25/11/2025
कहते हैं—अजनबी क्या ही समझेंगे हमारी परेशानियाँ…
लेकिन सच तो ये है कि कभी-कभी सबसे ज़्यादा अपना वही होता है,जिसे हमने आज से पहले कभी देखा भी नहीं होता।
बेंगलुरु में एक लड़की टैक्सी में बैठकर रोते हुए अपने दोस्त से कह रही थी—
“मेरी फ्लाइट रात 2 बजे है… पूरे दिन कुछ खाया नहीं… और मैं वेजिटेरियन हूँ…
यहाँ क्या मिलेगा अब?”
ड्राइवर स्टीयरिंग पकड़े बस चुपचाप सुन रहा था।
उसने कुछ नहीं पूछा, कोई सलाह नहीं दी…
लेकिन उसकी खामोशी में एक इंसानियत छुपी थी।
थोड़ी देर बाद उसने बिना कुछ कहे कार साइड में रोकी,
भागकर पास की गलियों में गया…
और लौटकर लड़की के हाथ में एक वेज सैंडविच रख दिया।
धीरे से बोला—
“अगर मेरी बहन भूखी होती… तो मैं उसे भी ऐसे नहीं जाने देता।”
लड़की की आँखें भर आईं…
उसे पहली बार महसूस हुआ कि दुनिया में अच्छाई सिर्फ कहानियों में नहीं,
वास्तव में भी सांस लेती है।
👉 बुरे लोग शोर मचाते हैं…
अच्छे लोग चुपचाप किसी की भूख, डर और थकान मिटा जाते हैं। ❤️
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