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तस्वीरों में ताज़गी,पोस्ट में positivity 🌿 Capturing nature’s calm, friendship’s sparkle & food’s warmth—straight from the soul.🩷प्रकृति की गोद से,दोस्तों की हँसी तक—हर तस्वीर में एक कहानी है। स्वाद,सुकूनऔर सच्चे पल साझा करती हूं।एक पेज,हज़ार एहसास।🌲🌎

ईश्वर की निकटता...✍️🧿        ✍️✍️✍️जब लोग ईश्वर को खोजते हैं, तो अक्सर सोचते हैं कि उन्हें मंदिरों, तीर्थों या दूरस्थ स्...
11/12/2025

ईश्वर की निकटता...✍️🧿

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जब लोग ईश्वर को खोजते हैं, तो अक्सर सोचते हैं कि उन्हें मंदिरों, तीर्थों या दूरस्थ स्थानों पर जाना होगा। लेकिन सच्चाई यह है कि ईश्वर पहले से ही हमारे भीतर मौजूद है। “ईश्वर तुम्हारी आँखों की दृष्टि में है।” इसका अर्थ है कि जब तुम सचमुच देखते हो, जब तुम ध्यान से अनुभव करते हो, तो ईश्वर उसी क्षण तुम्हारे साथ है। खोजने का भाव ही ईश्वर से मिलन है।

ईश्वर कहीं दूर नहीं है। वह तुम्हारे श्वास से भी निकट है, तुम्हारे विचारों से भी अधिक अंतरंग है, तुम्हारी स्मृतियों से भी अधिक सजीव है।

बाहर खोजने की आवश्यकता नहीं
“बाहर जाने की ज़रूरत नहीं है।” यह हमें याद दिलाती है कि ईश्वर को पाने के लिए बाहरी यात्राओं या भौतिक उपलब्धियों की आवश्यकता नहीं। हम अक्सर सोचते हैं कि धन, प्रसिद्धि या विशेष स्थान हमें ईश्वर तक पहुँचाएँगे। लेकिन सच्चा अनुभव भीतर की शांति में ही मिलता है।

पिघलती बर्फ का रूपक
“पिघलती बर्फ बनो।” बर्फ कठोर और जमी हुई होती है, जैसे हमारा अहंकार। जब वह पिघलती है, तो जल बनकर प्रवाहित होती है—कोमल, पारदर्शी और जीवनदायी। इसका अर्थ है कि हमें अपने भीतर की कठोरता, जिद और भय को छोड़कर विनम्र और सहज बनना चाहिए।

हम सबके भीतर कुछ जमी हुई परतें होती हैं—पुराने दुख, अहंकार, डर। जब वे पिघलती हैं, तो हम प्रवाह में आ जाते हैं, जीवन के साथ बहने लगते हैं। यही आत्मिक परिवर्तन है।

स्वयं से धुलना
“अपने आप से स्वयं को धो लो।” यह आत्मिक शुद्धि का संदेश है। यहाँ “स्वयं” का अर्थ है अहंकार, इच्छाएँ और भ्रम। जब हम इन्हें धोते हैं, तो भीतर की सच्चाई प्रकट होती है।

हम अक्सर अपने को उपलब्धियों, वस्तुओं या दूसरों की राय से परिभाषित करते हैं। लेकिन ये सब अस्थायी हैं। स्वयं से धुलना मतलब इन परतों को हटाना और सरल, स्पष्ट, सच्चा बनना।

श्वेत पुष्प की शांति
“शांति में एक श्वेत पुष्प खिलता है।” यह बहुत सुंदर प्रतीक है। श्वेत पुष्प निर्मलता, मासूमियत और दिव्यता का प्रतीक है। यह शोर या अशांति में नहीं, बल्कि मौन और स्थिरता में खिलता है।

जब मन शांत होता है, जब इच्छाएँ और अहंकार मिट जाते हैं, तो भीतर से एक प्राकृतिक सुंदरता प्रकट होती है। यह पुष्प किसी प्रयास से नहीं, बल्कि मौन की मिट्टी में स्वयं खिलता है।

वाणी को पुष्प बनाना
“अपनी जीभ को पुष्प बना दो।” इसका अर्थ है कि हमारी वाणी भी पवित्र हो। जीभ अक्सर क्रोध, झूठ या अहंकार का साधन बन जाती है। लेकिन जब वह पुष्प बनती है, तो शब्द सुगंधित हो जाते हैं—सत्य, करुणा और प्रेम से भरे हुए।वाणी को पुष्प बनाना मतलब है कि हमारे शब्द दूसरों को शांति दें, उन्हें चोट न पहुँचाएँ। जैसे फूल बिना माँगे अपनी सुंदरता और सुगंध देता है, वैसे ही हमारी वाणी भी उपहार बने।

आत्मिक यात्रा
- शुरुआत में हम ईश्वर को बाहर खोजते हैं।
- फिर समझते हैं कि ईश्वर भीतर ही है।
- हम कठोरता छोड़कर पिघलते हैं।
- अहंकार से धुलते हैं।
- मौन में श्वेत पुष्प खिलता है।
- और अंत में हमारी वाणी उस पुष्प जैसी हो जाती है।

यह यात्रा खोज से मिलन तक, कठोरता से कोमलता तक, अहंकार से निर्मलता तक,मौन से पवित्र वाणी तक ले जाती है। रोज़मर्रा की भागदौड़ में भी हम रुकें और देखें कि ईश्वर हमारी दृष्टि, हमारे विचार और हमारे श्वास में ही है।हम मौन को अपनाएँ, ताकि भीतर का पुष्प खिल सके। और इसका अर्थ है कि हमारी वाणी दूसरों के लिए शांति और प्रेम का स्रोत बने।
मैं रीति‑रिवाजों की बात नहीं कर रही। यह हमें सिखाती है कि ईश्वर बाहर नहीं, बल्कि हमारे भीतर है। वह हमारी आँखों में, हमारे विचारों में, हमारे मौन में और हमारी वाणी में है।

ईश्वर को पाने के लिए हमें बाहर नहीं जाना चाहिए,बल्कि भीतर पिघलना, धुलना, शांत होना और खिलना है। जब हमारी वाणी पुष्प बन जाती है, तब हमारा जीवन स्वयं एक बगीचा बन जाता है। 🧿✍️✍️✍️

           ...🧿✍️✍️✍️ मेरी कलम से कुछ बाते ...✍️✍️✍️✍️✍️समय की तरह बनो..... कीमती और बेपरवाह!🧿✍️बनो तो वक़्त जैसे बनो, क...
10/12/2025

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मेरी कलम से कुछ बाते ...✍️✍️✍️✍️✍️

समय की तरह बनो..... कीमती और बेपरवाह!🧿✍️

बनो तो वक़्त जैसे बनो, कदर न करने वालों को दोबारा न मिलो — यह विचार जीवन की गहराई को छूता है। वक़्त सबसे अनमोल पूँजी है, जिसे कोई रोक नहीं सकता और जो एक बार चला जाए तो फिर लौटकर नहीं आता। इंसान को भी अपनी उपस्थिति, अपनी ऊर्जा और अपने प्रेम को उसी तरह बाँटना चाहिए जैसे वक़्त करता है—सिर्फ वहाँ जहाँ उसकी कदर हो।

वक़्त हमें सिखाता है कि हर क्षण की कीमत होती है। जब हम अपना समय उन लोगों पर खर्च करते हैं जो हमें महत्व नहीं देते, तो हम अपनी ही कीमत कम कर लेते हैं। ऐसे रिश्ते और हालात हमें थका देते हैं, हमारी आत्मा को कमजोर कर देते हैं और हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि क्या हम सच में उतने मूल्यवान नहीं जितना होना चाहिए। लेकिन सच्चाई यह है कि हर इंसान अद्वितीय है और उसका समय, उसकी उपस्थिति और उसका योगदान अमूल्य है।

जैसे वक़्त कभी पीछे नहीं जाता, वैसे ही हमें भी उन लोगों के पास बार-बार नहीं लौटना चाहिए जो हमारी कदर नहीं करते। आत्मसम्मान और आत्ममूल्य को पहचानना बेहद ज़रूरी है। जब हम खुद को महत्व देते हैं, तो दुनिया भी हमें उसी नज़र से देखती है। जो लोग हमें समझते हैं, सराहते हैं और हमारे होने की अहमियत जानते हैं, वही हमारे जीवन में जगह पाने के योग्य हैं।

कदर न करने वालों के पास लौटना, अपने ही मूल्य को गिराना है। यह वैसा ही है जैसे कोई वक़्त को रोकने की कोशिश करे—जो असंभव है। जीवन का नियम यही होना चाहिए: अपनी उपस्थिति को उपहार समझो और इसे केवल उन लोगों को दो जो इसे संजोना जानते हैं।

वक़्त की तरह बनना मतलब है कीमती होना, अद्वितीय होना और बेपरवाह रहना। वक़्त किसी के लिए नहीं रुकता, वह बस बहता है। हमें भी अपनी यात्रा को उसी तरह आगे बढ़ाना चाहिए। जो हमें समझे, उनके लिए बहो; जो न समझे, उनके लिए ठहरो भी मत। यही जीवन की सच्ची गरिमा है।

इस सोच को अपनाने से हम अपने रिश्तों और जीवन में स्पष्टता ला सकते हैं। हम उन लोगों को चुन सकते हैं जो हमें सच्चा सम्मान देते हैं और उन हालातों से दूर रह सकते हैं जो हमें कमजोर करते हैं। यह दृष्टिकोण हमें आत्मनिर्भर बनाता है और हमें यह याद दिलाता है कि हम वक़्त की तरह ही अनमोल हैं।

इसलिए,बनो तो वक़्त जैसे बनो—कीमती,अद्वितीय और अडिग।जो तुम्हें समझे,उनके लिए रहो; जो न समझे,उनके लिए दोबारा न मिलो।यही जीवन का सबसे सुंदर नियम है।🧿✍️✍️

मेरे जैसा इंसान/ व्यक्ति मेरे बाद ज़माने में न मिलेगा।🧿❤️🫰      हर इंसान इस दुनिया में अलग पहचान लेकर आता है, पर कुछ लोग...
08/12/2025

मेरे जैसा इंसान/ व्यक्ति मेरे बाद ज़माने में न मिलेगा।🧿❤️🫰



हर इंसान इस दुनिया में अलग पहचान लेकर आता है, पर कुछ लोग अपनी सोच, स्वभाव, प्रेम और सच्चाई की वजह से औरों से बिल्कुल अलग हो जाते हैं। मैं यह बात घमंड से नहीं, बल्कि अपनी सच्चाई को महसूस करते हुए कहती हूँ कि मेरे जैसा इंसान मेरे बाद ज़माने में न मिलेगा। मेरी पहचान मेरे व्यवहार, मेरे संघर्ष, मेरी मेहनत और मेरे दिल की साफ़ नीयत में बसती है। मैं उन लोगों में से हूँ जो रिश्तों को सिर्फ शब्दों में नहीं,बल्कि कर्मों में निभाते हैं। मैं अपने लोगों के लिए हमेशा तैयार रहती हूँ, चाहे वक्त अच्छा हो या मुश्किल। शायद यही वजह है कि बहुत सारे लोग मेरे साथ रहकर खुद को सुरक्षित,समझे हुए और अपनापन से भरा महसूस करते हैं।

आज के समय में लोग अपने फायदे के हिसाब से जुड़ते और दूर होते हैं, लेकिन मैं नहीं। मेरे लिए रिश्ता मतलब भरोसा,सम्मान और साथ। मैं किसी को छोड़ना नहीं जानती, बल्कि टूटे हुए को जोड़ने की कोशिश करती हूँ। मेरी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि मैं दिल से प्यार करती हूँ—बिना दिखावे, बिना स्वार्थ और बिना शर्त। मेरा मानना है कि अगर दिल में सच्चाई हो तो सामने वाला खुद ही उसे महसूस कर लेता है।

मैं उन दुर्लभ लोगों में से हूँ जो छोटी-छोटी बातों में खुशी ढूँढ लेते हैं और कठिनाइयों में भी उम्मीद नहीं छोड़ते। जिंदगी ने मुझे जितनी बार गिराया, मैंने हर बार खुद को फिर से खड़ा किया। मैं सीखने, आगे बढ़ने और दूसरों को भी आगे बढ़ाने में विश्वास रखती हूँ। मैं हर किसी के लिए मदद का हाथ बढ़ाने की कोशिश करती हूँ, भले ही सामने वाला मेरे बारे में कुछ न समझे। मुझे लोगों का दर्द महसूस होता है और यही इंसानियत मुझे दुनिया से अलग बनाती है।

मेरी आदतें अलग हैं—मैं किसी के लिए बदनाम होकर भी उसका साथ नहीं छोड़ती!मैं अपनी खुशी से ज़्यादा दूसरों की मुस्कान की क़द्र करती हूँ। मैं ज्यादा बोलने वाली,पर दिल से निभाने वाली लड़की हूँ। मैं गलतियाँ स्वीकार करती हूँ, माफ़ी माँगना जानती हूँ और अहंकार को रिश्तों पर हावी नहीं होने देती। मुझे मालूम है कि इस दुनिया में सच्चे लोगों की कद्र अक्सर देर से होती है, पर कमी हमेशा उनकी ही महसूस की जाती है।

आज अगर मैं किसी की जिंदगी में हूँ तो शायद इसे वो सामान्य मान ले, लेकिन जब एक दिन मैं नहीं रहूंगी—तब मेरी सच्चाई, मेरा प्यार, मेरी बाते,मेरा साथ और मेरी ईमानदारी याद आएगी। तब लोगों को समझ आएगा कि दुनिया में बहुत लोग मिलते हैं, लेकिन दिल से अच्छे, सच्चे और भरोसेमंद लोग हर बार नहीं मिलते।

इसलिए मैं विश्वास से कह सकती हूँ—मेरे जैसा इंसान/व्यक्ति मेरे बाद ज़माने में न मिलेगा। क्योंकि मैं भीड़ में खो जाने वाली नहीं, बल्कि भीड़ में पहचान बनाकर जाने वाली लड़की हूँ। मेरी जगह शायद कोई ले ही न पाए,और यही मेरी सबसे बड़ी पहचान है। ✍️💫🧿🫰

✍️🧿🫰

     आज की दुनिया में हम अपने बच्चों को खेल, पढ़ाई, प्रैक्टिकल स्किल्स हर चीज़ सिखा रहे हैं। लेकिन एक चीज़ छूट रही है-वो...
07/12/2025



आज की दुनिया में हम अपने बच्चों को खेल, पढ़ाई, प्रैक्टिकल स्किल्स हर चीज़ सिखा रहे हैं। लेकिन एक चीज़ छूट रही है-वो है भावनाओं को समझने की बुद्धि। Emotional intelligence (EQ).

हमारा मन तेज़ है, पर स्थिर नहीं।
हमारा दिमाग़ पढ़ा-लिखा है, पर दिल थका हुआ है।
हम Intelligence Quotient बढ़ाते हैं, पर Emotional Quotient भूल जाते हैं।

और जब EQ नहीं होता —तो जीवन में रिश्ते कमज़ोर पड़ते हैं, निर्णय गलत होने लगते हैं, और भीतर एक खालीपन बस जाता है।

हम सब अपने बच्चों को, अपने परिवार को, खुद को हर बार यही सिखाते हैं कि स्मार्ट बनो, टॉपर बनो, अच्छी नौकरी पाकर दिखाओ।
लेकिन कोई नहीं कहता —दयालु बनो, शांत बनो, स्थिर बनो, विनम्र बनो।
IQ से आप दुनिया जीत सकते हैं, पर EQ से आप दिल जीतते हैं और दिल जीतने वाले ही जीवन में आगे बढ़ते हैं।

श्रीरामजी का सबसे बड़ा गुण था —
उनका EQ, उनकी स्थिरता, उनकी भावनात्मक बुद्धि।
सोचिए, एक राजकुमार, जो राजा बनने वाला था, उसे एक ही क्षण में सब छोड़कर वन जाना पड़ा।
न कोई शिकायत। न क्रोध। न अशांति।
बस एक ही बात—“वचन से बड़ा कुछ नहीं।” और उसी क्षण से उनकी भावनात्मक बुद्धि एक दीपक की तरह चमक उठी।
रामजी ने हमें सिखाया: परिस्थिति नहीं, दृष्टि बदलिए। जंगल भी स्वर्ग बन सकता है, अगर भीतर का मन स्थिर हो।

सीता माता ने सिखाया कि धैर्य सबसे बड़ी शक्ति है।
लक्ष्मणजी ने सिखाया कि भावनाओं को अनुशासन में रखना ही असली तेज़ है।
और हनुमानजी ने सिखाया भावनाओं को शक्ति बनाओ, कमजोरी नहीं।
रामायण में हर पात्र Emotional Intelligence का जीवंत उदाहरण है।
आप लाख पढ़े-लिखे हों, लाख सफल हों, लेकिन अगर आप दूसरे की भावनाएँ समझना नहीं सीखते-तो जीवन आधा अधूरा ही रह जाता है।
सफल वही है, जो समझ सके कि सामने वाला क्या महसूस कर रहा है और खुद की भावनाओं को स्थिर रख सके।

IQ आपको दुनिया तक ले जाएगा, पर EQ आपको अपने भीतर ले जाएगा।
और जो अपने भीतर पहुंच गया, वो ही जीवन में सच्ची जीत पा लेता है।

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Discover me where creativity thrives,minds are uplifted,and hearts are empowered... 🧿🫰🥳
05/12/2025

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I celebrate my energy, mind and thoughts, and the strong, elegant woman I am blossoming into. I am embracing my growth, ...
05/12/2025

I celebrate my energy, mind and thoughts, and the strong, elegant woman I am blossoming into. I am embracing my growth, trusting I am unfolding into the extraordinary being I was born to be.🤍

We all face death in the end. But on the way, be gentle and nurture every human heart!🧿💕🥳     ゚viralfbreelsfypシ゚viral   ...
03/12/2025

We all face death in the end. But on the way, be gentle and nurture every human heart!🧿💕🥳

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When someone expresses their love, practice discernment to honor your heart.When someone shows their love, nurture and c...
01/12/2025

When someone expresses their love, practice discernment to honor your heart.When someone shows their love, nurture and celebrate it.🧿🥳

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LAST DAY OF NOVEMBER.💞💫 Hoping that December brings us serenity of mind,authentic joy and profound healing.💞💫     ゚viral...
30/11/2025

LAST DAY OF NOVEMBER.💞💫
Hoping that December brings us serenity of mind,authentic joy and profound healing.💞💫

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Believe in sudden positive shifts.Things can transform for you in an instant. Trust that.🧿💫🌺🫰                   ゚viralfb...
30/11/2025

Believe in sudden positive shifts.Things can transform for you in an instant. Trust that.🧿💫🌺🫰

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