Monu Bhardwaj

Monu Bhardwaj Silent, but not weak

05/09/2025

“एक शिक्षक का असली प्रभाव उस किताब में नहीं दिखता जिसे वह पढ़ाता है, बल्कि उस जीवन में दिखता है जिसे वह छूता है।”

शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
#शिक्षक

31/08/2025

पवित्र धाम वृन्दावन के श्री जानकी वल्लभ मन्दिर नारायण आश्रम में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष एवं श्री कृष्ण जन्मभूमि न्यास के प्रमुख परम पूज्य महंत श्री नृत्य गोपाल दास जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। Shree Somnath Temple Jagadguru Rambhadracharya Ji Swami Avdheshanand Giri

27/08/2025
26/08/2025

क्या हिमाचल की आपदा दैवीय प्रकोप है?

हिमाचल प्रदेश बीते कुछ वर्षों से लगातार प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है—भारी वर्षा, भूस्खलन, अचानक आने वाले बाढ़ जैसे हालात और पर्यावरणीय असंतुलन अब आम दृश्य बनते जा रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या यह केवल प्राकृतिक प्रक्रियाएँ हैं, या कहीं दैवीय नियम और मानवीय हस्तक्षेप के बीच का टकराव है?
हिमालय सदियों से एक धार्मिक और पवित्र भू-भाग माना गया है। यहाँ की नदियाँ, झीलें, पर्वत और वन लोक आस्था से जुड़े रहे हैं। स्थानीय परंपराओं में यह स्पष्ट है कि प्रकृति के साथ संतुलन और संयम ही जीवन का आधार है। लेकिन आधुनिक विकास की दौड़ में, जब हमने पहाड़ों को अंधाधुंध काटना शुरू किया, नदियों के बहाव को बदलने की कोशिश की, और जंगलों को पर्यटन व निर्माण के नाम पर समाप्त करना शुरू किया, तब कहीं न कहीं यह "दैवीय नियम" को चुनौती देने जैसा ही हुआ। बात अगर सामान्य पर्यटन बनाम धार्मिक पर्यटन के बारे में की जाए तो हम पर्यटन को केवल आर्थिक दृष्टि से देखते हैं—सड़कें, होटल, रिसॉर्ट, एडवेंचर एक्टिविटी और पर्यटक संख्या बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है। परंतु धार्मिक पर्यटन केवल “आवागमन” नहीं है, बल्कि “अनुभव और आस्था” है।
धार्मिक पर्यटन का मूल उद्देश्य है—प्रकृति और संस्कृति का सम्मान, आस्था के साथ संतुलित जीवन जीना और सीमित संसाधनों का संयमित उपयोग।
सामान्य पर्यटन आज बाज़ारवादी दृष्टिकोण से केवल उपभोग और मनोरंजन का साधन बन गया है।
यही कारण है कि हम हिमाचल में पर्यटन तो विकसित करना चाहते हैं, लेकिन धार्मिक पर्यटन और सामान्य पर्यटन के बीच का अंतर समझने में असफल हो रहे हैं।
हिमाचल में बार-बार आने वाली आपदाएँ कहीं न कहीं यह संकेत देती हैं कि प्रकृति का अपना नियम है और जब हम उससे छेड़छाड़ करते हैं, तो परिणाम भयावह होते हैं। यह दैवीय प्रकोप नहीं तो और क्या है कि हम अपने ही बनाए ढांचे के नीचे दबते जा रहे हैं?
हिमाचल का विकास केवल “भौतिक पर्यटन” के मॉडल पर नहीं टिक सकता। हमें धार्मिक और सामान्य पर्यटन के बीच संतुलन स्थापित करना होगा। धार्मिक पर्यटन से हम प्रकृति का सम्मान करना सीखते हैं, जबकि आधुनिक पर्यटन हमें केवल आर्थिक लाभ दिखाता है। जब तक हम इस अंतर को समझकर संतुलित दृष्टिकोण नहीं अपनाते, तब तक हिमाचल की आपदाएँ हमें बार-बार यह याद दिलाती रहेंगी कि “दैवीय नियम” से बड़ा कोई विकास मॉडल नहीं हो सकता। Following

24/08/2025

मित्रां दा नां चलदा
पशु मित्र,वन मित्र , फलां मित्र
Highlights

24/08/2025
09/08/2025

रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं

राखी का ये पावन त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के वचन का प्रतीक है।
आज के दिन न सिर्फ धागा बांधा जाता है, बल्कि रिश्तों में अपनापन, सम्मान और स्नेह की डोर और मजबूत होती है।

इस रक्षाबंधन, आइए हम सब अपने रिश्तों में प्यार और विश्वास का धागा बुनें।

सभी को रक्षाबंधन की ढेरों शुभकामनाएं
#रक्षाबंधन #भाईबहन #प्यारकाधागा
Highlights Following Love

Address

Shimla

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Monu Bhardwaj posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Monu Bhardwaj:

Share