16/09/2023
सांस हो रही है कम आओ पौधे लगाए हम का संदेश दे रहा है हलवाई दलबीर सैणी का जुनून, उचाना रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म को त्रिवेणी, पौधे लगा कर बना दिया हरा-भरा
उचाना। सांस हो रही है कम आओ पौधे लगाए हम का संदेश देते हुए उचाना में हलवाई की दुकान करने वाले दलबीर सैणी पिछले 20 सालों से पौधरोपण कर रहा है। रेलवे स्टेशन पर त्रिवेणी लगाने के साथ-साथ अन्य पौधे लगाकार प्लेटफार्म को हरा-भरा बना दिया है। आज उनके नीचे बैठकर यात्री ट्रेन के आने का इंतजार करते दिखाई देते है।
दिल्ली-फिरोजपुर रेलवे लाइन स्थित उचाना रेलवे स्टेशन पर लगाए पौधों की देखभाल भी करने स्वयं स्टेशन पर सुबह, शाम आता रहा। पौधों को बेसहारा पशु न तोड़ दे इसके चलते लोहे की ग्रिल का जाल तक अपने खर्च पर बना कर लगवाए। हर रोज पौधों में सुबह, शाम पानी देने के साथ उनकी निरंतर देखभाल वो करते है। रेलवे स्टेशन के अलावा बैंक कॉम्पलेक्स, नगर पालिका की नई बिल्डिंग, जोहड़ पर पौधरोपण कर चुके है। पूरे परिवार के सदस्यों को भी वो पौधरोपण की इस मुहिम में साथ रखते है।
परिवार में खुशी हो, जन्म दिन हो तो लगाते है पौधा
दलबीर सैणी ने बताया कि अब तक 50 के करीब अलग-अलग जगहों पर पौध रोपण कर चुका है। परिवार में किसी का जन्म दिन, खुशी हो तो पौधरोपण वो करते है। कोई भी व्यक्ति अगर उसके पास आकर कहता है कि सार्वजनिक स्थान पर जगह पौधरोपण के लिए है तो उस जगह पर पहुंच कर पौधा लगाकर आता है। पर्यावरण को बचाने के लिए पौधरोपण सबसे जरूरी है। जहां-जहां पौधरोपण करता है वहां जब तक पौध बड़ा नहीं होता है तब तक वहां पर सुबह, शाम पानी देने के साथ उसकी देखभाल करता है। बच्चे की तरह शुरूआत में पौधे की देखभाल करनी पड़ती है।
पौधरोपण करने का जुनून
दलबीर सैनी के बेटे मनोज सैणी ने कहा कि उनके पिता को पौधरोपण करने का जुनून है। करीब 20 साल पहले पौधरोपण करने की शुरूआत उचाना रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म से की थी। आज वहां पर जो त्रिवेणी लगाई थी उसके नीचे बैठकर यात्री आराम करते है। ऐसे ही जहां-जहां पौधे लगाए है उनकी देखभाल वो करते है। लोहे के जाल पर राशि खर्च करके बेसहारा पशुओं से बचाने के लिए पौधों पर लगाए। परिवार का हर सदस्य अब पौधरोपण करने का संदेश दूसरों को भी देता है।