04/11/2025
खुशियों की दास्तां
पीएम आवास योजना: हजारो लोगों को मिली पक्की छत
आवास बनने से नंदापुर के सोनू आदिवासी के जीवन में आया बदलाव
श्योपुर, 04 नवंबर 2025
प्रधानमंत्री आवास योजना से श्योपुर जिल के हजारों लोगों को पक्की छत उपलब्ध हुई है, घास फूस और कच्ची पाटोर के घरों में रहने वाले हजारों लोगों के लिए पीएम आवास योजना वरदान साबित हुई है। पक्के घर बनने से उनके जीवन में कई बदलाव भी आये है, रहन-सहन के स्तर में सुधार हुआ है और बारिश, सर्दी, गर्मी के मौसम में रहवास की अनुकूलता उपलब्ध हुई है।
पीएम आवास योजना ने जिले के कई ग्रामीण परिवारों को खुशियां प्रदान करने का कार्य किया है। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री अर्पित वर्मा के नेतृत्व में पीएम आवास योजना अंतर्गत हितग्राहियों को सतत् रूप से आवास प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। पिछले पांच सालों में पीएम आवास एवं पीएम जनमन योजना के तहत 67 हजार से अधिक परिवारों को पक्के घर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। हाल ही के सालों में शुरू हुई पीएम जनमन योजना से ही 18 हजार 152 सहरिया परिवारों को पक्के घर मिल गये है, पीएम आवास योजना में 48 हजार 860 हितग्राही अभी तक लाभान्वित हो चुके है, बदलाव का यह दौर निरंतर जारी है।
श्योपुर विकासखण्ड के ग्राम नंदापुर का एक ऐसा ही आदिवासी परिवार है, जिसे पीएम जनमन योजना के तहत आवास का लाभ मिला है, हितग्राही श्री सोनू आदिवासी पुत्र श्री श्याम आदिवासी पक्के मकान की सौगात से काफी प्रंसन्न है। पहले पत्थर की पाटोर और मिट्टी की दीवारो से बनी छोटी सी झोपडी में परिवार सहित रह रहे सोनू को वर्षाकाल में काफी कठिनाईयों का सामना करना पडता था, कच्ची छत को बारिश से टपकने के लिए बचाने में पाल-पन्नी खरीदने पर अलग से पैसे खर्च करने पडते थे। कच्चा मकान होने से जहरीले जीव-जन्तुओ के काटने का खतरा भी हमेशा बना रहता था, आमदनी इतनी नही थी कि वह अपने परिवार के लिए पक्का घर बना सकें। कठिनाईयों के साथ जीवन यापन कर रहे, श्री सोनू आदिवासी को पीएम जनमन योजना से बडा सहारा मिला। योजना के तहत सभी आदिवासी परिवारों को पक्के घर का लाभ दिये जाने की शासन की मंशा के अनुरूप सोनू आदिवासी को भी घर बनाने के लिए दो लाख रूपये की राशि तीन किस्तो में मिली, जिससे उसने अपने परिवार के लिए साफ-सुथरा पक्का आवास बना लिया। किस्त के अलावा मनरेगा से 18 हजार 469 रूपये मजदूरी करने के अलग से मिले, जो उसने रंग-रोगन और मकान की साज-सज्जा पर खर्च कर मकान को आर्कषक बनाने का कार्य किया। अब वह अपनी पत्नि, बच्चों के साथ पक्के मकान में रहकर आनंदपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहा है।