11/08/2025
                                            आज भी मुख्यधारा का भारतीय मीडिया का एक बड़ा हिस्सा केवल विशेष और संपन्न वर्ग के लोगों की चिंताओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। इस संदर्भ में, देश के हाशिये पर खड़े समाज – जिनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाएं, अल्पसंख्यक, किसान और मज़दूर शामिल हैं – उनके हितों और संघर्षों को आसानी से नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। SOCIAL AAWAZ इन हाशिये पर खड़े समाज की आवाज़ बनने का एक प्रयास है।
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