Diary me Shayri

Diary me Shayri welcome friends

22/09/2025

तुम्हें पाकर भी कोई इतनी मोहब्बत नहीं कर पाएगा... जितनी मैंने, तुम्हें बिना पाए की है...
//पीयूष Unique//

15/09/2025

If you love any person in your life then don't be late... Say your feelings to your person and become a part of life to each other...
//Piyush Unique//

15/09/2025

I feel You all time everywhere... And I feel better when You come near to me...
//Piyush Unique//

14/09/2025

तुम बेशक आगे बढ़ रहे हो अपनी मेहनत के दम पे... मगर ये मत भूल जाना कि, उसमें तुम्हारे मां-बाप की दुआ शामिल है...
//पीयूष Unique//

13/09/2025

स्वभाव सूरज की तरह रखता हूँ अपना... ना उगने का अहंकार, ना डूबने का भय...
//पीयूष Unique//

13/09/2025

मैने खोया था सब कुछ तुम्हें पाने के लिए... लेकिन जिंदगी खो गई है अब तुम्हें खोने के बाद...
//पीयूष Unique//

12/09/2025

कभी लालच में आकर अपना ज़मीर नहीं बेचा मैनें... मजदूर हूँ लेकिन मजबूर नहीं...
//पीयूष Unique//

एक दिन मैंने भगवान जी से पूछा कि जब मैं आपकी शरण में निरंतर हूँ तब भी मुझे इतनी चिंता क्यों रहती है? फिर भी मन इतना परेश...
10/09/2025

एक दिन मैंने भगवान जी से पूछा कि जब मैं आपकी शरण में निरंतर हूँ तब भी मुझे इतनी चिंता क्यों रहती है? फिर भी मन इतना परेशान क्यों रहता है? तो भगवान जी ने बहुत सुन्दर जवाब दिया... हाँ वत्स तुम मेरी शरण में तो निरंतर रहते हो लेकिन निरंतर मुझपर विश्वास नहीं रखते। तुम्हें सदैव संसार में नकारात्मक चीजों के घटित होने का भय रहता है जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। संसार में समस्त घटनाएं अपने समय पर ही घटित होती हैं। किसी के जीवन में सुख तो किसी के जीवन में दुख ये सब मनुष्य के कर्मों के ही फल होते हैं। इसके लिए कोई अन्य दोषी नहीं होता है। फिर भी जो मेरी शरण में थोड़े समय के लिए भी आता है... मैं उसकी सदैव रक्षा ही करता हूँ। परंतु मूर्ख मनुष्य अहंकार में डूबकर स्वयं को ही कर्ता-धर्ता समझने की भूल करता रहता है। आज का मनुष्य अच्छाई से जीतने के लिए हर बुरे प्रयास कर रहा है। लेकिन वो नित मेरी ही वंदना करने के बावजूद मुझे भूलकर सारे समय अपने सांसारिक भोगों को प्राप्त करने में लगा रहता है। मेरी शरण में आने के बाद जो मनुष्य मुझपर निरंतर विश्वास रखकर मुझे स्मरण करते हैं मैं उनकी समस्त चिंताओं का समाधान करता हूँ। इसी प्रकार तुम भी समस्त चिंताओं का त्याग करके बिना फल की चिंता किए अपने कर्म पथ पर आगे बढ़ो। तुम्हारा खुद पर विश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति तुम्हें उन्नति की ओर ले जाएगी। मैं हर रूप में, हर जगह, हर समय तुम्हारे साथ हूँ।
//ऊँ श्री रामेश्वराय नम: शिवाय//🙏

10/09/2025

उसे ही कैरियर बना बैठे, जिसमें मन ही नहीं लगा कभी... "पढ़ाई"
और अब पढ़ा रहा हूँ... "शिक्षक"
//पीयूष Unique//

10/09/2025

चाहे तुम कितने भी अंदाज बदल लो लेकिन... मीठा बोलने में और मीठा बनने में बड़ा अंतर होता है...
//पीयूष Unique//

09/09/2025

शायद चिता में जलकर भी इतनी तकलीफ ना होगी मुझे... जितनी तुमसे बिछड़कर महसूस कर रहा हूँ मैं...
//पीयूष Unique//

09/09/2025

बेशक हमारी बोली में ज़हर हो सकता है... मगर हम मीठा बोलकर ज़हर नहीं पिलाते...
//पीयूष Unique//

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