
21/05/2025
युद्ध में कौन-कौन से हथियार प्रयोग किए गए?
कौन से फाइटर जेट्स का उपयोग हुआ?
क्या हमारे फाइटर जेट्स गिरे? अगर हाँ, तो कितने?
दुश्मन के कितने फाइटर नष्ट हुए?
ये सभी जानकारियाँ सैन्य गोपनीयता (Military Secrets) के अंतर्गत आती हैं।
दुश्मन इन्हें जानने के लिए हर संभव प्रयास करता है, लेकिन हमारे सुरक्षा तंत्र की मजबूती के कारण वह कुछ भी पता नहीं कर पाता।
परंतु राहुल गांधी इन गोपनीय जानकारियों को जनता के नाम पर जानना चाहते हैं।
क्यों?
भारत की जनता को ऐसी संवेदनशील जानकारियों की आवश्यकता नहीं है, न ही आम नागरिक इन्हें जानना चाहता है।
फिर राहुल गांधी को इन जानकारियों की जरूरत क्यों है?
किसके लिए है?
क्या वे अनजाने में दुश्मन की मदद कर रहे हैं या फिर किसी मजबूरी में ऐसा कर रहे हैं?
कहीं वे किसी गुप्त राज के कारण दुश्मन द्वारा ब्लैकमेल तो नहीं किए जा रहे?
उनकी मंशाएं अनेक सवाल खड़े करती हैं।
भारत के थिंक टैंक और नीति-निर्माताओं को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि –
क्या इस प्रकार के संदिग्ध और असुरक्षित चरित्र का न केवल किसी संवैधानिक पद पर बने रहना, बल्कि राजनीति में सक्रिय रहना भी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है?