30/07/2025
एमबीबीएस डॉक्टरों को भी मात दे रहे फर्जी चिकित्सक, सिंगरौली में मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़...
सिंगरौली जिले में झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला इस कदर बढ़ चुका है कि अब ये फर्जी डॉक्टर एमबीबीएस और प्रशिक्षित चिकित्सकों को भी पीछे छोड़ते नज़र आ रहे हैं। जिले के शहरी और विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में मकड़ी के जाल की तरह फैल चुके ये फर्जी चिकित्सक तमाम तरह की बीमारियों का इलाज करने का दावा करते हैं। चिंता की बात यह है कि इनका इलाज कई बार लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है, लेकिन फिर भी प्रशासन की आंखें मूंदे बैठी हैं।
गर्भवती महिला की मौत बनी झोलाछाप डॉ के इलाज की दर्दनाक मिसाल...
खुटार क्षेत्र में हाल ही में एक बेहद दुखद घटना सामने आई, जहां 9 महीने की गर्भवती महिला की जान झोलाछाप डॉक्टर के इलाज की वजह से चली गई। परिजनों ने महिला की मौत के बाद जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन अब तक दोषी फर्जी डॉक्टर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। यह एकमात्र मामला नहीं है, बल्कि जिले में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही से मरीजों की जान गई है।
स्वास्थ्य विभाग की रहस्यमयी चुप्पी और क्षेत्रि राजनैतिक संरक्षण...?
स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है। वर्षों से इन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया है। बताया जा रहा है कि कई स्थानीय राजनेताओं का इन झोलाछाप डॉक्टरों को संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते अधिकारी भी इन पर हाथ डालने से कतराते हैं। परिणामस्वरूप यह फर्जी डॉक्टर बेखौफ होकर मरीजों की जान से खिलवाड़ करते जा रहे हैं।
झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं इलाज के नाम पर मौत का खेल...
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी गंभीर है। यहां झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम क्लीनिक चला रहे हैं और बिना किसी योग्यता के इंजेक्शन, ड्रिप, और गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहे हैं। हालत बिगड़ने पर ये डॉक्टर मरीजों को जिला चिकित्सालय या ट्रामा सेंटर रेफर कर देते हैं, जहां पहुंचने से पहले ही कई मरीज दम तोड़ देते हैं।
बंगाली झोलाछाप डॉक्टरों की बढ़ती संख्या और शासन की उदासीनता...
सिंगरौली जिले में विशेष रूप से बंगाली मूल के झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। ये बिना किसी डिग्री या लाइसेंस के इलाज कर रहे हैं, और शासन-प्रशासन की अनदेखी ने इन्हें और अधिक बेखौफ बना दिया है। वहीं, प्रदेश के अन्य जिलों जैसे कि सीधी में इन फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, लेकिन सिंगरौली में ऐसा कोई प्रयास नहीं दिखता।
जनता की जान पर मंडराता खतरा...
इन फर्जी डॉक्टरों की वजह से सिंगरौली की जनता एक ऐसे चिकित्सा अराजकता के दौर से गुजर रही है, जहां इलाज के नाम पर जीवन और मृत्यु का जुआ खेला जा रहा है। कई ग्रामीणों को यह भी पता नहीं होता कि जिनसे वो इलाज करवा रहे हैं, वो असली डॉक्टर हैं भी या नहीं।
क्या होगा समाधान..?
अब सवाल यह उठता है कि प्रशासन आखिर कब जागेगा? क्या किसी बड़ी जनहानि के बाद ही इन झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी? क्या जनता की जान से ज्यादा किसी के राजनीतिक हित महत्वपूर्ण हैं?
समाज सेवी अंबिका प्रसाद जी के द्वारा कहा गया कि स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस को मिलकर जल्द से जल्द इन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए। साथ ही जनजागरूकता भी जरूरी है ताकि ग्रामीण और कम शिक्षित लोग ऐसे फर्जी चिकित्सकों के जाल में न फंसे।
इनका कहना है...
इन सभी मामलों को लेकर जिला स्वास्थ्य अधिकारी पंकज सिंह से बात की गई तो उनके द्वारा कहा गया कि हमें नहीं जानकारी है इन सब के बारे में मैं अभी-अभी में आया हूं जानकारी लेकर आपको अवगत कराया जाएगा...