ज्योतिष और आध्यात्म

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🌟 भाग्य को मजबूत करने के प्रभावशाली  उपाय 🌟🔸 1. हनुमान चालीसा का पाठ करेंश्री हनुमान चालीसा नित्य पाठ से डर, बाधा और नका...
17/07/2025

🌟 भाग्य को मजबूत करने के प्रभावशाली उपाय 🌟
🔸 1. हनुमान चालीसा का पाठ करें
श्री हनुमान चालीसा नित्य पाठ से डर, बाधा और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। आत्मबल और भाग्य दोनों बढ़ते हैं।
🔸 2. हनुमान जी को चोला चढ़ाएं
मंगलवार या शनिवार को सिंदूर व चमेली तेल से हनुमान जी को चोला चढ़ाएं — संकट कटेंगे और मनोकामनाएं पूरी होंगी।
🔸 3. जीव-जंतुओं को भोजन कराएं
गाय, कुत्ते, कौवे, पक्षी और चींटियों को रोटी या भोजन देने से पुण्य फल प्राप्त होता है और पितृ दोष शांत होता है।
🔸 4. शिवलिंग पर जल, बिलपत्र और अक्षत चढ़ाएं
प्रतिदिन प्रातः भगवान शिव को जल और बिल्वपत्र अर्पित करें — इससे ग्रहदोष शांत होते हैं और भाग्य बलवान होता है।
🔸 5. लक्ष्मी-नारायण की पूजा करें
श्री विष्णु और महालक्ष्मी की संयुक्त पूजा से आर्थिक समृद्धि आती है और दरिद्रता का नाश होता है।
🔸 6. शाम को दीपक लगाएं
प्रत्येक शाम मंदिर या घर के ईशान कोण में दीपक लगाना अत्यंत शुभफलदायक होता है — यह नकारात्मक ऊर्जा को हटाता है।
🔸 7. पूर्णिमा को चंद्रमा की पूजा करें
चंद्रमा को दूध अर्पित करें और शांत चित्त से चंद्र मंत्र का जाप करें — मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।
🔸 8. पवित्र वृक्षों की जड़ में जल चढ़ाएं
पीपल, नीम, बरगद और केले के वृक्ष की पूजा कर उनकी जड़ में जल अर्पण करने से पुण्य और देव कृपा प्राप्त होती है।
🔸 9. चांदी या तांबे के गिलास में जल पिएं
ताम्र या रजत पात्र में जल पीने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
🔸 10. घर में कर्पूर जलाएं
प्रत्येक सुबह-शाम कर्पूर जलाने से वातावरण पवित्र होता है और वास्तु दोष दूर होते हैं।
🔸 11. फिटकरी से दांत साफ करें
फिटकरी से दाँतों की सफाई करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है और शनि व राहु दोष भी शांत होते हैं।
🔸 12. लौंग का दान करें
लौंग का दान शनि, राहु व केतु दोषों से राहत देता है। यह विशेष रूप से बुधवार व शनिवार को लाभकारी होता है।
🔸 13. शनिवार को शिवलिंग पर लौंग अर्पित करें
शिवलिंग पर लौंग चढ़ाने से शनि दोषों से छुटकारा मिलता है और कार्यों में सफलता मिलती है।
🔸 14. घर से निकलते समय मुंह में लौंग रखें
यह एक सरल किंतु प्रभावी टोटका है, जो कार्य में सफलता और विजय प्रदान करता है।
Astro भुवनेश शर्मा

ग्रहकुल दशा का फल
12/07/2025

ग्रहकुल दशा का फल

शनि देव हिंदू ज्योतिष और धर्म में एक महत्वपूर्ण ग्रह और देवता हैं, जिन्हें न्याय और कर्म का कारक माना जाता है। वे सूर्य ...
06/07/2025

शनि देव हिंदू ज्योतिष और धर्म में एक महत्वपूर्ण ग्रह और देवता हैं, जिन्हें न्याय और कर्म का कारक माना जाता है। वे सूर्य देव और छाया (या संज्ञा) के पुत्र हैं।

शनि को कठोर लेकिन निष्पक्ष देवता के रूप में जाना जाता है, जो व्यक्ति के कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं। ज्योतिष में शनि अनुशासन, मेहनत, और दीर्घकालिक परिणामों का प्रतीक हैं।

उनकी साढ़ेसाती और ढैय्या जैसी दशाएं जीवन में चुनौतियां ला सकती हैं, जो व्यक्ति को धैर्य और आत्म-संयम सिखाती हैं।

शनि देव का वाहन कौआ है, और वे नीले नीलम रत्न से जुड़े हैं। शनिवार का दिन और हनुमान चालीसा का पाठ उनके पूजन के लिए विशेष माना जाता है।

शनि मंदिरों, जैसे शिंगणापुर का शनि मंदिर, में भक्त उनकी कृपा पाने के लिए पूजा करते हैं। शनि देव कर्मों की सच्चाई और न्याय के प्रतीक हैं।

05/07/2025

02/07/2025
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
26/06/2025

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

23/06/2025

लग्न का गुरु कम आयु मे अधिक जिम्मेदारियां समय से पहले बुढ़ापा, विपरीत परिस्थिति मे भी हार ना मानाने वाला

ॐ दिशाशूल क्या होता है ? ~~~~~~~~~~~~~~~~क्यों बड़े बुजुर्ग तिथि देख कर आने जाने की रोक टोक करते हैं ? आज की युवा पीढ़ी भल...
20/06/2025

ॐ दिशाशूल क्या होता है ?
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क्यों बड़े बुजुर्ग तिथि देख कर आने जाने की रोक टोक करते हैं ? आज की युवा पीढ़ी भले हि उन्हें आउटडेटेड कहे ..लेकिन बड़े सदा बड़े ही रहते हैं। इसलिए आदर करे उनकी बातों का ;

दिशाशूल समझने से पहले हमें दस दिशाओं के विषय में ज्ञान होना आवश्यक है।

हम सबने पढ़ा है कि दिशाएं ४ होती हैं।

१) पूर्व
२) पश्चिम
३) उत्तर
४) दक्षिण

परन्तु जब हम उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं तो ज्ञात होता है कि वास्तव में दिशाएँ दस होती हैं।

१) पूर्व
२) पश्चिम
३) उत्तर
४) दक्षिण
५) उत्तर - पूर्व
६) उत्तर - पश्चिम
७) दक्षिण – पूर्व
८) दक्षिण – पश्चिम
९) आकाश
१०) पृथ्वी

हमारे सनातन धर्म के ग्रंथो में सदैव १० दिशाओं का ही वर्णन किया गया है, जैसे हनुमान जी ने युद्ध में इतनी आवाजे की उनकी आवाज दसों दिशाओं में सुनाई दी
हम यह भी जानते हैं कि प्रत्येक दिशा के देवता होते हैं।

दसों दिशाओं को समझने के पश्चात अब हम बात करते हैं वैदिक ज्योतिष की,

ज्योतिष शब्द “ज्योति” से बना है जिसका भावार्थ होता है “प्रकाश”

वैदिक ज्योतिष में अत्यंत विस्तृत रूप में मनुष्य के जीवन की हर परिस्तिथियों से सम्बन्धित विश्लेषण किया गया है कि मनुष्य यदि इसको तनिक भी समझ ले तो वह अपने जीवन में उत्पन्न होने वाली बहुत सी समस्याओं से बच
सकता है और अपना जीवन सुखी बना सकता है।

दिशाशूल क्या होता है ?
~~~~~~~~~~~~~~
दिशाशूल वह दिशा है जिस तरफ यात्रा नहीं करना चाहिए हर दिन किसी एक दिशा की ओर दिशाशूल होता है।

१) सोमवार और शुक्रवार को पूर्व
२) रविवार और शुक्रवार को पश्चिम
३) मंगलवार और बुधवार को उत्तर
४) गुरूवार को दक्षिण
५) सोमवार और गुरूवार को दक्षिण-पूर्व
६) रविवार और शुक्रवार को दक्षिण-पश्चिम
७) मंगलवार को उत्तर-पश्चिम
८) बुधवार और शनिवार को उत्तर-पूर्व

परन्तु यदि एक ही दिन यात्रा करके उसी दिन वापिस आ जाना हो तो ऐसी दशा में दिशाशूल का विचार नहीं किया जाता है

परन्तु यदि कोई आवश्यक कार्य हो ओर उसी दिशा की तरफ यात्रा करनी पड़े, जिस दिन वहाँ दिशाशूल हो तो यह
उपाय करके यात्रा कर लेनी चाहिए –

रविवार – दलिया और घी खाकर
सोमवार – दर्पण देख कर
मंगलवार – गुड़ खा कर
बुधवार – तिल, धनिया खा कर
गुरूवार – दही खा कर
शुक्रवार – जौ खा कर
शनिवार – अदरक अथवा उड़द की दाल खा कर

साधारणतया दिशाशूल का इतना विचार नहीं किया जाता परन्तु यदि व्यक्ति के जीवन का अति महत्वपूर्ण कार्य है तो दिशाशूल का ज्ञान होने से व्यक्ति मार्ग में आने वाली बाधाओं से बच सकता है।

आशा करते हैं कि आपके जीवन में भी यह ज्ञान उपयोगी सिद्ध होगा तथा आप इसका लाभ उठाकर अपने दैनिक जीवन में सफलता प्राप्त करेंगे।

जय सनातन धर्म
🚩🙏 जय माता दी भारत माता कि जय 🚩🙏

 #शायरी
19/06/2025

#शायरी

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