महायोगी गुरु गोरखनाथ जी

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महायोगी गुरु गोरखनाथ जी * सावधान !*

कुएं ठण्डा जल पीने के लिए बनाए जाते हैं यदि कोई मन्द मति कुएं में डूबकर आत्म-हत्या करले तो इसमें कुआं बनवाने वाले का क्या दोष !

अष्टलक्ष्मी साधनाजीवन में धन के महत्व को कोई नहीं नकार सकता और धन से सम्बंधित साधनाओ को करने के लिए दिवाली से उत्तम कोई ...
19/10/2025

अष्टलक्ष्मी साधना

जीवन में धन के महत्व को कोई नहीं नकार सकता और धन से सम्बंधित साधनाओ को करने के लिए दिवाली से उत्तम कोई और त्योहार हो ही नहीं सकता क्योंकि इस दिन स्वयं महालक्ष्मी धरती पर आती है और सबकी मनोकामना पूर्ण करती है ! मनुष्य के जीवन की सबसे बड़ी समस्या हैं निर्धनता. धन के अभाव में मनुष्य मान सन्मान प्रतिष्ठा से भी वंचित रहता है , चाहे वह कितना भी बड़ा ज्ञानी क्यों ना हो..कही मैंने सुना था की पैसा खुदा तो नहीं पर खुदा से कम भी नहीं..आज के युग में यह बात शत प्रतिशत मुझे योग्य लगती हैं......जिनके जीवन में धन का अभाव हैं...जिनका व्यापार अच्छे से नहीं चल रहा हैं जो कर्जे के चक्रव्यूह में फस गए हैं...जो लोग धन के अभाव के कारण बार बार अच्छे मोके गवा देते हैं स्वयं भी दुखी होते हैं और परिवार भी दुखी रहता हैं ..यह साधना उन सब को तो समर्पित है ही , साथ मे हमारे प्रिय साधक भाईयो को भी समर्पित है, क्योंकि धन के अभाव में साधन उपलब्ध नहीं होता और बिना साधन, साधना नहीं होती...अब आगे मैं क्या कहूं ?? पर आप स्वयं यह साधना करे फिर आपका हृदय स्वयं बोलेगा...!

|| सामग्री ||

१. सिद्ध श्रीयंत्र , पीला वस्त्र ,ताम्बे की थाली, गौ घृत के ९(नौ) दीपक , गुलाब अगरबत्ती, पीले फूलो की माला
पीली बर्फी , शुद्ध अष्टगंध
२. माला : स्फटिक या कमलगट्टा
जप संख्या : १,२५०००
३. आसन : पीला,---- वस्त्र : पीले
समय : शुक्रवार रात नौ बजे के बाद या दिवाली की रात से भी कर सकते है !

४. दिशा : उतराभिमुख
५. २१ दिन में साधना पूर्ण करे !

|| मंत्र ||
ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीये ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नमः स्वाहा

|| विधान ||
बाजोट पर पीला वस्त्र बिछा कर उस पर सिद्ध श्री यन्त्र स्थापित करे, पीले वस्त्र धारण कर पीले आसन पर बैठे श्री यन्त्र पर अष्टगंध का छिडकाव कर खुद अष्टगंध का तिलक करे उसके बाद ताम्बे की थाली में गाय के घी से नौ दीपक जलाये,गुलाब अगरबत्ती लगाये,प्रस्साद में पीली बर्फी रखे श्री यन्त्र पर फूल माला चढ़ाये उसके बाद मन्त्र जप करे.और माँ की कृपा को प्राप्त करे .....संकल्प करना ना भूले...माँ भगवती आप सभी को सुख समृद्धि से पूर्ण करे......!

जय सदगुरुदेव !!

18/10/2025
" #हेरंब गणपति साधना" (हर गृहस्थी साधकों के लिए)"गुरुओं द्वारा दिया गया अभी तक का अप्रकाशित गुप्त मंत्र"धन तेरस से पांच ...
18/10/2025

" #हेरंब गणपति साधना" (हर गृहस्थी साधकों के लिए)

"गुरुओं द्वारा दिया गया अभी तक का अप्रकाशित गुप्त मंत्र"

धन तेरस से पांच दिन तक हेरंब गणपति की साधना मंत्र पाठ करे

गणेश जी पर एक एक मंत्र पढ़कर हर मंत्र के साथ एक दूर्वा या एक चुटकी चावल 108 बार चढ़ाएं। पांच दिन बाद दूर्वा या चावल घर के धन स्थान पर अलमारी में लाल कपड़े में लपेट कर रख ले ।।
हेरंब गणपति पांच मुखी शेर की सवारी करते हुए ध्यान करे..और प्रार्थना करे कि हे रक्षक..पालन करता प्रथम पूज्य गणेश जी आने वाले ग्रहों की विपरीतता ये मेरे घर परिवार समाज देश की रक्षा की स्थिति में मनोबल प्रदान करना..और हमारे घर परिवार को धन धान्य स्वास्थ्य सुरक्षा से भरपूर रखना ।

दिव्य गुप्त अप्रकाशित हेरंब गणेश मंत्र:---- " #हेरंब मूले रिद्धि सिद्धि रमणा,गणेश बटुकम अखंड भजना"

15/10/2025
बगलामुखी साधनाप्रत्येक व्यक्ति चाहे वे अच्छा हो या बुरा उसके शत्रु अवश्य होते है!किसी का यह कहना की मेरा कोई शत्रु है ही...
15/10/2025

बगलामुखी साधना

प्रत्येक व्यक्ति चाहे वे अच्छा हो या बुरा उसके शत्रु अवश्य होते है!किसी का यह कहना की मेरा कोई शत्रु है ही नहीं यह व्यर्थ है क्योंकि उन्हें अपने शत्रु नज़र नहीं आते!उनके गुप्त शत्रु तो अवश्य होंगे! जो लोग बार बार शत्रुओं से परेशान है जिनके घर में बार बार तंत्र प्रयोग होते है उनके लिए तो यह प्रयोग कल्पतरु है!मै हर साल बगलामुखी जयंती पर इस प्रयोग को करता हूँ!यह प्रयोग मैंने कई बार आजमाया है!इस प्रयोग से सांप की तरह फन उठाने वाले शत्रु शांत हो जाते है!एक बार मेरे एक मित्र पर झूठा मुक़दमा बन गया!वे देखने में बहुत सुंदर था और बॉडी बिल्डिंग करता था!वे मिस्टर पटिआला था,उसके साथ एक लड़की पढ़ती थी!वे लड़की हमेशा उससे कहती कि मै तुमसे शादी करना चाहती हूँ पर वो लड़का बहुत धार्मिक था!
वे लड़का एक गरीब घर से था पर वो लड़की बहुत अमीर थी इसलिए वे डरता था!जब वे बड़े हो गए तो लड़के ने लड़की को समझाया पर वो लड़की किसी भी तरह मानने को तयार नहीं थी!जब उस लड़के कि शादी हुयी तो उस लड़की ने शादी के बाद लड़के पर केस कर दिया कि मुझे शादी का झांसा दिया और मै पिछले पांच साल से इसके साथ पत्नी कि तरह रह रही हूँ!लड़का पंजाब पुलिस में था पर लड़की ने DSP को रिश्वत दे दी DSP ने लड़के से कहा या तो इस लड़की से दूसरी शादी करले नहीं तो तुझपर मुक़दमा दर्ज कर दूंगा!लड़के ने DSP से बात की तो DSP ने कहा मुझे 50000 रुपये दे दो तो मै तुम्हारी मदद कर सकता हूँ!लड़के ने कहा मेरे पास तो अभी 30000 रुपये ही है बाकी रुपये आपको दो दिन बाद दे दूंगा! DSP ने कुछ नहीं सुना और उस लड़के पर धारा 376 का मुक़दमा दर्ज कर दिया!वे लड़का Suspend हो गया और मुझसे आकर मिला!मैंने उसे बगलामुखी साधना करने को कहा और बगलामुखी साधना के कुछ दिन बाद उस लड़के को reinquiry में क्लीन चीट मिल गयी!मैंने इस साधना का कई बार इस्तेमाल किया है आप भी इस अद्भुत साधना का लाभ उठाये!

मन्त्र::-
ॐ रीम श्रीम बगलामुखी वाचस्पतये नमः!

साधना विधि::-इस मन्त्र को बगलामुखी जयंती को पूरी रात लिंग मुद्रा का प्रदर्शन करते हुए सारी रात जप करते रहे यदि थक जाये तो थोडा आराम कर ले पर आसन से न उठे!इस प्रकार यह मन्त्र एक रात में सिद्ध हो जाता है!दुसरे दिन किसी लड़की को पीला प्रसाद जरूर खिलाये और मंदिर में देवी दुर्गा को भी पीले प्रसाद का भोग लगाये!
प्रयोग विधि::-जब प्रयोग करना हो तो इस मन्त्र को 21 दिन 21 माला रात्रि में हल्दी की माला से जपे आपकी शत्रु बाधा से सम्बंधित सभी समस्याए शांत हो जाएगी!
यह मेरी अनुभूत साधना है आप एक बार इस साधना को जरूर करे!

जय सदगुरुदेव!

काली पञ्च वाणआज के इस युग में प्रत्येक व्यक्ति अच्छे रोजगार की प्राप्ति में लगा हुआ है पर बहुत प्रयत्न करने पर भी अच्छी ...
08/10/2025

काली पञ्च वाण

आज के इस युग में प्रत्येक व्यक्ति अच्छे रोजगार की प्राप्ति में लगा हुआ है पर बहुत प्रयत्न करने पर भी अच्छी नौकरी नहीं मिलती है !

रोजगार सम्बन्धी किसी भी समस्या के समाधान के लिए इस मन्त्र का प्रतिदिन 11बार सुबह और 11बार शाम को जप करे ! सिद्ध रक्खा राम जी ने यह मन्त्र मुझे बताया था उनके अनुसार जीवन की प्रत्येक समस्या का समाधान करने में यह मन्त्र सक्षम है ! मैं स्वयं भी प्रतिदिन इस मन्त्र का जाप करता हूँ आप भी इसका लाभ उठाये !

|| मन्त्र ||

प्रथम वाण

ॐ नमः काली कंकाली महाकाली
मुख सुन्दर जिए ब्याली
चार वीर भैरों चौरासी
बीततो पुजू पान ऐ मिठाई
अब बोलो काली की दुहाई !

द्वितीय वाण

ॐ काली कंकाली महाकाली
मुख सुन्दर जिए ज्वाला वीर वीर
भैरू चौरासी बता तो पुजू
पान मिठाई !

तृतीय वाण

ॐ काली कंकाली महाकाली
सकल सुंदरी जीहा बहालो
चार वीर भैरव चौरासी
तदा तो पुजू पान मिठाई
अब बोलो काली की दुहाई !

चतुर्थ वाण

ॐ काली कंकाली महाकाली
सर्व सुंदरी जिए बहाली
चार वीर भैरू चौरासी
तण तो पुजू पान मिठाई
अब राज बोलो
काली की दुहाई !

पंचम वाण

ॐ नमः काली कंकाली महाकाली
मख सुन्दर जिए काली
चार वीर भैरू चौरासी
तब राज तो पुजू पान मिठाई
अब बोलो काली की दोहाई !

|| विधि ||

इस मन्त्र को सिद्ध करने की कोई आवश्यकता नहीं है ! यह मन्त्र स्वयं सिद्ध है केवल माँ काली के सामने अगरबती जलाकर 11 बार सुबह और 11 बार शाम को जप कर ले ! मन्त्र एक दम शुद्ध है भाषा के नाम पर हेर फेर न करे ! शाबर मन्त्र जैसे लिखे हो वैसे ही पढने पर फल देते है शुद्ध करने पर निष्फल हो जाते है ! परम पावन नवरात्रों की आप सबको बहुत बहुत बधाई हो, माँ आप सब पर कृपा करे !

जय सदगुरुदेव..

महाऋषि वाल्मीकि साधनाएक बार सभी ऋषि मिलकर ब्रहमऋषि विश्वामित्र जी की स्तुति करने लगे और कहने लगे महाराज आपसे ज्ञानवान को...
07/10/2025

महाऋषि वाल्मीकि साधना

एक बार सभी ऋषि मिलकर ब्रहमऋषि विश्वामित्र जी की स्तुति करने लगे और कहने लगे महाराज आपसे ज्ञानवान कोई नहीं आप सर्वश्रेष्ठ है ! इस पर विश्वामित्र जी बोले मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया कि आप सब मुझे श्रेष्ठ कहे ! विश्वामित्र जी के वचन सुनकर सभी ऋषियों ने कहा हे ब्रहमऋषि जिस राम का सारी सृष्टि ध्यान करती है वह रामजी भी आपके शिष्य है इसलिए आप श्रेष्ठ है ! यह सुनकर विश्वामित्र जी ने संत सभा में बैठे ऋषि वशिष्ट जी की तरफ इशारा कर कहा , मुझमें ऐसा कोई गुण नहीं कि रामजी मेरे शिष्य बने यह सब वशिष्ट जी की कृपा है यदि वसिष्ठ जी उन्हें मेरे पास न भेजते तो वह मुझे गुरु कभी स्वीकार न करते इसलिए वह ही सर्वश्रेष्ठ है ! विश्वामित्र जी के ऐसे वचन सुनकर वशिष्ट जी ने कहा हे ऋषियों विश्वामित्र केवल मुझे सम्मान देने के लिए ऐसा कह रहे है , श्रेष्ठ तो महाऋषि वाल्मीकि जी है जिन्होंने राम जन्म से हजारो वर्ष पहले रामायण की रचना कर दी !

जब महापंडित रावण सीता माता का अपहरण कर उन्हें ले गए तब रामजी विलाप करने लगे और पेड़ पत्तो से लिपट कर रोने लगे , उस समय एक ऋषि ने उनसे पूछा यह कौन है और क्यों रो रहे है ? इस पर लक्ष्मण जी ने कहा यह विष्णु जी के अवतार दशरथ जी के पुत्र रामचंद्र जी है , इनकी पत्नी को रावण उठाकर ले गए है इसलिए यह रो रहे है ! उस ऋषि ने कहा यदि पत्नी से इतना प्रेम था तो इस भयानक वन में आये ही क्यों ? यह सुन लक्ष्मण जी ने कहा राक्षसों का संहार करने के लिए इन्होने अवतार लिया है ! उस ऋषि ने कहा क्या वैकुण्ठ में बैठे बैठे राक्षसों का संहार नहीं कर सकते थे ? यह सुनकर रामजी ने कहा राक्षसों का संहार तो मैं वैकुण्ठ में बैठे बैठे भी कर सकता था पर वाल्मीकि जी ने लिखा था कि रामजी का अवतार होगा और रावण का उनके हाथों उद्धार होगा , उनकी लिखी बातों को काटने की क्षमता मुझमे नहीं है !

जब लव कुश ने राम जी की सारी सेना को मूर्छित कर दिया तो भगवान् राम जी ने स्वयं वाल्मीकि आश्रम की यात्रा नंगे पाँव की और उस स्थान का नाम राम तीर्थ पड़ गया ! भगवान् राम जी ने रामायण में स्वयं वाल्मीकि जी को त्रिकाल ज्ञानी, ब्रह्मज्ञानी और ओमकार स्वरुप कहकर उनकी स्तुति की है ! भगवान् राम ने उन्हें अविनाशी ईश्वर का अंश कहा है ! इसी प्रकार तुलसीदास ने भी कहा है -

" तुम त्रिकाल दर्शी मुनि नाथा , विश्व विद्र जिम तुमरे हाथा "

अर्थात - हे वाल्मीकि जी आप तीनो कालों का ज्ञान रखते है और यह सारी सृष्टि आपके हाथ में एक बेर के समान है !

जब लव और कुश ने राम जी की पूरी सेना को मूर्छित कर दिया तब सीता माता के प्रार्थना करने पर उन्होंने मंत्र शक्ति द्वारा अमृत का निर्माण किया ! वह अमृत सारी सेना पर छिड़क दिया और सारी सेना जीवित हो गयी ! उन्होंने वह अमृत दुरूपयोग के डर से बेर के पेड़ो की जड़ में दबा दिया ! जिस जगह वह अमृत दबाया उस जगह सिक्खों का धार्मिक स्थल हरमंदर साहिब सुशोभित है ! आज भी हरमंदर साहब के पवित्र तालाब में नहाने से लोगों के रोग दूर हो जाते है ! अमृत दबाने के कारण ही इस शहर का नाम अमृतसर पड़ गया ! कुश को उसके पिता का राज्य अयोध्या मिला और लव ने अपने लिए लव्हर नगर बसाया जो आज के समय का लाहौर है और पकिस्तान के पंजाब में स्थित है ! भगवान् वाल्मीकि जी को हम आदि कवि के रूप में जानते है परन्तु तंत्र के क्षेत्र में भी उनका स्थान बहुत ऊँचा है ! वीर साधना में बार बार असफल होने वालों को वाल्मीकि जी की कृपा प्राप्त करनी चाहिए क्योंकि माना जाता है कि सभी वीर हनुमान जी के अधिकार में है , और हनुमान जी राम जी के आधीन है और स्वयं रामजी वाल्मीकि जी के आधीन है ! वाल्मीकि जी की कृपा से व्यक्ति अनेकों प्रकार की विद्या प्राप्त कर सकता है ! वाल्मीकि जी कि कृपा प्राप्त करने के लिए उनके चार कडो का जाप किया जाता है ! उस गुप्त कड़ा साधना को यहाँ लिखना मैं ठीक नहीं समझता ! आप लोगो के लिए यह साधना जो आज मैं लिख रहा हूँ यह अब तक गुप्त थी और केवल गुरु शिष्य परम्परा से ही आगे बढती रही है ! वाल्मीकि जी के मुख्य चार कड़े है ; एक सतयुग दूसरा त्रेतायुग तीसरा द्वापर और चौथा कलयुग का पर यह बहुत लम्बा क्रम है ! आप लोगो के लिए यह दुर्लभ साधना प्रस्तुत है जो एक बार करने पर अनेक प्रकार की सिद्धियाँ देती है !

|| मंत्र ||उठी माई मैनावंती सुतिये बाबे बाले लिया अतार
छेड़ा छिड़ीयां कुंभ चो खवाजे सुनी पुकार
डेरे हाजी खां दे लाटा जलन आगास
खुइयों मच्छ छिगड़े, उड़ उड़ मंगन मास
होम दियां न्यू न्यू करां सलाम
उतरीया बन तपस्सीयों केडे कुल्ले दा सवार
मुँह कड़ीयाले सार दें आन लथे दरबार
अडो अडी बैठके लिया पीर मना
चले मन्त्र फुरे वाचा देखुं बाबा बाल्मीक स्वामी ढेरी वालेया तेरी हाजरी का तमाशा !

|| विधि ||इस साधना को किसी भी रविवार या पूर्णिमा से शुरू कर सकते है ! हर रोज देसी घी का दीपक जलाये और धूप अगरबत्ती जलाने के बाद अग्नि पर गुगल सुलगाते रहे और इस मन्त्र का सवा दो घंटे जाप करे ! ऐसा ४१ दिन करे ! हर रोज हलवे का भोग वाल्मीकि जी को लगाये ! अंतिम दिन लाल रंग का चोला किसी साधु को दान दे !

इस साधना में वाल्मीकि जी के बिम्बात्मक दर्शन भी हो जाते है ! वाल्मीकि उत्सव की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएँ !!

जय सदगुरुदेव !!

04/10/2025

# 📿🙇 # 🙏🏻❣️✨📿 ❤️🌷🥀🌺🌸

ॐ हनुमान पहलवान पहलवान,बरस बारह का जबान, हाथ में लड्डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,अंजनी का पूत, राम का दूत, ...
04/10/2025

ॐ हनुमान पहलवान पहलवान,

बरस बारह का जबान, हाथ में लड्डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,अंजनी का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौ नौ खंड का भूत, जाग जाग हड़मान (हनुमान) हुंकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुंवर हड़मान (हनुमान) करें।

* इस मंत्र की प्रतिदिन एक माला जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है। हनुमान मंदिर में जाकर साधक गरबत्ती जलाएं। इक्कीसवें दिन उसी मंदिर में एक नारियल व लाल कपड़े की एक ध्वजा चढ़ाएं। जप के बीच होने वाले अलौकिक चमत्कारों का अनुभव करके घबराना नहीं चाहिए। यह मंत्र भूत-प्रेत, डाकिनी-शाकिनी, नजर, टपकार व शरीर की रक्षा के लिए अत्यंत सफल है।

(शुद्धता, पवित्रता और एकाग्रता का विशेष ध्यान रखा जाए।)

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