10/08/2025
कुछ लोग Facebook पर एक msg copy paste किए जा रहे हैं उनके लिए मैंने से पूछा क्या है दावा सही है तो जवाब है कि....... नहीं, यह दावा सही नहीं है। आपके द्वारा साझा किया गया संदेश एक वायरल होक्स (भ्रामक दावा) का हिस्सा है, जो समय-समय पर फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फैलता रहता है। इस तरह के संदेशों में दावा किया जाता है कि फेसबुक या मेटा नए नियम लागू कर रहे हैं, जिसके तहत वे यूजर्स की तस्वीरों और निजी जानकारी का उपयोग अपने व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं, और इसे रोकने के लिए यूजर्स को ऐसी पोस्ट अपने प्रोफाइल पर डालनी होगी। यह दावा पूरी तरह से गलत है और इसे कई बार फेसबुक और तथ्य-जांच संगठनों द्वारा खारिज किया जा चुका है।
# # # मुख्य बिंदु:
1. **फेसबुक की गोपनीयता नीति**: जब आप फेसबुक पर अकाउंट बनाते हैं, तो आप उनकी सेवा शर्तों (Terms of Service) और गोपनीयता नीति (Privacy Policy) को स्वीकार करते हैं। इस नीति में पहले से ही यह बताया गया है कि फेसबुक आपके डेटा (जैसे फोटो, पोस्ट, आदि) का उपयोग कैसे करता है। इस तरह की पोस्ट डालने से आपकी गोपनीयता पर कोई कानूनी प्रभाव नहीं पड़ता, क्योंकि यह नीति पहले से ही लागू है।
2. **वायरल पोस्ट का इतिहास**: इस तरह के दावे 2016, 2022, और अब 2025 में भी वायरल हो चुके हैं। ये संदेश भ्रामक होते हैं और इनका कोई आधार नहीं है। फेसबुक या मेटा ने इस तरह के किसी नए नियम की घोषणा नहीं की है, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है। मेटा ने न्यूजचेकर जैसे तथ्य-जांच संगठनों को स्पष्ट किया है कि यह दावा फर्जी है।
3. **कानूनी प्रभाव**: यह दावा कि ऐसी पोस्ट न डालने से आपकी तस्वीरों और जानकारी के उपयोग की अनुमति मानी जाएगी, गलत है। फेसबुक की गोपनीयता नीति में पहले से ही यूजर्स के डेटा के उपयोग की शर्तें दी गई हैं, और ऐसी पोस्ट डालने या न डालने से कोई कानूनी परिणाम नहीं होता।
4. **सोशल मीडिया पर भ्रामकता**: यह एक तरह की "भेड़ चाल" है, जहां लोग बिना सत्यापन के ऐसी पोस्ट को कॉपी-पेस्ट कर रहे हैं। ऐसी पोस्ट्स का उद्देश्य यूजर्स में डर पैदा करना और गलत जानकारी फैलाना हो सकता है।
# # # सत्यापन:
- न्यूजचेकर ने मेटा से संपर्क कर इस दावे को गलत साबित किया है। मेटा ने स्पष्ट किया कि इस तरह का कोई नया नियम लागू नहीं हो रहा है
- अमर उजाला और अन्य विश्वसनीय स्रोतों ने भी इस दावे को होक्स बताया है।
- फेसबुक की आधिकारिक वेबसाइट पर गोपनीयता नीति में इस तरह के किसी नए नियम का उल्लेख नहीं है।
# # # क्या करें?
- **ऐसी पोस्ट न करें**: इस तरह की पोस्ट डालने से कोई लाभ नहीं है, और यह केवल भ्रामक जानकारी को और फैलाता है।
- **गोपनीयता सेटिंग्स जांचें**: अपनी फेसबुक प्रोफाइल की गोपनीयता सेटिंग्स (Privacy Settings) में जाकर आप यह नियंत्रित कर सकते हैं कि आपकी जानकारी और पोस्ट कौन देख सकता है। उदाहरण के लिए, आप अपनी पोस्ट को "Only Friends" या "Only Me" तक सीमित कर सकते हैं।
- **संदिग्ध दावों की जांच करें**: अगर आपको कोई ऐसी पोस्ट या मैसेज मिले, तो उसे शेयर करने से पहले उसकी सत्यता जांचें। विश्वसनीय तथ्य-जांच वेबसाइट्स जैसे न्यूजचेकर या फेसबुक की आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी देखें।
- **जागरूक रहें**: सोशल मीडिया पर इस तरह के वायरल मैसेज अक्सर डर फैलाने के लिए बनाए जाते हैं। हमेशा आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लें।
# # # 2025 में फेसबुक के नए नियम:
2025 में फेसबुक (मेटा) ने कुछ नए नियम लागू किए हैं, लेकिन ये मुख्य रूप से डुप्लिकेट कंटेंट को रोकने और ओरिजिनल कंटेंट क्रिएटर्स को बढ़ावा देने से संबंधित हैं। उदाहरण के लिए:
- बिना क्रेडिट के फोटो, वीडियो या टेक्स्ट कॉपी-पेस्ट करने वाले अकाउंट्स की रीच कम हो सकती है, मॉनेटाइजेशन बंद हो सकता है, या अकाउंट डिलीट हो सकता है।
- मेटा ने डेटा गोपनीयता नीतियों में कुछ बदलाव किए हैं, जैसे यूजर्स को यह बताना कि उनकी जानकारी कैसे और क्यों शेयर की जा रही है, लेकिन ये बदलाव 2022 में ही शुरू हो गए थे और इनका वायरल पोस्ट से कोई संबंध नहीं है।
# # # निष्कर्ष:
आपके द्वारा साझा किया गया संदेश एक भ्रामक और पुराना होक्स है। फेसबुक या मेटा ने 2025 में इस तरह का कोई नया नियम लागू नहीं किया है, जैसा कि दावा किया जा रहा है। ऐसी पोस्ट डालने की कोई आवश्यकता नहीं है, और यह आपकी गोपनीयता को प्रभावित नहीं करता। अपनी गोपनीयता को सुरक्षित रखने के लिए फेसबुक की सेटिंग्स का उपयोग करें और भ्रामक दावों से सावधान रहें।