
09/10/2025
धर्म का अर्थ कर्तव्य व न्याय है- जसमीत सिंह
वीर सावरकर नगर की मीरा बस्ती का विजयादशमी उत्सव मनाया
उदयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में वीर सावरकर नगर की मीरा बस्ती का विजयादशमी उत्सव महाप्रज्ञ विहार में मनाया गया। नगर संघचालक पवन शर्मा मंचासीन थे।
मुख्य अतिथि युवा उद्यमी जसमीत सिंह अरोड़ा ने कहा कि संघ का कार्यक्रम केवल कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक संस्कार प्रवाह है। संघ का भाव राष्ट्र प्रथम का भाव है।
उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में चलने वाली दैनिक शाखा का नाम गुरुगोविंद सिंह शाखा है। इसका अर्थ यह है कि संघ में अपनी सभ्यता व गौरवशाली परम्परा को याद किया जाता है। धर्म का अर्थ केवल पूजा नहीं, बल्कि अपने कर्तव्य के प्रति न्याय भी है। हाथ में खड्ग लेना भी धर्म का द्योतक होता है। गुरु गोविन्द सिंह जी में वीरता एवं विनम्रता, दोनों गुण एक साथ विद्यमान थे। संघ भी इसी राह पर चलकर 'सेवा परमो धर्म' के उद्देश्य से कार्य कर रहा है।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उदयपुर महानगर के सह कार्यवाह राहुल राठौड़ ने संघ की स्थापना के मूल कारणों सहित संघ के अरुणोदय से अभ्युदय की यात्रा में आने वाले संघर्षों पर प्रकाश डाला। सामाजिक समरसता को लेकर किये गए कार्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस तरह द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी ने 'हिंदव सहोदरा सर्वे, न हिंदू पतितो भवेत' को विस्तार से समाज के सामने रखा। तृतीय सरसंघचालक बालासाहेब देवरस की वसंत व्याख्यान माला में वक्तव्य दिया था कि "यदि अस्पृश्यता पाप नहीं है तो कुछ भी पाप नहीं है"। वर्तमान सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने 'एक मंदिर, एक पनघट, एक श्मशान' को रेखांकित करते हुए कहा था कि यह तीनों सभी जन के लिए खुले हो, यहाँ किसी प्रकार का भेदभाव ना हो।
राहुल राठौड़ ने कहा कि 1990 का वर्ष पूजनीय बाबासाहब के जन्म का शताब्दी वर्ष था। उसी वर्ष संघ ने प्रस्ताव में लिया और सभी से आग्रह भी किया कि बाबासाहेब की जन्म जयंती सभी मनाये। अंत में पंच परिवर्तन के बारे में बताया। इस अवसर पर नगर कार्यवाह भूपेंद्र प्रजापत, सह कार्यवाह भगवत सिंह भी उपस्थित थे।
#नमस्ते_सदावत्सले