27/10/2025
7 सेकेंड के लिए रुकी जिंदगी, देख ली मौत के उस पार वाली दुनिया शख़्स ने सुनाई दस्ता,सुन आप भी हो जाओगे हैरान
वैज्ञानिकों ने हाल ही में यह खुलासा किया है कि मस्तिष्क मृत्यु के बाद भी लगभग 7 मिनट तक सक्रिय रहता है। इस दौरान मस्तिष्क जीवन स्मरण की प्रक्रिया से गुजरता है, जिसमें व्यक्ति अपनी पूरी जिंदगी के यादगार पलों को एक फिल्म की तरह फिर से देखता है। इस खोज की शुरुआत एक मिर्गी से पीड़ित मरीज की मस्तिष्क गतिविधि की निगरानी के दौरान हुई, जब अचानक उसकी मृत्यु हो गई, जिससे वैज्ञानिकों को मस्तिष्क की अंतिम गतिविधि रिकॉर्ड करने का मौका मिला। इस दौरान मस्तिष्क 900 सेकंड यानी करीब 15 मिनट तक सक्रिय रहा, जिसमें हृदय रुकने के पहले और बाद के समय की गतिविधि शामिल थी। यह शोध मृत्यु के बाद मस्तिष्क की क्रियाशीलता और जीवन के अनुभव को समझने में नई दिशा प्रदान करता है।इसके अतिरिक्त, एक स्पेन के न्यूरोसाइंटिस्ट डॉ. एलेक्स गोमेज मारिन का अनुभव भी है, जिनकी दिल की धड़कन सात सेकंड के लिए रुक गई थी। उन्हीं सात सेकंडों में उन्होंने एक रहस्यमयी दुनिया देखी, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के गहरे अर्थ और मृत्यु के पार की दुनिया का अनुभव किया, जो विज्ञान की सीमाओं से बाहर था। उन्होंने देखा कि उनके सामने तीन आकृतियां थीं, जिनसे उन्होंने टेलीपैथिक संवाद किया और अपने खालीपन और शांति के अनुभव का वर्णन किया।इस प्रकार, वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो मस्तिष्क मृत्यु के तुरंत बाद भी कुछ समय के लिए सक्रिय रहता है और इस अवधि में व्यक्ति को जीवन के अनेक अनुभव पुनः जीने को मिलते हैं, जबकि व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर मृत्यु के बाद की परिस्थितियों की परिकल्पना भी की जा रही है जो विज्ञान की सामान्य समझ से परे हैं।यह जानकारी इस सवाल का स्पष्ट जवाब देती है कि "7 सेकेंड के लिए रुकी जिंदगी" के पीछे वैज्ञानिक अध्ययन और व्यक्तिगत अनुभव दोनों मौजूद हैं, जो मृत्यु के बाद मस्तिष्क की आश्चर्यजनक गतिविधि और जीवन के अंतिम अनुभवों को दर्शाते हैं।