02/09/2024
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*( बेहट सहारनपुर )*
आज रविवार को जामिया हजरत फातिमा आलमपुर, अमादपुर में पुस्तक विमोचन (बा फैज़ शख़्सियत) के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत जामिया के छात्र मुहम्मद उमेर की तिलावत और कारी मुहम्मद अहमद की नात पाक से हुवा
समारोह की अध्यक्षता मदरसा फैज़ हिदायत रहीमी रायपुर के शेखुल हदीस मौलाना मुहम्मद ताहिर साहब मज़ाहिरी ने की, जबकि मौलाना मुफ्ती मुहम्मद तय्यब साहब कासमी और मौलाना मुजम्मल साहब ने संयुक्त रूप से समारोह का संचालन किया।
मुख्य अतिथि के रूप में हजरत मौलाना अब्दुल रशीद साहब मदरसा फैजाने रहीमी मिर्ज़ापुर सहारनपुर, हजरत मौलाना अब्दुल रहीम साहब मदरसा फैज हिदायत रहीमी रायपुर, हजरत अल्हाज शाह अतीक अहमद साहब प्रमुख खानकाह रायपुर , हाफिज साईं अब्दुल रहीम साहब जेत पुरी भाई ( साईं अब्दुल्ला जेत पुरी ) ने शिरकत की
उल्लेखनीय है कि "किताब बा फ़ैज़ शख़्सियत" हज़रत मौलाना मुहम्मद अय्यूब साहब कासमी के जीवन और सेवाओं पर एक महत्वपूर्ण जीवनी संबंधी किताब है, जिसका संकलन मौलाना फ़तेह मुहम्मद नदवी साहब और मौलाना सलमान अय्यूबी साहब ने संयुक्त रूप से किया है पुस्तक में मौलाना अय्यूब साहब के शैक्षणिक, आध्यात्मिक और सुधार प्रयासों को विस्तार से शामिल किया गया है।
इस किताब में हज़रत मौलाना (अलैहि रहमा) के जीवन और सेवाओं पर समय के विश्वसनीय लेखकों ने अपने लेखों के माध्यम से प्रकाश डाला है मदरसा फैज हिदायत रहीमी रायपुर के शिक्षक हजरत मौलाना शमून साहब मजाहिरी ने कहा कि हजरत मौलाना अयूब साहब की गिनती उन विद्वानों में होती है जिन्होंने अपना जीवन धर्म की सेवा में समर्पित कर दिया। उनका ज्ञान प्रबल और गहरा था, विशेषकर दर्स निज़ामी की पुस्तकों पर उनकी गहरी नज़र थी। उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें अपने समय के प्रमुख विद्वानों में से एक बना दिया।
प्रोग्राम में मौलाना मुफ्ती मुहम्मद वासिल साहब गंगोही, मौलाना इलियास कासमी पौंटी (हरियाणा), मौलाना सादिक साहब साहिबजादा, सूफी मोइनुद्दीन साहब प्रमुख खानकाह पठेड, हाफिज मास्टर गफरान अंजुम साहब प्रधान आलमपुर, मौलाना फतेह मुहम्मद नदवी खुजनावरी और अन्य गणमान्य व्यक्ति ने भी अपने भाषण दिये और अपने विचार व्यक्त किये
कार्यक्रम अध्यक्ष के भाषण और दुआ के साथ समाप्त हुआ।
इससे पहले जामिया हजरत फातिमा के निदेशक मौलाना मोहम्मद तैयब साहब कासमी ने सभी अतिथियों का शुक्रिया अदा किया। कार्यक्रम में शामिल होने वालों में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल ( नाहन ) ,उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी के मदरसा प्रभारी, विद्वान और कई छात्र शामिल थे। बड़ी संख्या में स्थानीय बुजुर्ग मौजूद थे।