Kavi Anand Pandey

Kavi Anand Pandey Kavi, singer, Writer, Journalist, tabla & Dholak Player

दुनिया का इकलौता भगवान शंकर,माता पार्वती जी का सदेह (मुर्ती) का मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंगों के जैसा महत्व है। शिवद्वार धा...
02/07/2025

दुनिया का इकलौता भगवान शंकर,माता पार्वती जी का सदेह (मुर्ती) का मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंगों के जैसा महत्व है। शिवद्वार धाम,घोरावल, सोनभद्र,उत्तर प्रदेश,भारत वर्ष में स्थित दिव्य एवं अलौकिक यह स्थान है। जय भोलेनाथ 🙏

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01/07/2025

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08/06/2025

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"मेरी लेखनी"मेरी प्यारी प्यारी लेखनी।अ से ज्ञ तक स्वर और व्यंजन।वर्ण शब्द अक्षर का स्वर्णन।अलंकार छंदों का मंजन।भाव अर्थ...
04/09/2024

"मेरी लेखनी"
मेरी प्यारी प्यारी लेखनी।
अ से ज्ञ तक स्वर और व्यंजन।
वर्ण शब्द अक्षर का स्वर्णन।
अलंकार छंदों का मंजन।
भाव अर्थ संग रस में घुलकर।
लगती न्यारी न्यारी लेखनी।
मेरी प्यारी प्यारी लेखनी।।

रस बरसाती सन्धि करती।
मुख्य वाक्य पर बन्दी करती।
लघु गुरु मात्रा चंगी करती।
रूप समास का विग्रह करके।
कठिन काव्य संवारी लेखनी
मेरी प्यारी प्यारी लेखनी।।।

प्रत्यय और मुहावरा लाई।
उपसर्ग को पूर्ण बनाई।
तद्भव तत्सम भाव नहाई।
अर्ध वाक्य संयुक्ताक्षर के।
जीवन की तैयारी लेखनी।
मेरी प्यारी प्यारी लेखनी।।।।

हिन्दी के चिन्हों को लाई।
देव वाणी संस्कृति मनभाई।
तमिल तेलुगू संग नहाई।
अंग्रेजी में संयुक्त राष्ट्र से।
कर ली बेहिचक यारी लेखनी।
मेरी प्यारी प्यारी लेखनी।।।।।

सत्य असत्य दोनों दर्शाए।
सही गलत का पाठ पढ़ाए।
दिल की बात होठों पर लाए।
मन मष्तिक में मंथन करके।
मुख्य पृष्ठ पर वारी लेखनी।
मेरी प्यारी प्यारी लेखनी।।।।।

संविधान को लिखित बनाई।
बिच में संसोधन करवाई।
देश धर्म का पाठ पढ़ाई।
अधिकार कर्तव्य बताई।
हर मानव के जीवन की।
सिंचित की फूलवारी लेखनी।
मेरी प्यारी प्यारी लेखनी।।।।।

चारों वेद रचइता यही है।
गीता ज्ञान लिखा जो सही है।
कमी शब्द की कभी नहीं है।
आसमान में लिखा कुरान को।
धरती पर है उतारी लेखनी।
मेरी प्यारी प्यारी लेखनी।।।।।

लिखा गजल सायरी गीत।
निबंध कहानी से की प्रीत।
उपन्यास और नाटक रीति।
राम कृष्ण का जीवन परिचय।
करके भी नहीं हारी लेखनी।
मेरी प्यारी प्यारी लेखनी।।।।।

नारी का सौन्दर्य दिखाती।
तन मन यौवन को हर्षाती।
रूप शील गुण साथ में लाती।
नख शिख वर्णन किया स्त्री का।
रखती नहीं उधारी लेखनी।
मेरी प्यारी प्यारी लेखनी।।।।।

हाँथो का श्रृंगार सजाती।
सबको शाक्षर यही बनाती।
लिखना पढ़ना ज्ञान सिखाती।
अनपढ़ को पठनीय बनाती।
"आनन्द" के सम्पूर्ण जीवन को।
अपनी किया पूजारी लेखनी।
मेरी प्यारी प्यारी लेखनी।।।।।।

आनन्द पाण्डेय
दिल्ली- एन. सी.आर
(9670692622)

गीत👇मेरी जिंदगी तुझी से मेरा रास्ता तुझी से।मैं हूँ तेरा दीवाना मेरा वास्ता तुझी से।तू मेरी हर खुशी,है तू मेरी हमनशी है।...
03/09/2024

गीत👇
मेरी जिंदगी तुझी से मेरा रास्ता तुझी से।
मैं हूँ तेरा दीवाना मेरा वास्ता तुझी से।

तू मेरी हर खुशी,है तू मेरी हमनशी है।
तू पहली मेरी ख्वाहिश,बस तू ही आखिरी है।

ता उम्र साथ रहना है ख्व़ास्ता तुझी से।
मेरी जिंदगी तुझी से,मेरा रास्ता तुझी से।

रातों की चाँदनी तू,तू सुब्ह की लालिमा है।
बिन तेरे कुछ न मेरा,तुझसे मेरा जहाँ है।

तूझको लिखा गज़ल और,पैरास्ता तुझी से।
मेरी जिंदगी तुझी से,मेरा रास्ता तुझी से।

तेरा प्यार मेरा खाना,तेरे लफ्ज़ मेरे पानी।
जबसे मिले हैं हम तुम,खुशहाल जिंदगानी।

मिलता है खाना पानी,और नास्ता तुझी से।
मेरी जिंदगी तुझी से मेरा रास्ता तुझी से।
,✍️✍️✍️
आनन्द पाण्डेय

आज मेरा ऑफिशियल जन्मदिन है।आप सबके आशीर्वाद का आकांक्षी हूँ।
20/08/2024

आज मेरा ऑफिशियल जन्मदिन है।
आप सबके आशीर्वाद का आकांक्षी हूँ।

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08/08/2024

I've just reached 100 followers! Thank you for continuing support. I could never have made it without each and every one of you. 🙏🤗🎉

आज मेरा जन्मदिन है। आप सब का आशीर्वाद प्राप्त हो।🙏🙏🙏🙏🙏 ॐ नम: शिवाय🙏 जय माता दी🙏
01/07/2024

आज मेरा जन्मदिन है। आप सब का आशीर्वाद प्राप्त हो।
🙏🙏🙏🙏🙏 ॐ नम: शिवाय🙏 जय माता दी🙏

पिता जी 'शीतला प्रसाद पाण्डेय'अंस आपका जिस दिन माँ के गर्भ में आया।तो माँ नें धीरे से पास बुलाया और बताया।अब हमारे लाडले...
16/06/2024

पिता जी 'शीतला प्रसाद पाण्डेय'
अंस आपका जिस दिन माँ के गर्भ में आया।
तो माँ नें धीरे से पास बुलाया और बताया।
अब हमारे लाडले जी धरती पर आने वाले हैं।
सुनिए जी आप फिर से पिता जी बनने वाले हैं।

जब मैं माँ के गर्भ से निकल धरती पर आया।
तो सब नें मुझे आपके पुत्र के नाम से बुलाया।
लालन पालन किया आपनें बोलना बताया।
आपने ही उँगली पकड़ कर चलना सिखाया।

मेरी हर ज़िद हर ज़रूरत को पूरा किया आपने।
कर्ज़ करके भी हर खिलौना लाकर दिया आपने।
गलती पर मारा नहीं प्यार से समझाया आपने।
लाख खफ़ा होकर भी सीने से लगाया आपने।

मम्मी डाँटती तो कहते आप जाने दो अभी बच्चा है।
बड़ा होकर सुधर जाएगा लाडला दिल का सच्चा है।
क्या लिखूँ आपको आप मेरी दुनिया मेरी जान हो।
आप ही तीनों लोकों में मेरे लिए सबसे महान हो।
विशेष-👇
हूँ मैं जम्मेदार पापा आप के दुख के लिए।
जिस्म की बोटी कटा दूँ आपके सुख के लिए।
आप के चरणों की धूली रोज माथे पर लगे।
आप ही हो स्वर्ग मेरे आप ही भगवान हो।

आपका लाडला🙏🙏
आनन्द पाण्डेय 'चन्दन'
सोनभद्र उत्तर प्रदेश

👉हे राम 👇हे प्रभु राम आकर यहाँ देखिए,जो बनाए हैं अपना जहाँ देखिए।राम के नाम पर भी सियासत मची, आप लेकर के खुद इम्तहाँ देख...
10/06/2024

👉हे राम 👇
हे प्रभु राम आकर यहाँ देखिए,
जो बनाए हैं अपना जहाँ देखिए।
राम के नाम पर भी सियासत मची,
आप लेकर के खुद इम्तहाँ देखिए।

आप को लोग ईश्वर नहीं मानते,
आपके नाम से रार हैं ठानते।
फिर से लेकर के अवतार आओ प्रभु,
फिर दिखादो जो महिमा नहीं जानते।

पड़ गयी है जरूरत प्रमाणों की अब,
मानते सब नहीं हैं पुराणों को अब।
अब तो मानव भी दानव के हैं भेष में,
संकटों की घड़ी होती प्राणों को अब।

पाप के सारे उत्सव मने जा रहे,
हर जगह सबके झंडे तने जा रहे।
आप आकर सनातन स्थापित करो,
धर्म लाखों हजारों बने जा रहे।

आप का नाम है जग में प्यारा प्रभु,
मोक्ष होगा तो बस आप द्वारा प्रभु।
इस धरा पर नहीं कोई साथी रहा,
आपका सिर्फ है अब सहारा प्रभु।
✍️✍️
Anand pandey
sonebhadra, up

" राहगीर "चलो सम्हल कर ऐ राहगीरों,                मिलेंगे   तुमको   हजारों  राही।नहीं कभी टकरा उनसे जाना,               ...
04/06/2024

" राहगीर "
चलो सम्हल कर ऐ राहगीरों,
मिलेंगे तुमको हजारों राही।
नहीं कभी टकरा उनसे जाना,
मिलेगी वर्ना तुम्हें तबाही।
निकल चलो बचकर उन सभी से,
दीवार जो बन खड़े हुए हैं।
सुनहरे पन्ने सजा के रखलो,
बहे कभी ना जीवन की स्याही।

कहे जमाना बुरा भला तो,
तुम बहरे बनकर निकल ही जाना।
न बेइमानी न बे मुरव्वत,
धोखा धड़ी से नहीं कमाना।
असंख्य इस तन का मूल्य तेरे,
गंवाओ ना कीमत आंक रखलो।
दो चंद रुपयों के वास्ते खुद,
यूँ बेहया बन बदल न जाना।

करो मोहब्बत तुम हर किसी से।
खूशी का जीवन बहार लाओ।
हो हर्ष उल्लास प्यार बरसे,
स्वर्णिम समा में खुमार लाओ।
खजाने खूशीयों से भर दो इतना,
जिधर भी जाओ मिले दो गुना।
उज्ज्वल हो रौशन हो खुशनुमा हो,
नयी सुभा नया संसार लाओ।

रचनाकार👇
आनन्द पाण्डेय
(9670692622)
घोरावल सोनभद्र
उत्तर प्रदेश

गीत✍👉दो जून की रोटी👇निवाले में सनी मिलती है अक्सर खून की रोटी।बड़ी मुश्किल है साहब अब यहाँ दो जून की रोटी।श्रमिक ही सानत...
02/06/2024

गीत✍
👉दो जून की रोटी👇
निवाले में सनी मिलती है अक्सर खून की रोटी।
बड़ी मुश्किल है साहब अब यहाँ दो जून की रोटी।

श्रमिक ही सानते हैं और व्यापारी बेलते है रोज।
तवा दौलत के चढ़ती है सियासत सेंकती है भोज।
परोसी जा रही है हैसियत के हिसाब से केवल।
किसी की भरी थाली है कहीं पत्तल भी खाली है।

किसी को भी कहाँ मिलती कभी सुकून की रोटी।
बड़ी मुश्किल है साहब अब यहाँ दो जून की रोटी।

परिश्रम कर अथक जो गैरों को आराम देते हैं।
गरीबी झेल वो सबको धनिक का नाम देते हैं।
कहीं महलों की दीवारें कहीं झोपड़ी भी ना मुमकिन।
कोई चढ़ता जहाजों में कोई पैदल चला करता।

किसी के पास छप्पन भोग किसी को नून की रोटी।
बड़ी मुश्किल है साहब अब यहाँ दो जून की रोटी।

भला क्या हो सकेगा भी भला सबका यहाँ पर।
बराबर रख रहा है नजर अगर ईश्वर जहाँ पर।
तो उससे मिन्नतें लाखों हैं मेरी बात सुन ले।
रहे थाली न खाली किसी भी इंसान की अब।

कृपा ऐसी करो खाएं सभी हनिमून की रोटी।
बड़ी मुश्किल है साहब अब यहाँ दो जून की रोटी।

✍️✍️✍️
आनन्द पाण्डेय' मोहन
सोनभद्र उत्तर प्रदेश

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