11/11/2023
*दीपदानोत्सव/दीपोत्सव/धम्म ज्योति पर्व/प्रकाश पर्व/दीपावली/ धम्म दीवाली कब से और क्यों मनाई जाती है।*👇🏻👇🏻👇🏻
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*_प्राचीन काल में ऊरवेला (बोधगया) में बोधिवृक्ष के नीचे तथागत को ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे गोतम से बुद्ध बन गए। भगवान बुद्ध, ज्ञान प्राप्ति के बाद अपने पिता के अनुरोध पर पहली बार कपिलवस्तु पधारे तब कपिलवस्तु नगरवासियों ने भगवान बुद्ध के स्वागत में असंख्य दीप जलाकर दीपोत्सव/दीवाली मनाई थी।_*
_सम्राट अशोक महान ने तथागत बुद्ध के 84000 सूक्तों से प्रेरित होकर चौरासी हजार विहार, स्तूपों, चैत्यों और संघारामों का निर्माण करवाये थे। निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद सम्राट अशोक महान ने कार्तिक चतुर्दशी को एक भव्य उद्घाटन महोत्सव का आयोजन किया। इस महोत्सव के दिन सारे नगर, द्वार, महल तथा विहारों एवं स्तूपों को दीप माला एवं पुष्प माला से सुसज्जित किया गया तथा भारतवासियों ने इसे एक पर्व के रूप में हर्सोल्लास के साथ मनाया। सम्राट अशोक ने इस पर्व को “दीपदानोत्सव” नाम दिया_ |
*कैसे मनाएं दीपदानोत्सव👇🏻👇🏻👇🏻दीपदानोत्सव*👇🏻👇🏻👇🏻
👉🏻😊 _अपने घरों में धम्म स्थल बनाएं। धम्म स्थल में तथागत बुद्ध प्रतिमा व राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ रखें। उनके समक्ष दीप प्रज्वलित कर, बुद्ध वन्दना, त्रिशरण,पंचशील का सामूहिक पाठ करें। भिक्खु संघ को दान करें। खीर, मिठाई का भोजन करें | पूरे घर को दीप जलाकर प्रकाशित करें_
*सम्राट अशोक क्लब, भारत*
_@ राष्ट्र समर्पित संस्था_
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