Madhu Joshi

Madhu Joshi MADHU JOSHI IS WRITER AND SINGER

बचपन सी सुंदर कोई अवस्था नहीं 🌸💫🌹😊👶
03/08/2025

बचपन सी सुंदर कोई अवस्था नहीं 🌸💫🌹😊👶

ढूंढ़ रही हूं वो मंज़िल जो एक दिन जरूर मिल जाएगी, अभी तो सफ़र शुरू ही हुआ है,तू कब तक दूर रह पाएगी 🌟💫🌠
31/07/2025

ढूंढ़ रही हूं वो मंज़िल जो एक दिन जरूर मिल जाएगी, अभी तो सफ़र शुरू ही हुआ है,तू कब तक दूर रह पाएगी 🌟💫🌠

28/07/2025

हर हर महादेव 🙏🏻💫🔥

25/07/2025

'मैं और मेरी कलम '
कलम
मुझे ऐसा क्यों लगता है
कि तू मुझे भूल जाती है ।
क्या तुझे मेरी याद
कभी -कभी आती है ?

मैं
मत रहना तू इस गलतफहमी में
मैं तुझे भूले बिसरे याद करती हूं
मैं तुझे भूलती नहीं
दिन -रात हाथों में रखना चाहती हूं ।
क्या करूं?
जब भी चाहूं तुझसे मिलना
घर गृहस्थी के कामों में उलझ जाती हूं।

कलम

ऐसे कामों में उलझ कर
कहां मंज़िल मिल पाती है ,
चुरा भी लिया कर
कुछ लम्हे अपने लिए
क्या तुझे अपनी मंज़िल
नजर नहीं आती है।
आज तो तू है
मैं और तू साथ हैं
जब न होगी तू
मैं तेरे साथ नहीं जाऊंगी,
बन जाऊंगी तेरी प्रतिछाया
तेरी कलम कहलाऊंगी।

मैं
तूने हमेशा मेरा साथ दिया
हर वक्त दिया हर बार दिया ,
कभी न खाली मिली मुझे तू
जब भी जहां कहीं भी मैंने तुझे याद किया। 💖📝💫🎨

हर महादेव सभी को 🙏🏻 🙏🏻 आप सभी साहित्य प्रेमियों से विनम्र निवेदन है कि मेरे दूसरे पेज "मेरी कविताएं" को फॉलो अवश्य करें।...
21/07/2025

हर महादेव सभी को 🙏🏻 🙏🏻
आप सभी साहित्य प्रेमियों से विनम्र निवेदन है कि मेरे दूसरे पेज "मेरी कविताएं" को फॉलो अवश्य करें। इस पेज में कुछ problem
होने के कारण मैं यहां कविता पोस्ट नहीं कर पाऊंगी, कविता और कहानी आपको सिर्फ दूसरे पेज पर उपलब्ध होंगी । पेज का लिंक नीचे दिया गया है।
धन्यवाद ।
https://www.facebook.com/share/p/1C4gFtYvmt/

बरसे बदरिया धीरे -धीरे ,
आ रही है तेरी याद धीरे -धीरे ।

घन -घन मेघा गरजे
मेरे नयन तेरे दरश को तरसे ।
हुआ जाए जियरा बेचैन सांवरिया ,
जब चमके बिजुरिया ।
सज गई हरी चूड़ियां कलाई में ,
हो गया सावन का आगाज धीरे -धीरे
आ रही है तेरी याद धीरे -धीरे ।

काली घटा छाई
झम -झम बरसे बदरिया ,
नाचने लगे मोर
धरा खिल गई,पवन करने लगी,
शोर धीरे -धीरे ।
जाने कब होगी
तेरी-मेरी मुलाकात धीरे -धीरे ।
बरसे बदरिया धीरे -धीरे
आ रही है तेरी याद धीरे -धीरे ।
✍️ मधु जोशी

16/07/2025
जीवन की सबसे अनमोल अवस्था है बचपन, जिसमें व्यक्ति की कल्पनाशीलता और जिज्ञासा चरम पर होती है और यही वह समय है जब हम अपने ...
15/07/2025

जीवन की सबसे अनमोल अवस्था है बचपन, जिसमें व्यक्ति की कल्पनाशीलता और जिज्ञासा चरम पर होती है और यही वह समय है जब हम अपने सपनों की नींव रखते हैं। 🌟👧🏻🎉

जिंदगी के सफ़र में हर शौक जिंदा रखिए, दिल कभी खामोश, कभी उड़ता परिंदा रखिए, तूफानों के आने से तो पेड़ डगमगाते हैं, चट्टा...
14/07/2025

जिंदगी के सफ़र में हर शौक जिंदा रखिए,
दिल कभी खामोश, कभी उड़ता परिंदा रखिए,
तूफानों के आने से तो पेड़ डगमगाते हैं,
चट्टानों सा हौसला जिंदा रखिए। 💖🌈🎉
स्वरचित ✍️ बहुत जल्द आपके समक्ष।

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