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शतरंज में अच्छी लगती है,
रिश्तों में नहीं!

24/05/2025

उत्तर प्रदेश के समस्त बिजली उपभोक्ता, किसान, व्यापारी, सस्ती दरों पर बिजली का लाभ ले रही ग्रामीण/ शहरी जनता, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र जो सरकारी नौकरी के सपने देख रहे हैं इधर ध्यान दें👇

मान्यवर,

आज आप और आपका परिवार जिस बिजली के उजाले में रहकर पढ़ाई, लिखाई, सिंचाई, व्यापार व दिनचर्या का समस्त कार्य करता है, उसका करेन्ट आपको / आपके परिवार और समाज को बहुत तेजी से लगने वाला है। क्योंकि मौजूदा प्रदेश सरकार पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जिसके अंतर्गत प्रदेश के 42 जिले आते हैं, को चंद पूंजीपतियों के हांथ बेचने जा रही है। इसका दुष्परिणाम क्या होगा, आओ हम सब मिलकर इस पर चिन्तन करें।
1- किसानों को सिंचाई के लिये ट्यूबवेल पम्प चलाने हेतु उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड मुफ्त बिजली उपलब्ध करा रहा है लेकिन प्राइवेट हो जाने के बाद लगभग 10 रूपया प्रति यूनिट की दर से बिजली का बिल भरना पड़ेगा।

2–अभी सरकार गरीबों, किसानों को सस्ती बिजली रु0 3.50 प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध कराती है. उसकी भरपाई फैक्ट्रियों, कारखानों को मंहगी बिजली बेचकर करती है लेकिन प्राइवेट हो जाने पर सबको एक समान बिजली का बिल जमा करना होगा। तब आपकी बिजली की दर रू0 10 प्रति यूनिट हो जाएगी। अभी जो बिल रु0 1000 प्रति महीने का भरते थे प्राइवेट हो जाने पर रू0 4000-5000 प्रति महीने के हिसाब से भरना पड़ेगा।

3–बिजली विभाग सरकारी होने के कारण सरकार साल में एक बार ब्याज में छूट लाती है जिसका लाभ आपको मिलता है। प्राइवेट हो जाने के बाद ब्याज सहित बिल भरना पड़ेगा।

4. आपकी सुविधा के लिए बिजली विभाग आपसे बिल किस्तों में जमा करा लेता है जिससे गरीब, किसान तथा माध्यम वर्ग का आदमी भी आसानी से बिल जमा कर ले रहा है। प्राइवेट हो जाने के बाद एक साथ बिल का भुगतान करना पड़ेगा।

5. पूरे पूर्वाचल एवं दक्षिणांचल में लगभग 27000 लाइन मैन / बाबू / एकाउन्टेन्ट/टी०जी०-2 / जे०ई०/एस०डी०ओ०/अधिकारी और लगभग 50000 सविदा कर्मी तैनात हैं।

प्राइवेट होने के बाद 27000 पद सरकारी विभाग से समाप्त हो जाएंगे। आपके घर / परिवार/रिश्तेदार/गांव/समाज का युवा नौजवान भाई/बहनें जो कि बी०ए०/ बी०कॉम०/आई०टी०आई०/डिप्लोमा/बी०टेक० की पढ़ाई कर बिजली विभाग में नौकरी का सपना देख रहे हैं, सबका सपना बरबाद हो जाएगा।

6. अभी बिजली विभाग सरकारी होने के कारण जले ट्रांसफार्मर सरकार अपने खर्च पर बदलती है, ओवरलोड होने पर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि सरकार कराती है, प्राइवेट होने पर ट्रांसफार्मर बदलने और उसकी क्षमता बढ़ाने का पूरा खर्च आपको भरना होगा।

7. अभी बिजली विभाग सरकारी होने के कारण विद्युतीकरण का कार्य, जहां लाइनें नहीं है यहां लाइनों को बनवाने का कार्य फीडर बनवाने का कार्य सरकारी खर्च पर कराता है, प्राइवेट होने पर इसका पूरा खर्च आपको भरना पड़ेगा।

8. अभी बिजली विभाग सरकारी होने के कारण लाखों युवाओं को रोजगार मिला है। युवाओं को संविदा पर लाइनमैन / उपकेन्द्र परिचालक के पद रखा गया है जिनका विभाग में स्थायी होने का रास्ता बना हुआ है लेकिन प्राइवेट होने के बाद सभी रास्ते बन्द हो जाएंगे और बेरोजगारी फैलेगी और प्रदेश के बेरोजगार युवा अपना एवं अपने परिवार का भरण-पोषण के लिए गलत रास्ते अपनाने को मजबूर होंगे।

9- निजीकरण के पश्चात पूंजीपति घराने मनमाने तरीके से बिजली की आपूर्ति एवं वसूली की कार्यवाही करेंगे जिससे प्रदेश के 42 जिलों के गरीब किसान, मजदूर लालटेन युग में वापस जाने को मजबूर हो जायेंगे।

10. इसलिए हम सभी बिजली कार्मिक आपसे अपील करते हैं कि अपना और अपने बच्चों के भविष्य की रक्षा के लिए पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को पूंजीपतियों के हांथों से बचाने की लड़ाई में हमारा सहयोग करें, धन्यवाद🙏

08/07/2024

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