
27/09/2025
हाईटेक रामलीला: राम के वनवास और दशरथ की मृत्यु के प्रसंग ने दर्शकों को किया भावविभोर
श्रीगंगानगर। श्री रामलीला सेवा समिति द्वारा रिद्धि सिद्धि कॉलोनी (प्रथम) के प्लैटिनम पार्क में आयोजित हाईटेक रामलीला का पांचवां दिन रामायण की मार्मिक घटनाओं के मंचन के साथ दर्शकों के लिए यादगार रहा। भगवान राम के 14 वर्षीय वनवास और राजा दशरथ की मृत्यु के प्रसंगों को विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों को भावनात्मक रूप से झकझोर दिया। आधुनिक तकनीक के साथ पारंपरिक कथा के इस मिश्रण ने रामलीला को जीवंत और प्रभावशाली बनाया। अध्यक्ष कृष्ण गुनेजा ने बताया कि रामलीला की शुरुआत र कैकई द्वारा राजा दशरथ से तीन वचनों की मांग का प्रसंग मंचित हुआ, जिसमें उन्होंने भरत को राजगद्दी और राम को 14 वर्ष के वनवास की मांग की। इस दृश्य ने कैकई की महत्वाकांक्षा और दशरथ की विवशता को उजागर किया, जिसे कलाकारों ने संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत किया। राम ने पिता के वचन का सम्मान करते हुए वनवास स्वीकार किया और लक्ष्मण व सीता ने उनके साथ जाने का निर्णय लिया। कौशल्या महल में राम के वनवास की तैयारी और वियोग का दृश्य दर्शकों के लिए हृदयस्पर्शी रहा।सचिव पवन वधवा ने बताया कि पूर्व सभापति करुणा चांडक, डा. अभिलाषा गुप्ता, डॉ. अदिति मक्कड़, डॉ. सबीना, लायंस क्लब के दीपक वाट्स,डॉ. शैलेश गोयल, समाजसेवी श्रीमती सुषमा बतरा और श्रीमती टीना जिंदल पांचवें दिन की रामलीला में मुख्य और विशिष्ट अतिथि रहे।राम के वनवास पर जाने के बाद राजा दशरथ की पुत्र-वियोग में मृत्यु का प्रसंग मंच पर जीवंत हुआ। दशरथ का शोक और उनकी मृत्यु ने रामायण की इस त्रासदी को गहराई से दर्शाया, जिसने दर्शकों की आंखें नम कर दीं। इसके बाद केवट प्रसंग दिखाया गया, जिसमें केवट ने राम, लक्ष्मण और सीता को नदी पार कराने में सहायता की। जंगलों में पहुंचने पर निषाद राज ने उनके लिए पंचवटी में कुटिया बनवाई, जिसकी खबर से ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई। इस उत्साह में रामलीला की महिला विंग ने डांडिया रास खेलकर माहौल को और जीवंत किया। महिला विंग की अध्यक्ष श्रीमती मल्लिक धींगडा ने बताया कि रामलीला में डांडिया उत्सव नारी शक्ति वंदन के रूप में मनाया गया।
पांचवें दिन की रामलीला का समापन निषाद राज और भरत के मिलन के प्रसंग के साथ हुआ। कल शनिवार को छठे दिन रामलीला का मंचन वनवास में राम और भरत के मिलाप के भावुक प्रसंग से शुरू होगा, जो दर्शकों को और अधिक भावनात्मक रूप से जोड़ेगा। श्री रामलीला सेवा समिति की यह प्रस्तुति अपनी तकनीकी उत्कृष्टता और कलाकारों की भावपूर्ण अभिनय को खूब प्रशंसा मिल रही है।