31/01/2025
1296 वॉ उर्से मुबारक (1,2शाबान) #इमाम_ए_आजम अबू हनीफा रहमतुल्लाह अलैह
नाम :नोमान, कुन्नियत :अबू हनीफा, वालिद का नाम :साबित, अल्काब :इमाम ए आजम, इमामुल अईम्मा, सिराजुल अईम्मा रईसुल फुकहा उल मुहद्दिसीन, सय्यदुल औलिया उल मुहद्दिसीन
उम्मतें मोहम्मदिया में चार इमाम पैदा किए
1-हजरत इमाम ए आजम अबू हनीफा रहमतुल्लाह अलैह
2-हजरत इमाम मालिक रहमतुल्लाह अलैह
3-हजरत इमाम शाफ़ई रहमतुल्लाह अलैह
4-हजरत इमाम अहमद बिन हम्बल रहमतुल्लाह अलैह
अब जो लोग हम से ये कहते हैं कि तुम मसलके इमामे आजम का नारा क्यू ज़्यादा लगते हो तो सुन लो
अगर आप सुन्नी हैं आप का मसलक हनाफ़ी है और आप इमाम ए आजम को नहीं जानते जिन्होंने इल्म ए फिक़ह को बाक़ाएदा एक Subject बना दिया फिक़ह ए हनाफी को दुनिया में जबरदस्त तरक्की मिली आपके बारे में हजरत इमाम शाफ़ई रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है जो शख्स फिक़ह में कमाल पैदा करना चाहता है तो उसे इमाम अबू हनीफा के इल्म से मदद हासिल करना चाहिए
1=इमाम ए आजम हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम के रौज़ए मुबारक पे गये और कहा अस्सलामोअलैक या सैय्यदुलमुरसलीन तो जबाब आया वाअलैकुमअस्सलाम या इमामुल मुस्लेमीन
2=आप एक रात में तीन सौ रकअत अदा करते थे फिर हर शब में पाँच सौ रकअत अदा करने लगे फिर हर रात एक हजार रकअत पढ़ने लगे
3= इमाम आज़म अबू हनीफा रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है कि हजरत इमाम जाफरसदिक अलैहिस्सलाम की बैअत के आखिरी दो साल मुझे न मिले होते तो मैं हलाक हो जाता
4= इमाम-ए-आजम अबू हनीफा रहमतुल्लाह अलैह के विसाल का वक्त आया तो आप सज्दे में गये और उसी हालत में रूह परवाज़ कर गयी
5= कुरआन ए करीम में कोई सूरत ऐसी नही जो आप ने वित्र में न पढ़ी हो
6= हजरत दाउद ताई रहमतुल्लाह अलैह का कहना है कि मैं बीस साल इमामे आजम अबू हनीफा रहमतुल्लाह अलैह के पास रहा कभी उनको नंगे सर, पाँव फैलाते हुए न देखा
7= इमाम ए आजम अबू हनीफा रहमतुल्लाह अलैह का जिस जगह विसाल हुआ उस जगह आप ने सत्तर हजार कुरआन ए करीम मुकम्मल किए
आपने अल्लाहतआला का 99 बार दीदार किया
हजरत अली शेरे खुदा अलैहिस्सलाम ने आप के वालिद को दुआ से नवाज़ा और इल्म मे बरकत की दुआ फरमाई
#इमाम_जाफर_ए_सादिक_अलैहिस्सलाम से आपने इल्म हासिल किया और आप उनकी गुलामी में रहें
#इमाम_शाफ़ई फरमाते हैं कि अगर इमाम ए आज़म अबु हनीफ़ा एक मिट्टी के सुतून को सोना कह दें तो किसी भी इल्म वाले में इतना दम नही के उसे मिट्टी का सुतून साबित कर सके
इमाम ए आजम अबू हनीफा रहमतुल्लाह अलैह के जनाजे की नमाज 6बार पढ़ी गई और जितने भी आदमियों ने पढ़ी उस का अन्दाज़ लगाया गया तो पचास हजार से ज्यादा तादाद साबित हुई इमाम ए आजम अबू हनीफा रहमतुल्लाह अलैह ने पचपन हज अदा फरमाए। इमाम ए आजम अबू हनीफा रहमतुल्लाह अलैह पैंतालीस साल इशा के वुजू से फ़ज्र की नमाज पढ़ी।
अल्लाह और उसके प्यारे हबीब सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम के बेहतर आप की शान कोई नहीं समझ सकता
हम सब पर एहसान हैं इमाम ए आजम अबू हनीफा रहमतुल्लाह अलैह का हम सिर्फ मसलके इमामे आजम का नारा लगते रहेगें जिसे परेशानी है वो परेशान रहे
हमारे इमाम शहीद हुए हैं अहले बैत की मुहब्बत में हम सब गुलाम है पंजतन ए पाक के
आप के बेशुमार फजाईल है अल्हमदो लिल्लाह
उर्से इमाम-ए-आजम अबू हनीफा रहमतुल्लाह अलैह के पूर-नूर मौके पर मै सब को दावत देता हूँ नारा लगने के लिए
मसलके इमाम-ए-आजम जिन्दाबाद जिन्दाबाद जिन्दाबाद
📝📝गुलाम ए सक़लैन अहमद सक़लैनी शाही