04/08/2023
हिंदुस्तान का कोई भी शहर हो या गांव अपनी बेहतरीन प्रतिभा और हुनर के बल पर हमेशा से ही लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा है. लेकिन कहा जाता है कि आर्थिक तंगी समाज में सबसे गंभीर चुनौती है जो समय बीतने के साथ अच्छे अच्छे के हौसलों को भी पस्त कर देती है. कुछ ऐसे ही हालात हैं दिल्ली के मूर्तिकार राजू कुमार के. दरअसल राजू जोधपुर राजस्थान के रहने वाले हैं जो बीते 30 सालों से दिल्ली के सड़कों पर मूर्ति बेचने का काम करते हैं. इस कामकाज में उनका पूरा परिवार हाथ बटाता है और वह त्यौहार सीजन, अन्य प्रमुख समय के अलावा हर दिन सभी देवी देवताओं पर आधारित मूर्तियां बेचते हैं.
" नहीं मिल पाया अब तक कोई आशियाना - राजू "
दिल्ली नोएडा मार्ग पर सड़क के किनारे राजू मूर्ति बेचने का काम करते हैं. एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान राजू ने कहा कि - लगभग 30 सालों से वह दिल्ली में मूर्ति बेचने का काम कर रहें हैं. जिसमें उनके परिवार के बच्चे,पत्नी व अन्य सदस्य भी शामिल रहते हैं. कड़ी मेहनत के बाद मूर्तियों को तैयार किया जाता है. खास तौर पर त्यौहार के समय जैसे दुर्गा पूजा, गणपति पूजन सरस्वती पूजा, दीपावली जैसे प्रमुख त्योहारों पर इन मूर्तियों की मांग सबसे अधिक रहती है लेकिन आम दिनों में छोटे मूर्तियों को ही लेने के लिए ग्राहक आते हैं. अब तक गुजर-बसर किराए के मकान में होता है लेकिन कभी-कभी आर्थिक तंगी की वजह परिवार के साथ सड़कों पर ही रहने के लिए मजबूर हो जाते हैं.
" फीट से लेकर 5 फीट की मूर्तियां "
एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान राजू ने कहा कि उनके पास - देवी-देवताओं भगवान शंकर गणेश जी श्री कृष्ण भगवान दुर्गा जी व अन्य महापुरुषों की मूर्तियां हैं जिसकी ऊंचाई । फीट से लेकर 5 फीट तक है. मूर्तियों को प्लास्टर ऑफ पेरिस की मदद से विशेष विधि से बनाया जाता है जिसमें लगभग 5 से 7 दिन तक का समय लगता है. मूर्ति बनाने में दिन-रात कड़ी मेहनत लगती है जिसमें पूरा परिवार शामिल रहता है. त्योहार सीजन में इन मूर्तियों की मांग अधिक होती है जिसकी आमदनी के बाद साल भर का गुजर-बसर चलाया जाता है. वैसे अभी तक 30 सालों में दिल्ली में रहने का ठिकाना नहीं मिल पाया जिसकी वजह से कभी-कभी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.