब्लॉक के धारगांव की निवासी शिवानी राणा मात्र ...
09/07/2025

बिलांगना घाटी के धारगांव की 21 वर्षीय शिवानी राणा बनीं ग्राम प्रधान
भिलंगना ब्लॉक के धारगांव की निवासी शिवानी राणा मात्र 21 वर्ष की उम्र में निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनी गई हैं। वर्तमान में गढ़वाल विश्वविद्यालय से विज्ञान वर्ग में स्नातक कर रहीं शिवानी, राज्य की सबसे कम उम्र की प्रधानों में से एक मानी जा रही हैं।

शिवानी शिक्षा के क्षेत्र में भी सक्रिय रही हैं और AIDSO जैसी छात्र संगठनों से जुड़कर शिक्षा व विज्ञान से संबंधित गतिविधियों में भाग लेती रही हैं। ग्राम प्रधान के रूप में उनका फोकस गांव में पलायन को रोकना, प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापक नियुक्ति, इंटर कॉलेज में विज्ञान विषय की पढ़ाई की व्यवस्था, स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना, महिला सहायता समूहों का गठन, दुर्गम रास्तों की मरम्मत, सौर ऊर्जा का उपयोग और भूमि सुधार जैसे मुद्दों पर रहेगा।

राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर चर्चा के बीच, शिवानी का यह निर्विरोध निर्वाचन एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है, जहां एक स्थानीय युवती अपने गांव की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर लेने को तैयार है। शिवानी का गांव धारगांव उसी क्षेत्र में स्थित है, जिसे उत्तराखंड के गांधी कहे जाने वाले इंद्रमणि बडोनी की कर्मभूमि के रूप में जाना जाता है।

अत्यंत दुःखद समाचार 🙏🏻देवाल ब्लॉक के ग्राम सभा वाण निवासी और भारतीय सेना में सेवारत लांस नायक सुरेंद्र सिंह जी के आकस्मि...
08/07/2025

अत्यंत दुःखद समाचार 🙏🏻

देवाल ब्लॉक के ग्राम सभा वाण निवासी और भारतीय सेना में सेवारत लांस नायक सुरेंद्र सिंह जी के आकस्मिक निधन का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है।

ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिवार को इस असहनीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

#दुःखद #श्रद्धांजलि #ऊं_शांति

आज आपकी सामान्य ज्ञान की जाँच करते हैं।यह उत्तराखंड का कौनसा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है?भारत ने इस किस विदेशी टीम...
08/07/2025

आज आपकी सामान्य ज्ञान की जाँच करते हैं।
यह उत्तराखंड का कौनसा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है?
भारत ने इस किस विदेशी टीम को प्रैक्टिस के लिए दे रखा है यानि किस विदेशी टीम का होम ग्राउंड है?

08/07/2025

अचानक स्कूल पहुंचे रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी प्रतीक जैन | छात्रों को दिए सफलता के टिप्स

अगस्त्यमुनि स्थित अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज में जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने औचक निरीक्षण कर छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद स्थापित किया और उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी संबंधी सुझाव दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने शिक्षण कक्षों में जाकर गणित और विज्ञान जैसे विषयों को नवाचारी और खेल विधि से पढ़ाने की प्रेरणा दी। उन्होंने रसायन विज्ञान प्रयोगशाला का निरीक्षण करते हुए उपकरणों की स्थिति की जानकारी ली और आवश्यकता अनुसार प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। छात्रों से संवाद करते हुए जिलाधिकारी ने प्रश्नोत्तर सत्र भी संचालित किया और उन्हें लक्ष्य निर्धारण तथा मेहनत के महत्व पर मार्गदर्शन दिया।

देहरादून के क्रियांश कौशिक ने श्रीलंका के कोलंबो में आयोजित 9वीं साउथ एशियन कराटे चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करत...
08/07/2025

देहरादून के क्रियांश कौशिक ने श्रीलंका के कोलंबो में आयोजित 9वीं साउथ एशियन कराटे चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए अंडर-12, -45 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक अर्जित किया है। यह उपलब्धि न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। क्रियांश ने देहरादून की शौकीन कराटे एकेडमी के कोच शौकीन लाल के मार्गदर्शन में यह सफलता प्राप्त की। उनकी इस मेहनत और लगन ने देहरादून का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है।

"उत्तराखंड की लोक कलाकार श्वेता मेहरा ने परंपरागत 'पिठाई' रस्म से की सगाई।"पिठाई" – उत्तराखंड की सादगी में रची-बसी एक पर...
08/07/2025

"उत्तराखंड की लोक कलाकार श्वेता मेहरा ने परंपरागत 'पिठाई' रस्म से की सगाई।

"पिठाई" – उत्तराखंड की सादगी में रची-बसी एक परंपरा
उत्तराखंड में सगाई को "पिठाई" (या पिठाईं) कहा जाता है। यह केवल रस्म नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव है — जहां सादगी, संस्कृति और सम्मान मिलते हैं।

गढ़वाल हो या कुमाऊं, पिठाई में तांबे का घड़ा, नथ या फुल्ली पहनाने की परंपरा, और ससुराल पक्ष से लाया गया पारंपरिक सामान — हर प्रतीक एक गहरी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ा होता है।

आज जब दुनिया आधुनिकता की ओर भाग रही है, ऐसे में इन परंपराओं को सम्मानपूर्वक निभाना गर्व की बात है।


#उत्तराखंडीपरंपरा #पिठाई

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से जुड़ी गर्व की खबर — उत्तम सिंह रावत ने जापान में आयोजित एशियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2025 ...
08/07/2025

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से जुड़ी गर्व की खबर — उत्तम सिंह रावत ने जापान में आयोजित एशियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2025 में रजत पदक (Silver Medal) जीतकर भारत का नाम रोशन किया है।

74 किलोग्राम वेट कैटेगरी में उतरते हुए उन्होंने न सिर्फ़ मेडल जीता बल्कि अपना ही नेशनल रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
उन्होंने कहा –
"मेरे हर लिफ्ट में मेरा तिरंगा मेरे साथ था। मैं उसे अपने बैग में लेकर आया था, बस उसी पल का इंतज़ार था जब मैं उसे मेडल सेरेमनी में लेकर जाऊं — और आज वो सपना पूरा हुआ।"

उत्तराखंड का बेटा, भारत का मान।
को गर्व है आपके जज़्बे पर।

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#देश_का_गर्व #उत्तराखंड_का_गौरव

महात्मा गांधी की ऐतिहासिक यात्रा: 1915 का हरिद्वार कुंभ1915 में हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले के दौरान महात्मा गांधी ने ...
07/07/2025

महात्मा गांधी की ऐतिहासिक यात्रा: 1915 का हरिद्वार कुंभ
1915 में हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले के दौरान महात्मा गांधी ने संत समुदाय से मुलाकात की थी। यह वही दौर था जब गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से लौटकर भारत के सामाजिक और आध्यात्मिक तानेबाने को समझने में जुटे थे। कुंभ के इस पवित्र अवसर पर उनकी मुलाकात संतों से हुई, जिससे उन्हें भारतीय धर्म, साधना और समाज की जड़ों को जानने का अवसर मिला। यह यात्रा स्वतंत्रता संग्राम की उनकी आगे की रणनीतियों के लिए सांस्कृतिक समझ का महत्वपूर्ण आधार बनी।

Posted by Wegarhwali Desk

अनासक्ति आश्रम, कौसानी (उत्तराखंड) – गांधीजी का चिंतनस्थलउत्तराखंड के बागेश्वर ज़िले में स्थित कौसानी प्राकृतिक सौंदर्य ...
07/07/2025

अनासक्ति आश्रम, कौसानी (उत्तराखंड) – गांधीजी का चिंतनस्थल

उत्तराखंड के बागेश्वर ज़िले में स्थित कौसानी प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एक पर्वतीय गांव है, जिसे "भारत का स्विट्ज़रलैंड" कहा जाता है। इसी शांत और रमणीय स्थल पर स्थित है — अनासक्ति आश्रम, जिसे महात्मा गांधी से जुड़ी ऐतिहासिक स्मृतियों के कारण विशेष महत्व प्राप्त है।

अनासक्ति क्या है?
“अनासक्ति” का अर्थ है — कर्म करते हुए फल की इच्छा से रहित होना। गांधी जी ने गीता के इस सिद्धांत को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाया और उसी पर आधारित ‘अनासक्ति योग’ नामक ग्रंथ लिखा।

इतिहास और गांधीजी का संबंध
महात्मा गांधी जून 1929 में अपनी कुमाऊं यात्रा के दौरान कौसानी पहुंचे थे और यहाँ कुल 14 दिन व्यतीत किए थे। इसी प्रवास के दौरान उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता के “अनासक्ति योग” अध्याय पर अपने विचारों को कलमबद्ध किया, जो आगे चलकर उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘अनासक्ति योग’ के रूप में प्रकाशित हुई।

यह आश्रम उसी स्थान पर बना है जहाँ गांधी जी ठहरे थे। गांधी जी ने कौसानी के शांत वातावरण से अभिभूत होकर लिखा था –

“कौसानी भारत के स्विट्ज़रलैंड जैसा है।”

यह आश्रम आज एक सांस्कृतिक, दार्शनिक और ऐतिहासिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है।

यहाँ महात्मा गांधी से जुड़ी दुर्लभ तस्वीरें, पत्र, और उनके विचारों को दर्शाने वाली प्रदर्शनियाँ हैं।

आश्रम के एक भाग में एक लाइब्रेरी है जिसमें गांधी साहित्य और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित पुस्तकें मिलती हैं।

आश्रम के पास एक गेस्ट हाउस भी है, जहाँ पर्यटक और शोधार्थी ठहर सकते हैं।

प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर इस स्थान से त्रिशूल, नंदा देवी और पंचाचूली चोटियों का विहंगम दृश्य दिखता है।

कैसे पहुंचें अनासक्ति आश्रम?
निकटतम रेलवे स्टेशन: काठगोदाम (लगभग 135 किमी)

निकटतम हवाई अड्डा: पंतनगर एयरपोर्ट (लगभग 170 किमी)

सड़क मार्ग: कौसानी हल्द्वानी, अल्मोड़ा, रानीखेत और बागेश्वर से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है।

Posted By - Desk

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