22/11/2025
तू धूप सुनहरी फ़िज़ाओं में
रहती हो मेरी दुआओं में
हे हे हे
तू धूप सुनहरी फ़िज़ाओं में
रहती हो मेरी दुआओं में
तेरा नाम जिस लम्हे में लूँ
बेहद मिले आराम है
तेरी ही गलियों में आवारा शाम है
हो हो तेरी ही गलियों में आवारा शाम है
तू धूप सुनहरी फ़िज़ाओं में
रहती हो मेरी दुआओं में
तेरा नाम जिस लम्हे में लूँ
बेहद मिले आराम है
तेरी ही गलियों में आवारा शाम है
हो हो तेरी ही गलियों में आवारा शाम है
जब तक तेरा चेहरा
उतरे ना मेरी आँखों में
तब तक ना मेरी सुबह होती है
हो हो जब तक तेरा चेहरा
उतरे ना मेरी आँखों में
तब तक ना मेरी सुबह होती है
जब तक तेरी खुशबू
बिखरे ना मेरी साँसों में
तब तक धड़कन भी खोई रहती है
तेरी हँसी हर निगाहों में
महफ़ूज़ दिल तेरी बाहों में
तेरा नाम जिस लम्हे में लूँ
बेहद मिले आराम है
तेरी ही गलियों में आवारा शाम है
हो हो तेरी ही गलियों में आवारा शाम है
मेरी नज़र देखो ज़रा
इसमें कहीं है घर तेरा
रस्ता भी तू
मंज़िल भी तू
इक हमसफ़र है बस मेरा
सुबह मेरी और रात भी
डूबी है तेरी निगाहों में
तेरा नाम जिस लम्हे में लूँ
बेहद मिले आराम है
तेरी ही गलियों में आवारा शाम है
हो तेरी ही गलियों में आवारा शाम है ゚viralシfypシ゚viralシalシ ゚ Dev Bhoomi Uttarakhand: Land of the Gods Bhagwan Raikuni