
05/08/2025
Apni Devbhoomi
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में रिवर्स माइग्रेशन का एक प्रेरक उदाहरण सामने आया है, जहां सविता रावत ने दिल्ली की अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर अपने गाँव लौटकर कृषि और बागवानी में एक सफल करियर बनाया है।
पौड़ी मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर गौरीकोट गाँव की निवासी, सविता ने 12 साल तक दिल्ली में एक प्रतिष्ठित फार्मा मार्केटिंग कंपनी में काम किया। शहरों की भागदौड़ भरी जिंदगी को छोड़कर उन्होंने 2018 में पहाड़ वापस लौटने का फैसला किया और अपनी जमीन पर खेती शुरू की।
आज सविता रावत के पास 2000 सेब के पेड़ और 100 से ज़्यादा कीवी के पौधे हैं। पिछले तीन सालों से उनकी सेब की फसल से उन्हें अच्छी आय हो रही है। उनका यह कदम उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो पहाड़ों से पलायन कर रहे हैं। सविता के अनुसार, "शहरों में तनावपूर्ण जीवन जीने के बजाय, गाँव में रहकर स्वरोजगार के माध्यम से न केवल सम्मानजनक जीवन जिया जा सकता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।"
सविता रावत ने यह साबित कर दिया है कि अगर दृढ़ संकल्प हो, तो पहाड़ में भी खेती और बागवानी के ज़रिए एक सफल और आत्मनिर्भर जीवन बनाया जा सकता है। उनका यह प्रयास उत्तराखंड में रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में एक सकारात्मक बदलाव ला रहा है।