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1. सबसे पहले ड्राइविंग सीट पर सही तरीके से बैठें। अपनी सीट को इस तरह एडजस्ट करें कि आपके पैर आराम से क्लच, ब्रेक और एक्स...
27/07/2025

1. सबसे पहले ड्राइविंग सीट पर सही तरीके से बैठें। अपनी सीट को इस तरह एडजस्ट करें कि आपके पैर आराम से क्लच, ब्रेक और एक्सीलेरेटर तक पहुंच सकें।
उसके बाद अंदर वाला शीशा (IRVM) और साइड शीशे (ORVM) इस तरह सेट करें कि पीछे की चीज़ें साफ दिखें।

2. दोनों हाथों से स्टीयरिंग को ऐसे पकड़ें जैसे घड़ी में 10 और 2 नंबर की दिशा हो। इससे स्टीयरिंग पर सही कंट्रोल मिलेगा।

3. कार को न्यूट्रल में रखकर स्टार्ट करें। धीरे से क्लच दबाकर पहले गियर में डालें और क्लच को धीरे-धीरे छोड़ते हुए हल्का एक्सीलेरेटर दें।

4. कार को 10-15 फीट आगे ले जाएं, फिर रोकें। फिर पीछे की गियर लगाएं और धीरे से पीछे लाएं। यह प्रक्रिया 4-5 बार दोहराएं ताकि गाड़ी पर नियंत्रण बढ़े।

5. बार-बार रोकने और चलाने से ब्रेक पर पकड़ मजबूत होती है। ध्यान रखें, अचानक ब्रेक न लगाएं, खासकर घर के अंदर।

6. जब कार रुकी हो तब स्टीयरिंग को दोनों तरफ घुमाकर समझें कि कितना घूमता है और कार कैसे प्रतिक्रिया देती है।

7. जब प्रैक्टिस पूरी हो जाए, गाड़ी को न्यूट्रल में रखें, हैंड ब्रेक लगाएं और फिर कार को बंद करें।

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बारिश के मौसम में गाड़ी चलाते समय सबसे बड़ी परेशानी होती है – धुंधला शीशा और काम न करने वाला वाइपर। इससे विज़न कम हो जात...
27/07/2025

बारिश के मौसम में गाड़ी चलाते समय सबसे बड़ी परेशानी होती है – धुंधला शीशा और काम न करने वाला वाइपर। इससे विज़न कम हो जाता है और एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है।
लेकिन एक छोटी सी ट्रिक आपके और आपके परिवार की जान बचा सकती है।
जब भी बारिश का मौसम शुरू हो, अपनी गाड़ी के वाइपर वॉशर टैंक में पानी के साथ 1 चम्मच शैम्पू मिला दें।

जैसे ही आप वॉशर का बटन दबाएंगे, शैम्पू वाला पानी शीशे की गंदगी, तेल और धुंध को साफ कर देगा।
इससे न सिर्फ वाइपर स्मूद चलेंगे, बल्कि शीशा चमकने लगेगा और आपकी विज़िबिलिटी साफ हो जाएगी।

यह ट्रिक हर कार ड्राइवर को ज़रूर अपनानी चाहिए, खासकर रात में या तेज बारिश में जब एक्सीडेंट का रिस्क सबसे ज्यादा होता है।
थोड़ी सी सावधानी, एक छोटी सी ट्रिक और आपकी ड्राइविंग होगी बिल्कुल सुरक्षित।
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अगर आपकी गलती से किसी की गाड़ी में टक्कर लग जाए, तो उस समय घबराने की बजाय समझदारी और शांति से काम लेना बहुत जरूरी होता ह...
26/07/2025

अगर आपकी गलती से किसी की गाड़ी में टक्कर लग जाए, तो उस समय घबराने की बजाय समझदारी और शांति से काम लेना बहुत जरूरी होता है। नीचे आसान शब्दों में बताया गया है कि ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए:

1. सबसे पहले गाड़ी रोके और शांत रहें
अगर आप भागने की कोशिश करेंगे, तो मामला और बिगड़ सकता है। लोग आपको पकड़ सकते हैं या सीसीटीवी से ट्रेस कर सकते हैं।

2. हेज़र्ड लाइट जलाएं और साइड में लगाएं
ताकि पीछे से आने वाली गाड़ियां समझ जाएं कि कुछ हुआ है और टकराव से बचा जा सके।

3. सामने वाले से माफी मांगें, झगड़ा न करें
अगर गलती आपकी है, तो विनम्रता से कहें – माफ कीजिए, मेरी गलती थी। आप देख लीजिए क्या नुकसान हुआ है।
अधिकतर लोग शांत हो जाते हैं अगर आप विनम्र व्यवहार करते हैं।

4. नुकसान का जायजा लें
अगर सिर्फ हल्का स्क्रैच या बंपर को टक्कर है, तो सामने वाला नुकसान का क्लेम न भी कर सकता है।
लेकिन अगर बड़ा नुकसान हुआ है, तो सामने वाले को इंश्योरेंस या कॉम्प्रोमाइज की बात कह सकते हैं।

5. पुलिस बुलाने से न डरें अगर ज़रूरी हो
अगर मामला गंभीर है या सामने वाला पुलिस बुलाना चाहता है, तो डरें नहीं। दोनों पक्षों की बात सुनी जाएगी और उचित निर्णय लिया जाएगा।

6. मोबाइल नंबर और गाड़ी के डॉक्यूमेंट शेयर करें अगर मांगे तो
शांति से कहें – आप चाहें तो मेरी इंश्योरेंस कंपनी से भी बात कर सकते हैं।

7. मौके पर पैसे देने का दबाव हो तो सावधानी रखें
अगर सामने वाला दबाव बनाए कि अभी पैसे दो, तो सोच समझकर कदम उठाएं।
अगर बहुत जरूरी हो, तो किसी अपने को कॉल कर लें और कोई गवाह बना लें।

छोटी बात याद रखें:
भागने या झगड़ने से नुकसान बढ़ता है।
शांति, माफी और हल निकालना ही असली चालाकी है।









Day 1 – जब पहली बार कार में बैठें, तो क्या करें1. सबसे पहले डर हटाइए   डर लगना बिलकुल सामान्य है। जब बच्चा पहली बार साइक...
26/07/2025

Day 1 – जब पहली बार कार में बैठें, तो क्या करें
1. सबसे पहले डर हटाइए
डर लगना बिलकुल सामान्य है। जब बच्चा पहली बार साइकिल चलाता है, तो डर लगता है ना। ठीक वैसे ही, पहली बार कार में बैठना भी वैसा ही है। डर पर कंट्रोल करें, क्योंकि आप कहीं रेस नहीं लगा रहे — सिर्फ सीख रहे हैं।

2. गाड़ी में बैठें और चारों ओर देखें
ड्राइवर सीट पर आराम से बैठिए
सीट को आगे-पीछे करें ताकि पैर ठीक से पैडल तक पहुंचे
आइने (अंदर वाला और साइड वाले) अपनी आंखों के अनुसार एडजस्ट करें

उदाहरण:
जैसे घर में कुर्सी पर बैठकर पहले पोजिशन सही करते हैं, वैसे ही कार की सीट भी अपने हिसाब से सेट करें

3. कार के तीन मुख्य पैडल को जानिए (अगर मैन्युअल गाड़ी है)
बायां पैर: सबसे बाएं क्लच
दायां पैर: बीच वाला ब्रेक और सबसे दाएं एक्सीलेरेटर

उदाहरण:
सोचिए कि आप हारमोनियम बजा रहे हैं — हर बटन (यहाँ पैडल) अलग काम करता है

4. कार को स्टार्ट करने के आसान स्टेप्स
गियर को न्यूट्रल में रखें
क्लच को पूरा दबाएं
चाबी घुमाकर गाड़ी चालू करें
गाड़ी अभी रुकी रहेगी, डरें नहीं

5. गाड़ी को चलाना (केवल थोड़ा आगे ले जाएँ)
क्लच को दबाकर पहला गियर लगाएं
हैंडब्रेक नीचे करें
धीरे-धीरे क्लच छोड़ें
जैसे ही गाड़ी हिलती लगे, थोड़ा सा एक्सीलेरेटर दबाएं
गाड़ी आगे बढ़ेगी, फिर ब्रेक दबाकर रोक दें
फिर से क्लच दबाकर गाड़ी बंद करें या दोबारा ट्राय करें

उदाहरण:
जैसे किसी बच्चे को झूला धीरे-धीरे धक्का देते हैं, वैसे ही गाड़ी को धीरे-धीरे क्लच और एक्सीलेरेटर से आगे बढ़ाएं

6. क्या याद रखें
एक्सीलेरेटर बहुत कम दबाएं
क्लच को धीरे छोड़ें
गाड़ी बंद हो जाए तो घबराएं नहीं, फिर से ट्राय करें
सिर्फ पहले गियर में आगे-पीछे करने की प्रैक्टिस करें









अगर आपके पास Alto या Swift जैसी हल्की कार है, तो यह आमतौर पर 80 से 100 km/h की स्पीड तक कंट्रोल में रहती है।    अगर Fort...
25/07/2025

अगर आपके पास Alto या Swift जैसी हल्की कार है, तो यह आमतौर पर 80 से 100 km/h की स्पीड तक कंट्रोल में रहती है।
अगर Fortuner या Scorpio जैसी SUV है, तो 100 से 120 km/h तक ठीक रहती है, लेकिन अचानक ब्रेक लगाने पर इनका बैलेंस थोड़ा बिगड़ सकता है।
BMW, Audi जैसी स्पोर्ट्स कारें 150 से 200 km/h की स्पीड पर भी कंट्रोल में रहती हैं, क्योंकि इनके ब्रेकिंग सिस्टम और सस्पेंशन बहुत एडवांस होते हैं।

2. टायर और ब्रेक की हालत

मान लीजिए आपके टायर पुराने हो चुके हैं या ब्रेक सॉफ्ट हैं, तो 80 km/h से ऊपर जाते ही गाड़ी फिसल सकती है।
खराब टायर पर गाड़ी तेज चलाना ऐसे है जैसे बिना जूते के दौड़ लगाना।

3. रोड और मौसम

अगर आप सूखी और सीधी हाईवे पर गाड़ी चला रहे हैं, तो 100 से 120 km/h तक की स्पीड ठीक मानी जाती है।
लेकिन अगर रोड पर पानी जमा है या धूल है, तो 60 से 70 km/h से ऊपर जाना रिस्की है।
जैसे एक बार किसी ने बारिश में 90 की स्पीड में ब्रेक मारा और कार सीधे फुटपाथ पर चढ़ गई।

4. ड्राइवर का अनुभव

एक ट्रेन्ड ड्राइवर 120 की स्पीड पर भी सही मोड़ ले सकता है।
लेकिन नया ड्राइवर अगर 80 से ऊपर चलाता है, तो हलकी सी गलती जानलेवा हो सकती है।
जैसे एक बार एक लड़का पहली बार कार लेकर निकला और 100 की स्पीड में अचानक ब्रेक मारा – कार घूम गई।

निष्कर्ष:

भारत की ज्यादातर सड़कों पर 80 से 100 km/h तक की स्पीड को सेफ माना जाता है। इससे ऊपर जाना तब ही ठीक है जब रोड सही हो, गाड़ी की हालत अच्छी हो और ड्राइवर अनुभवी हो। वरना हादसे का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

पावर मतलब गाड़ी की दौड़ने की ताकत ,टॉर्क मतलब गाड़ी की खींचने की ताकत ,उदाहरण से समझिए:1. स्पोर्ट्स कार जैसे BMW या Audi...
25/07/2025

पावर मतलब गाड़ी की दौड़ने की ताकत ,टॉर्क मतलब गाड़ी की खींचने की ताकत ,उदाहरण से समझिए:

1. स्पोर्ट्स कार जैसे BMW या Audi कुछ ही सेकंड में 100 की स्पीड पकड़ लेती है – क्योंकि उसमें पावर ज्यादा होती है
2. ट्रैक्टर या बड़ा ट्रक भरी ट्रॉली को आराम से खींच लेता है – क्योंकि उसमें टॉर्क ज्यादा होता है
3. Mahindra Thar जैसी SUV तेज़ भी भागती है और कीचड़ या चढ़ाई में भी नहीं रुकती – क्योंकि उसमें पावर और टॉर्क दोनों अच्छे होते हैं

अगर आप शहर में चलाते हैं तो पावर ज्यादा देखिए
अगर गांव, पहाड़ी या ऑफ-रोड चलाते हैं तो टॉर्क ज्यादा जरूरी है

गाड़ी खरीदते समय लुक से ज्यादा उसके इंजन की ताकत समझिए
अब अगली बार सेल्समैन से पावर और टॉर्क के बारे में जरूर पूछिए

गाड़ी के पहियों के अंदर एक छोटा सा लोहे का टुकड़ा चिपका होता है जिसे ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यही छोटा ट...
25/07/2025

गाड़ी के पहियों के अंदर एक छोटा सा लोहे का टुकड़ा चिपका होता है जिसे ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यही छोटा टुकड़ा आपकी गाड़ी की रफ्तार और संतुलन दोनों के लिए बेहद जरूरी होता है।

इसे व्हील बैलेंस वेट कहते हैं। जब टायर और रिम फिट होते हैं, तो उनका वजन एक समान नहीं होता। इससे गाड़ी तेज चलाने पर हिलने लगती है, स्टीयरिंग कांपता है और टायर जल्दी घिसने लगते हैं। इस असंतुलन को ठीक करने के लिए यह छोटा वेट लगाया जाता है।

ये वेट आमतौर पर व्हील के किनारे या अंदरूनी हिस्से में चिपकाया या क्लिप से लगाया जाता है। इसका काम पहिए को बैलेंस में रखना है ताकि सफर स्मूद और सुरक्षित हो।

छोटा दिखने वाला ये टुकड़ा दरअसल बड़ी जिम्मेदारी निभाता है — आपकी गाड़ी को झटकों और खतरों से बचाता है।

कल्पना कीजिए — आपकी गाड़ी का एक्सीडेंट होता है। बंपर टूटकर रोड पर गिर गया।आप घबराते हैं, और बिना पीछे देखे गाड़ी लेकर वर...
25/07/2025

कल्पना कीजिए — आपकी गाड़ी का एक्सीडेंट होता है। बंपर टूटकर रोड पर गिर गया।
आप घबराते हैं, और बिना पीछे देखे गाड़ी लेकर वर्कशॉप निकल जाते हैं।
2 दिन बाद इंश्योरेंस वाले पूछते हैं — "टूटा पार्ट कहाँ है?"
आप कहते हैं — "वहीं रह गया था…"
और जवाब आता है — "तो क्लेम भी वहीं रह गया!"

हां, यही सच है।
अगर एक्सीडेंट के बाद टूटा हुआ हिस्सा (जैसे बंपर, साइड मिरर, हेडलाइट) आप मौके से नहीं लाते, तो इंश्योरेंस कंपनी मानती ही नहीं कि वो टूटा था।

सीधा नियम:
जो चीज़ सर्वेयर को नहीं दिखेगी, उसका पैसा भी नहीं मिलेगा।

सीख:
घबराएं नहीं, टूटे हुए हिस्सों को उठाएं। चाहे वह मिरर हो, बंपर हो या लाइट।
इंश्योरेंस का पैसा तभी मिलेगा जब प्रूफ भी साथ होगा।

कार वॉश करवाते हो? एक छोटी गलती गाड़ी की चमक खराब कर देती हैहम सब हफ्ते में एक बार कार वॉश करवाते हैं,लेकिन ध्यान नहीं द...
24/07/2025

कार वॉश करवाते हो? एक छोटी गलती गाड़ी की चमक खराब कर देती है
हम सब हफ्ते में एक बार कार वॉश करवाते हैं,
लेकिन ध्यान नहीं देते कैसे और कहाँ धुल रही है।
यही गलती आपकी कार का पेंट खराब कर रही है।

1. नमक वाला पानी (hard water) इस्तेमाल करना
अक्सर लोकल वॉशिंग वाले टैंकर का पानी यूज़ करते हैं,
जिसमें नमक होता है।
यह पेंट को धीरे-धीरे फीका कर देता है।
जैसे कपड़े बार-बार नमक वाले पानी से धोने पर पुराने लगने लगते हैं।

2. गंदा या पुराना कपड़ा यूज़ करना
वही पुराना कपड़ा, जो सबकी कार पर चलता है —
वो आपकी कार पर छोटे-छोटे स्क्रैच डाल देता है।
जैसे गंदे झाड़ू से फर्श साफ करने पर फर्श खराब हो जाता है।

3. वॉश के बाद वॉक्स या कोटिंग नहीं लगाना
गाड़ी धोकर छोड़ देते हैं,
कोई प्रोटेक्शन नहीं लगाते —
तो धूप, बारिश, धूल सीधा असर करती है।
जैसे बिना सनस्क्रीन लगाए धूप में निकल जाना — त्वचा जल जाती है।

समाधान क्या है?
RO या साफ पानी से वॉश करवाएं
माइक्रोफाइबर कपड़ा यूज़ हो
हर महीने एक बार वॉक्स या कोटिंग लगवाएं

नतीजा
आपकी गाड़ी 5 साल बाद भी चमकदार दिखेगी —
लोग पूछेंगे, नई ली क्या?

अगर इंडिकेटर खराब हो जाता है तब यह इशारे हैं ड्राइवर के
24/07/2025

अगर इंडिकेटर खराब हो जाता है तब यह इशारे हैं ड्राइवर के

बारिश के मौसम में वाइपर चलाना एक कला है, वरना विज़न बिगड़ सकता है और एक्सीडेंट का खतरा बढ़ सकता है।यह बातें ज़रूर ध्यान ...
24/07/2025

बारिश के मौसम में वाइपर चलाना एक कला है, वरना विज़न बिगड़ सकता है और एक्सीडेंट का खतरा बढ़ सकता है।
यह बातें ज़रूर ध्यान रखें:

बारिश शुरू होते ही वाइपर की स्पीड को मौसम के हिसाब से सेट करें।

बहुत तेज वाइपर चलाने से धुंध और धब्बे बन सकते हैं।

वॉशर फ्लूड का इस्तेमाल करें ताकि शीशा साफ रहे।

वाइपर ब्लेड पुराने हों तो बारिश से पहले ही बदल दें।

ड्राइविंग के दौरान अचानक वाइपर बंद न करें, इससे पीछे की गाड़ी को भ्रम हो सकता है

सबसे अलग और बड़ा बटन हैज़र्ड लाइट का होता है? और वो भी डैशबोर्ड के बिल्कुल बीच में?अब सवाल ये उठता है — ऐसा क्यों?मान ली...
24/07/2025

सबसे अलग और बड़ा बटन हैज़र्ड लाइट का होता है? और वो भी डैशबोर्ड के बिल्कुल बीच में?

अब सवाल ये उठता है — ऐसा क्यों?

मान लीजिए आप हाईवे पर तेज़ रफ्तार में गाड़ी चला रहे हैं और अचानक सामने कोई जानवर, खड़ी गाड़ी या गड्ढा आ जाए। उस समय आपके पास सोचने का वक्त नहीं होता, सिर्फ एक सेकंड में फैसला लेना होता है कि बाकी वाहनों को कैसे सतर्क करें।

यहीं पर काम आती है हैज़र्ड लाइट।

इस बटन का आकार बड़ा और पोजीशन सेंटर में इसलिए होती है ताकि ड्राइवर बिना इधर-उधर देखे, सीधे उसे पहचान सके और दबा सके। ये बटन इतना यूनिवर्सल डिज़ाइन किया गया है कि चाहे आप किसी भी कंपनी की कार चला रहे हों, हर गाड़ी में ये बटन पहचान में आ जाता है — एक त्रिकोण चिन्ह के साथ।

मान लीजिए आप बारिश में गाड़ी चला रहे हैं, आगे कोहरा है और विज़िबिलिटी कम है। ऐसे में आपको गाड़ी धीमी करनी पड़ेगी या साइड में खड़ा होना पड़ेगा। पीछे से आ रही गाड़ियों को ये जानकारी कैसे मिले? आप हैज़र्ड लाइट ऑन करेंगे ताकि पीछे वाले ड्राइवर सतर्क हो जाएं कि आगे कुछ इमरजेंसी है।

इसी तरह अगर आपकी गाड़ी खराब हो जाए या टायर पंक्चर हो जाए और आप रोड के किनारे खड़े हों, तो भी यही लाइट बाकी ट्रैफिक को चेतावनी देने का काम करती है।

इसलिए ये बटन इतना महत्वपूर्ण है कि इसे भूल से भी नज़रअंदाज़ न किया जाए।

आपका क्या मानना है — क्या सभी नए बाइक और टू-व्हीलर में भी ऐसी ही चेतावनी लाइट होनी चाहिए?
अपना जवाब कमेंट में जरूर दें।


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