Dr Bhim Rao Ambedkar Ke Diwana

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please follow my page ll बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए इस पेज को फ़ॉलो जरुर करें 🙏 ll जय भीम जय संविधान ll Dr Bhim Rao Ambedkar Ke Diwana

12/07/2025
Buddham Sarnam Gacchami ll
30/06/2025

Buddham Sarnam Gacchami ll

बुद्धम शरणम् गच्छामि
30/06/2025

बुद्धम शरणम् गच्छामि

14/04/2025

संविधान निर्माता और आजाद भारत के प्रथम कानून एवं न्याय मंत्री ‘भारत रत्न’ बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन 🙏

बाबा साहेब ने देश में सामाजिक न्याय की बात बुलंद की और अपना पूरा जीवन देश में न्याय की स्थापना के लिए समर्पित किया।

हम सभी उनके आदर्शों से प्रेरणा लेते रहेंगे।

13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग नरसंहार में देश की आज़ादी के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले अमर शहीदों को शत-शत नमन।
13/04/2025

13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग नरसंहार में देश की आज़ादी के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले अमर शहीदों को शत-शत नमन।

13/04/2025

जाती है कि जाती नहीं ll अमीर खान वायरल वीडियो ll क्यों लोग आज भी जाती से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं ll

जातिवाद की ऐसी कहानी आपने कभी नहीं सुनी होगी न ही मनुवादी मीडिया ने कभी बताया, मलयालम फिल्मों की पहली दलित नायिका P.k. R...
21/03/2025

जातिवाद की ऐसी कहानी आपने कभी नहीं सुनी होगी न ही मनुवादी मीडिया ने कभी बताया, मलयालम फिल्मों की पहली दलित नायिका P.k. Rosy की, इस दलित अभिनेत्री ने अपर कास्ट के ब्राह्मणवाद और जाति व्यवस्था को चुनौती दी,

परिणाम यह रहा कि जब उनकी पहली फ़िल्म रिलीज़ हुई तो थिएटर जला दिए गए, उनपर पत्थर फेंके गए, उनका घर जला दिया गया, जानलेवा हमला हुआ, जैसे तैसे जान बचाकर वह ट्रक में बैठकर भाग गई और गुमनाम हो गई,

P.K. Rosy की गलती यह थी कि वह दलित महिला थी और फ़िल्म में उन्होंने नायर महिला का किरदार किया, नायर एक अपर कास्ट जाति है, जाति का दंश बेहद ख़तरनाक होता है वह आपको कभी आगे बढ़ने नहीं देता है l,

मनुवादी अपनी ग़लती कभी नहीं स्वीकारते परिणाम यह होता है कि कई दलित टैलेंट गुमनाम हो जाते हैं, मैरिट एक भ्रम है जिसे मनुवादी जोर ज़ोर से चिल्लाते हैं, दरअसल समान परिस्थिति और समान अवसर मिले तो हर कोई टैलेंटेड होता है,

P.K Rosy आज होती तो दुनिया में तहलका मचा देती, बेहद खूबसूरत थी, कई नृत्यकला में माहिर थी, अभिनय की दुनिया की बेताज रानी थी, लेकिन जातिवाद ने उन्हें निगल लिया ।

लेखक - रवि आज़ाद जी को बहुत बहुत धन्यवाद जय भीम रवि सर

21/03/2025

14 मार्च को औरंगाबाद जिले में एनडीए गठबंधन के नेता के बेटे द्वारा 13 साल की मासूम बच्ची कोमल पासवान की हत्या अत्यंत दुखद,शर्मनाक और दण्डनीय।

पुलिस प्रशासन ने जनता और बिहार में हमारी पार्टी के नेताओं के भारी विरोध के बाद आज आरोपी की गिरफ्तारी तो कर ली, लेकिन इतनी देरी से की गई इस कार्यवाही ने सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मामले की गंभीरता को देखता हुए, CMO Bihar से हमारी मांगें—

1. SIT गठित कर निष्पक्ष जांच की जाए
2. पीड़ित परिवार को सरकारी सुरक्षा व आर्थिक मदद मिले
3. मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर आरोपी को कड़ी सजा दी जाए
4. एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत सख्त धाराएं लगाई जाएं, ताकि न्याय सुनिश्चित हो

Nitish Kumar

लोकप्रिय थे। उन्होंने अपने सिर पर जिन्जा पहना था, खपरा के टुकड़े से बनी टोपी, एक कान में खोपड़ी, दूसरे कान में टूटी चूड़...
23/02/2025

लोकप्रिय थे। उन्होंने अपने सिर पर जिन्जा पहना था, खपरा के टुकड़े से बनी टोपी, एक कान में खोपड़ी, दूसरे कान में टूटी चूड़ी का शीशा, एक हाथ में झाड़ू, दूसरे हाथ में घड़ा।

उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज में व्याप्त अज्ञानता, अंधविश्वास, भोली-भाली मान्यताओं, अवांछित रीति-रिवाजों और परंपराओं को दूर करने के लिए समर्पित कर दिया। इसके लिए उन्होंने कीर्तन का मार्ग अपनाया। अपने कीर्तन में वे श्रोताओं को उनके अज्ञान, दोषों और दोषों से अवगत कराने के लिए विभिन्न प्रश्न पूछते थे। उनके उपदेश भी सरल और सहज होते थे। अपने कीर्तनों में वे कहा करते थे कि चोरी मत करो, साहूकारों से कर्ज मत लो, व्यसनों में लिप्त मत हो, भगवान और धर्म के नाम पर जानवरों को मत मारो, जातिगत भेदभाव और छुआछूत का पालन मत करो। उन्होंने आम लोगों के मन में यह बात बैठाने की कोशिश की कि भगवान पत्थर में नहीं बल्कि इंसानों में हैं। वे संत तुकाराम महाराज को अपना गुरु मानते थे। उन्होंने हमेशा कहा कि 'मैं किसी का गुरु नहीं हूं, मेरा कोई शिष्य नहीं है'। अपने विचारों को सरल और भोले-भाले लोगों तक पहुँचाने के लिए वे ग्रामीण भाषा (मुख्य रूप से वरहाड़ी बोली) का प्रयोग करते थे। गाडगे बाबा ने भी समय-समय पर संत तुकाराम के सटीक अभंगों का भरपूर उपयोग किया। गाडगे बाबा भोले-भाले से लेकर नास्तिक तक सभी उम्र के लोगों को आसानी से अपने कीर्तन में शामिल कर लेते हैं और उन्हें अपने दर्शन का विश्वास दिलाते हैं। बाबा के जीवनीकार प्रबोधंकर ठाकरे ने कहा कि उनके कीर्तन का लघुचित्र बनाना मेरी शक्ति से परे है।

नहीं छोड़ा अगर कोई मुसीबत में था तो उसकी मदद के लिए दौड़ना, उसकी मदद करना और बिना किसी परिणाम की उम्मीद किए अपने रास्ते पर जाना उसका पैटर्न था। वह हमेशा अपने साथ एक कौवा रखता था। वह फटे-पुराने कपड़े पहने था और हाथ में टूटी बंदूक थी। इसीलिए लोग उन्हें 'गाडगे बाबा' कहने लगे। वह जिस गाँव में जाता था, झाडू-पोंछा करता था। सार्वजनिक स्वच्छता के सिद्धांतों को मन में बिठाने और समाज में अंधविश्वास को खत्म करने के लिए वे खुद भी लगातार सक्रिय रहे और भरसक प्रयास किया।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले महान समाज सुधारक संत गाडगे जी महाराज की जयंती पर कोटि कोटि प्रणाम।संत गाडगे जी ने जीवन भर गरीबो...
23/02/2025

वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले महान समाज सुधारक संत गाडगे जी महाराज की जयंती पर कोटि कोटि प्रणाम।

संत गाडगे जी ने जीवन भर गरीबों और दलितों के बीच अज्ञानता, अंधविश्वास और अस्वच्छता के उन्मूलन के लिए काम किया।

समाज में समानता, एकता और भाईचारे का संदेश देने वेल्स संत शिरोमणि परम पूज्य सतगुरु गुरु रविदास जी महाराज की जयंती पर बारम...
12/02/2025

समाज में समानता, एकता और भाईचारे का संदेश देने वेल्स संत शिरोमणि परम पूज्य सतगुरु गुरु रविदास जी महाराज की जयंती पर बारम्बार नमन।

उनके शिक्षाएं हमें सद्भाव, सामाजिक बराबरी, उत्थान और मानवतावादी मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देते हैं।

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