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पूर्ण संत (पूर्ण गुरु) तीन प्रकार के मंत्रों (नाम) को तीन बार में उपदेश करता है, जिसका वर्णन कबीर सागर में बोध सागर खंड ...
21/01/2025

पूर्ण संत (पूर्ण गुरु) तीन प्रकार के मंत्रों (नाम) को तीन बार में उपदेश करता है, जिसका वर्णन कबीर सागर में बोध सागर खंड के अध्याय अमर मूल में पृष्ठ 265 पर व गीता जी के अध्याय 17 श्लोक 23 व सामवेद संख्या 822 में मिलता है।
वह पूर्ण संत व मोक्ष मंत्र दबने के अधिकारी सिर्फ संत रामपाल जी महाराज हैं। उनसे सच्चे मंत्र प्राप्त कर अपना कल्याण कराएं।

#सुमर_सुमर_नर_उतरो_पारा

Sant Rampal Ji Maharaj

 #परमात्मा_साकार_या_निराकार   💠पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 8 में कहा है कि (कविर मनिषी) जिस परमेश्वर की सर्व प्राणिय...
24/08/2024

#परमात्मा_साकार_या_निराकार


💠पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 8 में कहा है कि (कविर मनिषी) जिस परमेश्वर की सर्व प्राणियों को चाह है, वह कविर अर्थात कबीर परमेश्वर पूर्ण विद्वान है। उसका शरीर बिना नाड़ी (अस्नाविरम) का है, (शुक्रम अकायम) वीर्य से बनी पांच तत्व से बनी भौतिक काया रहित है। वह सर्व का मालिक सर्वोपरि सत्यलोक में विराजमान है। उस परमेश्वर का तेजपुंज का (स्वर्ज्योति) स्वयं प्रकाशित शरीर है।

💠ऋग्वेद मण्डल 1 सूक्त 1 मंत्र 5
अग्निः होता कविः क्रतुः सत्यः चित्रश्रवस्तम् देवः देवेभिः आगमत् ।।5 ।।

सर्व सृष्टी रचनहार कुल का मालिक कविर्देव अर्थात् कबीर साहेब है जो तेजोमय शरीर युक्त है। जो साधकों के लिए पूजा करने योग्य है।

💠पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।

परमात्मा साकार है!

गुरु ग्रन्थ साहेब, राग आसावरी, महला 1 के कुछ अंश - पृष्ठ 463

💠आपीनै आप साजिओ आपीनै रचिओ नाउ।
दुयी कुदरति साजीऐ करि आसणु डिठो चाउ।
दाता करता आपि तूं तुसि देवहि करहि पसाउ।
तूं जाणोइ सभसै दे लैसहि जिंद कवाउ करि आसणु डिठो चाउ।

उपरोक्त अमृतवाणी में श्री नानक साहेब जी स्वयं कह रहे हैं कि पूर्ण परमात्मा जिंदा का रूप बनाकर बेई नदी पर आए, अर्थात जिंदा कहलाए तथा स्वयं ही दो दुनिया ऊपर (सतलोक आदि) तथा नीचे (ब्रह्म व
परब्रह्म के लोक) को रचकर ऊपर सत्यलोक में आकार में आसन पर बैठ कर चाव के साथ अपने द्वारा रची दुनिया को देख रहे हो।

💠यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1 : परमात्मा साकार है।

अगने तनुः असि | विश्नवे त्व सोमस्य तनूर' असि ||


यहां दो बार कहा है कि परमेश्वर का शरीर है। उस सनातन पुरुष के पास सबका पालन-पोषण करने के लिए शरीर है अर्थात् जब भगवान तत्वज्ञान समझाने के लिए कुछ समय के लिए इस संसार में अतिथि के रूप में आते हैं, तो वे अपने वास्तविक शरीर पर प्रकाश के हल्के पुंज का शरीर धारण करके आते हैं।

💠परमात्मा शिशु रूप में प्रकट होकर लीला करता है। तब उनकी परवरिश कंवारी गायों के दूध से होती है।
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9
यह लीला कबीर परमेश्वर ही आकर करते हैं।

💠ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।

💠पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है। - ऋग्वेद
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18

💠ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 से 20 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) शिशु रूप धारण करके प्रकट होता है तथा अपना निर्मल ज्ञान अर्थात तत्वज्ञान कबीर वाणी के द्वारा अपने
अनुयायियों को बोल-बोल कर वर्णन करता है। वह कविर्देव (कबीर परमेश्वर) ब्रह्म के धाम तथा परब्रह्म के धाम से भिन्न जो पूर्ण ब्रह्म का तीसरा ऋतधाम (सतलोक) है, उसमें आकार में विराजमान है तथा सतलोक से चौथा अनामी लोक है, उसमें भी यही कविर्देव (कबीर परमेश्वर) अनामी पुरुष रूप में मनुष्य सदृश आकार में विराजमान है।

💠अल्लाह साकार है, बेचून नहीं!

पवित्र कुरान शरीफ (सुरत फुकार्नि 25, आयत 59)

अल्ल्जी खलकस्समावाति वल्अर्ज व मा बैनहुमा फी सित्तति अय्यामिन् सुम्मस्तवा अलल्अर्शि शशि अरर्ह्मानु फस्अल् बिही खबीरन्(कबीरन्)।।

हजरत मुहम्मद को कुरान शरीफ बोलने वाला प्रभु (अल्लाह) कह रहा है कि वह कबीर प्रभु वही है जिसने जमीन तथा आसमान के बीच में जो भी विद्यमान है सर्व सृष्टि की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सत्यलोक में सिंहासन पर विराजमान हो (बैठ) गया। उसके विषय में जानकारी किसी बाखबर से पूछो।
इससे यह स्पष्ट है कि सर्व सृष्टि रचनहार, सर्व पाप विनाशक, सर्व शक्तिमान, अविनाशी परमात्मा मानव सदृश शरीर में आकार में है तथा सत्यलोक में रहता है। उसका नाम कबीर है।

💠ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17, 18

पूर्ण परमात्मा कविर्देव तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सत्यलोक की स्थापना करके तेजोमय मानव सदृश शरीर में आकार में सिंहासन पर विराजमान है।

💠ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 5
कूचिज्जायते सनयासु नव्यो वने तस्थौ पलितो धूमकेतुः। अस्नातापो वृषभो न प्रवेति सचेतसो यं प्रणयन्त मर्ताः।।5 ।।

पूर्ण परमात्मा जब मानव शरीर धारण कर पृथ्वी लोक पर आता है उस समय अन्य वृद्ध रूप धारण करके पूर्व जन्म के भक्ति युक्त भक्तों के पास तथा नए मनुष्यों को नए भक्ति संस्कार उत्पन्न करने के लिए विद्युत जैसी तीव्रता से जाता है अर्थात् जब चाहे जहाँ प्रकट हो जाता है। उन्हें सत्य भक्ति प्रदान करके मोक्ष प्राप्त कराता है।

💠परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है)
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3

💠ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 और ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 95, मंत्र 1-5 के अनुसार
परमात्मा साकार मानव सदृश है वह राजा के समान दर्शनीय है और सतलोक में तेजोमय शरीर में विद्यमान है उसका नाम कविर्देव (कबीर) है ।

💠परमेश्वर का नाम कविर्देव अर्थात् कबीर परमेश्वर है, जिसने सर्व रचना की है। जो परमेश्वर अचल अर्थात् वास्तव में अविनाशी है।
- पवित्र अथर्ववेद काण्ड 4 अनुवाक 1 मंत्र 7

💠यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15 में प्रमाण है कि परमात्मा का शरीर है और वह आकार में है।

💠पवित्र कुरान शरीफ में प्रभु सशरीर है तथा उसका नाम कबीर है सुरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 में लिखा है कि कबीर परमात्मा ने छः दिन में सृष्टी की रचना की तथा सातवें दिन तख्त पर जा विराजा।

💠पवित्र वेद में प्रमाण है कि परमात्मा साकार है!

पवित्र अथर्ववेद काण्ड 4, अनुवाक 1 मंत्र 1:-
ब्रह्म जज्ञानं प्रथमं पुरस्त्ताद् वि सीमतः सुरुचो वेन आवः।
सः बुध्न्या उपमा अस्य विष्ठाः सतश्च योनिमसतश्च वि वः।। 1।।

पवित्र वेदों को बोलने वाला ब्रह्म कह रहा है कि सनातन परमेश्वर ने स्वयं अनामय लोक से सत्यलोक में प्रकट होकर अपनी सूझ-बूझ से कपड़े की तरह रचना करके ऊपर के सतलोक आदि को सीमा रहित स्वप्रकाशित अजर - अमर अर्थात अविनाशी ठहराए तथा नीचे के परब्रह्म के सात संख ब्रह्माण्ड तथा ब्रह्म के 21 ब्रह्माण्ड व इनमें छोटी-से छोटी रचना भी उसी परमात्मा ने अस्थाई की है।

- जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज

💠वेदों में प्रमाण है, परमात्मा साकार है।

यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3 (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है)

💠पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ पृष्ठ नं. 2 पर, अ. 1ः20 - 2ः5 पर)
छटवां दिन:- प्राणी और मनुष्य:
अन्य प्राणियों की रचना करके
26. फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं, जो सर्व प्राणियों को काबू रखेगा। 27. तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्टि की।







इतिहास के पन्ने भी बदले जा रहे हैं  अब वो दिन दूर नहीं जब सब लोग बोलेंगे - - - - -  #वेदों_में_प्रमाण_है_कबीर_साहेब_भगवा...
25/03/2024

इतिहास के पन्ने भी बदले जा रहे हैं अब वो दिन दूर नहीं जब सब लोग बोलेंगे - - - - -

#वेदों_में_प्रमाण_है_कबीर_साहेब_भगवान_है
#ये_दुनिया_अनजान_है_कबीर_साहेब_भगवान_है


 #राम_रंग_होरी_हो #होली  #होली2024  🌈भक्त प्रह्लाद की बार बार जीवन रक्षा करके भगवान ने हम जीवों को यह संदेश दिया कि केवल...
24/03/2024

#राम_रंग_होरी_हो
#होली

#होली2024

🌈भक्त प्रह्लाद की बार बार जीवन रक्षा करके भगवान ने हम जीवों को यह संदेश दिया कि केवल परम पिता ही हमारा रक्षक है। होलिका को जो वरदान प्राप्त था उसके हिसाब से तो भक्त प्रह्लाद को ही जल जाना था। परंतु भक्त प्रह्लाद की रक्षा भगवान ने की। इसी बात का प्रमाण ऋग्वेद मण्डल नंबर 10 सूक्त 161 मंत्र 2 और ऋग्वेद मण्डल नंबर 9 सूक्त 80 मंत्र 2 में है। आइए जानते हैं भगवान की महिमा साधना टीवी चैनल पर शाम 07:30 बजे।

🌈होलिका का जल जाना इस बात का पक्का सबूत है कि हर हाल में भगवान अपने भक्त की रक्षा करते हैं। इस दिन तो विशेष कसक के साथ भगवान की भक्ति करनी चाहिए। वास्तविक भक्ति साधना प्राप्त करने के लिए अवश्य सुनें संत रामपाल जी महराज के सत्संग शाम 07:30 बजे साधना चैनल पर।

🌈समर्थ का शरणा गहो, रंग होरी हो।
कदै न हो अकाज, राम रंग होरी हो।।

सम्पूर्ण सांसारिक लाभ व मोक्ष पाने के लिए पूर्ण परमात्मा की शरण में जाना चाहिए। राम नाम की होली खेलनी चाहिए अर्थात सतभक्ति करनी चाहिए, जिससे परमात्मा की प्राप्ति हो सके। वही सतभक्ति मार्ग जानने के लिए पढ़ें पुस्तक "हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण"।

🌈इस होली पर हमें वास्तविक राम नाम की होली के बारे में जानना होगा। जिससे हमारे सभी दुख टलेंगे, सर्व सुख तथा पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति होगी।

🌈राम नाम की होली खेलने से हमारे पाप कर्म कटते हैं।
देखें साधना चैनल शाम 07:30 बजे।

🌈राम नाम की होली खेलने से सर्व सुख तथा पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है। पाएं निःशुल्क आध्यात्मिक पुस्तक ज्ञान गंगा।

🌈इस होली जानिए

ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, मण्डल 10 सूक्त 162 मंत्र 2 व मण्डल 10 सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण मिलता है कि परमात्मा अपने भक्त के हाथ, पैर, सिर, कान, नाक, आंख, हृदय आदि अंगों के सर्व रोगों को समाप्त कर निरोगी काया प्रदान करता है। यहां तक कि भक्त की मृत्यु भी हो गई हो तो परमात्मा उसे जीवित करके उसकी 100 वर्ष के लिए आयु बढ़ा देता है।

🌈होली पर जानिए

वह परमात्मा कौन है? जो यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 के अनुसार अपने साधक के सर्व पाप कर्मों को समाप्त कर उसे सुखमय जीवन प्रदान करता है जिससे वह भक्त वास्तव में खुशी मना सकता है।

🌈होली भगवान द्वारा भक्त के जीवन की रक्षा करने वाला प्रतीकात्मक दिन है। पूर्ण परमात्मा के वास्तविक मंत्र और सही भक्ति विधि जानने के लिए देखें साधना चैनल शाम 07:30 बजे।

🌈इस होली पर जानें उस पूर्ण परमेश्वर के बारे में जिसने नरसिंघ रूप धर कर प्रह्लाद की रक्षा की। पढ़ें पुस्तक "ज्ञान गंगा"

🌈सभी यही मानते हैं कि हिरण्यकशिपु से भक्त प्रहलाद की रक्षा भगवान विष्णु ने की थी, लेकिन क्या आप जानते हैं यह अधूरा सच है।
क्योंकि सूक्ष्मवेद में कबीर परमेश्वर ने कहा है:

हिरण्यक शिपु उदर (पेट) विदारिया, मैं ही मारया कंश।
जो मेरे भक्त को सतावै, वाका खो-दूँ वंश।।

प्रहलाद भक्त की वास्तविक कथा जानने के लिए आज ही Sant Rampal Ji Maharaj App डाऊनलोड करें।

🌈जिस प्रकार भक्त प्रह्लाद ने भक्ति करके परमेश्वर को याद किया जिससे उसकी सदैव रक्षा हुई। तो क्यों ना हम भी उस परमेश्वर को सदा याद करें जिससे हमारी भी सदैव रक्षा हो।

🌈इस होली पर ज़रूर पढ़ें संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखी बेजोड़ पुस्तक जिसने अपने ज्ञान से मचा रखा है पूरे विश्व में तहलका। पाएं निःशुल्क आध्यात्मिक पुस्तक ज्ञान गंगा।

🌈होली पर जानिए

वह समर्थ परमात्मा कौन है, जिसके विषय में ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 80 मंत्र 2 व ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2 में कहा गया है कि वह परमात्मा अपने सच्चे साधक की आयु भी बढ़ा देता है।

🌈 होली पर जानिए, कैसे हमें सर्व सुख तथा पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है?
ऐसे ही अनसुलझे सवालों का जवाब जानने के लिए पढ़ें पुस्तक "ज्ञान गंगा"

🌈इस होली आप भी रूबरू हों उस अनोखे ज्ञान से जिसने भर दिया है लाखों लोगों के जीवन में भक्ति का रंग।
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🎍संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ के उपलक्ष्य में विशाल भंडारे का आयोजन🎍*कबीर परमेश्वर द्वारा काशी...
23/11/2023

🎍संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ के उपलक्ष्य में विशाल भंडारे का आयोजन🎍

*कबीर परमेश्वर द्वारा काशी शहर में अद्भुत भंडारा कराना*

आज से 626 वर्ष पूर्व जब पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी पवित्र काशी नगर में अवतरित हुए थे। तब दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजी कबीर जी से अत्यधिक ईर्ष्या करते थे। उन्होंने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा की कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर (स्वर्ण मुद्रा) व एक दोहर (कंबल) दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर-दूर से साधु संत आने लगे।

पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी आज से 626 वर्ष पूर्व इस धरती पर प्रकट हुए तथा लोगों को सतभक्ति देकर अनेकों सुख प्रदान किए थे। तब परमेश्वर को हम जीवात्माओं के समक्ष स्वयं परमेश्वर सिद्ध करने के लिए अनेकों लीलाएं व चमत्कार करने पड़े। काशी नगर में तीन दिवसीय अखंड भंडारे का आयोजन कर 18 लाख साधु-महात्माओं को चौबीसों घण्टे मोहन भोजन करवाया। इसी उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में तीन दिवसीय अद्भुत भंडारे का आयोजन किया जा रहा है।

संत रामपाल जी महाराज की सानिध्य में 10 सतलोक आश्रमों में विश्व विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है साथ ही तीन दिवसीय विशाल भंडारे के साथ नि:शुल्क नाम दीक्षा, रक्तदान शिविर, दहेज मुक्त सामूहिक विवाह का भी आयोजन किया जा रहा है। संत गरीबदास जी महाराज जी की अमरवाणी का तीन दिवसीय होगा अखंड पाठ होगा एवं देशी घी डालकर तीन दिनों तक अखण्ड ज्योति प्रज्वलित भी की जाएगी।

इस दिव्य धर्म भंडारे में लाखों की संख्या में आने वाले साधु महात्माओं के लिए खुला भंडारा आयोजित किया जाएगा। देश के 10 आश्रमों में बाहर से आने वाले प्रभु प्रेमी आत्माओं के लिए भंडारे में स्वादिष्ट भोजन बनाए जायेंगे जिसे परमेश्वर को भोग लगाकर प्रसाद रुप में वितरित किया जायेगा। जो की देशी घी से निर्मित होंगे।

समाज में दहेज जैसी सामाजिक कुरीति को समाप्त करने हेतु संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा संचालित आश्रमों में प्रतिवर्ष सामूहिक दहेज मुक्त रमैणी विवाह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं l जिसमें अमरग्रंथ साहिब से "असुर निकंदन रमैणी" के माध्यम से 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह संपन्न कराए जायेंगे।



#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस 26-27-28 नवंबर 2023




दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर देखिये विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण
28 नवंबर 2023, सुबह 09:15 बजे से।
साधना Tv और Popular Tv पर।
इस महासमागम का सीधा प्रसारण आप
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पर भी देख सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj" App Play Store से डाउनलोड करें और "Sant Rampal Ji Maharaj" YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।

संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
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   Sunday satsang.........
14/11/2023




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