27/11/2025
बिहार की राजनीति: ठंड में भी तपता सियासी तापमान
— एक विश्लेषणात्मक समाचार लेख
बिहार की राजनीति हमेशा से उतार-चढ़ाव और अप्रत्याशित फैसलों की भूमि रही है। यहाँ की सियासत का रंग इतना बदलता है कि “सुबह का सूरज शाम तक अपना रूप बदल ले”— यही कहावत बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर पूरी तरह फिट बैठती है।
हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत ने सबको चौंका दिया था। लोग मान बैठे थे कि अब सरकार स्थिर होगी और विकास पर फोकस बढ़ेगा। लेकिन “राजनीति नदी का पानी है, कब किस दिशा में मुड़ जाए कोई नहीं जानता”— बिल्कुल यही होता दिखाई दे रहा है। सरकार बनते ही मंत्रालयों का अचानक बदलना, फिर गृह विभाग पर उठे सवाल और उससे भी बड़ी बात—स्पीकर पद के चयन में बनी नई खींचतान—सभी संकेत दे रहे हैं कि राजनीति की बिसात पर चालें पहले से ज्यादा तेज़ और धारदार हो चुकी हैं।
कहने को तो बीजेपी की रणनीति ने कई समीकरण साधे, पर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह रणनीति कहीं न कहीं नीतीश कुमार को घेरने का प्रयास भी रही। लेकिन नीतीश कुमार भी “पुराने खिलाड़ी, तीर कमान से चलाना जानते हैं”— राजनैतिक सूझबूझ के दम पर वे फिर से खुद को सत्ता संतुलन का केंद्र बिंदु बनाने में जुट गए हैं। अगर उनका मिज़ाज एक बार भी बिगड़ गया, तो बिना किसी संदेह के—“ताश का महल सेकंडों में बिखर सकता है”।
दिसंबर की ठंड में जहाँ बिहार गलन महसूस कर रहा है, वहीं राजनीतिक गलियारों में इतनी गर्मी है कि “हवा भी तपती लग रही है।” इसका कारण साफ है—एनडीए की सरकार का अस्तित्व काफी हद तक नीतीश कुमार पर टिका है। अगर वह अपने कदम पीछे खींचते हैं, तो सियासत में भूचाल आना तय माना जा रहा है।
बिहार की राजनीति वैसे भी अनिश्चितता का खेल है—“यहाँ पत्ता कब फेंट दिया जाए, खिलाड़ी कब बदल जाए, कोई नहीं जानता।” राबड़ी देवी का अचानक मुख्यमंत्री बन जाना हो या दीपक कुमार जैसे अपेक्षाकृत नए चेहरे का सीधे मंत्री पद तक पहुँच जाना—ये सभी घटनाएँ बताती हैं कि बिहार में कुछ भी संभव है।
अब पूरा राज्य उत्सुकता से देख रहा है कि आगामी 2–3 दिनों में सियासत किस दिशा में आगे बढ़ती है। क्या नीतीश कुमार एक बार फिर अपनी राजनीतिक चतुराई से नया इतिहास लिखेंगे? या फिर यह समय बिहार की जनभावना के एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा?
राजनीति का रंग चंचल होता है—आज लाल, कल हरा, परसों न जाने कौन-सा।
आने वाला वक्त ही बताएगा कि बिहार किस रंग में रंगने जा रहा है।
सन्नी श्रीवास्तव की कलम से✒️✒️✒️✒️.....
#जेडीयू