18/08/2025
मामला क्या है? 🗳️
राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) और उसके अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची (Voter List) में गड़बड़ी है और "वोट चोरी" हो रही है।
राहुल गांधी का सीधा आरोप है कि ECI सरकार (BJP) के दबाव में काम कर रहा है और विपक्ष को नुकसान पहुँचाने के लिए फर्जी वोट, डुप्लीकेट नाम और बोगस एंट्री डाली जा रही हैं।
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राहुल गांधी का बयान ✍️
उन्होंने कहा:
"मैं इलेक्शन कमीशन और उनके ऑफिसर को साफ कह रहा हूँ, आप जो कर रहे हो गलत कर रहे हो।"
इस बयान से राहुल गांधी ने सीधे तौर पर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाया है।
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चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया ⚠️
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ग्यानेश कुमार ने इसे गंभीर आरोप बताया।
उन्होंने राहुल गांधी को 7 दिनों का समय दिया है:
या तो आप हलफनामा (Affidavit) देकर अपने आरोपों का सबूत दीजिए
या फिर देश से सार्वजनिक माफी माँगिए।
आयोग ने कहा – "इसमें कोई तीसरा विकल्प नहीं है।"
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क्यों बड़ा मामला है?
1. संविधानिक संस्था पर सीधा हमला – राहुल गांधी का आरोप सीधा चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है।
2. लोकसभा चुनाव नज़दीक – ऐसे समय में "वोट चोरी" जैसे आरोप माहौल को और राजनीतिक बना देते हैं।
3. ECI का अल्टीमेटम – आमतौर पर ECI ऐसे बयान पर सफाई देता है, लेकिन इस बार उसने सख्त कदम उठाते हुए राहुल गांधी से शपथपत्र या माफी की मांग की है।
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अब आगे क्या?
यदि राहुल गांधी सबूत पेश कर देते हैं → चुनाव आयोग को जाँच करनी पड़ेगी।
यदि सबूत नहीं हैं और माफी नहीं माँगते → यह मामला कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तर पर बढ़ सकता है।
विपक्ष इसे सरकार और आयोग के खिलाफ "सेंसरशिप" या "दबाव" कहकर मुद्दा बना सकता है।
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👉 आसान शब्दों में:
राहुल गांधी ने कहा कि ECI गलत कर रहा है और वोट चोरी हो रही है।
ECI ने जवाब दिया: "या तो सबूत दो, नहीं तो माफी माँगो।"
यानी मामला अब पूरी तरह टकराव की स्थिति में है।