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19/10/2025
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शास्त्रीय विधि द्वारा प्रमाणित सर्वमान्य सिद्धांत दीपावली 20 व 21 दोनों दिन रहेगी। किसी भौगोलिक क्षेत्र में 20 को तो किस...
19/10/2025

शास्त्रीय विधि द्वारा प्रमाणित सर्वमान्य सिद्धांत दीपावली 20 व 21 दोनों दिन रहेगी। किसी भौगोलिक क्षेत्र में 20 को तो किसी भौगोलिक क्षेत्र में 21 को रहेगी

पंचांग स्थानिक निर्णय देते हैं, भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न भिन्न समय सूर्योदय होता है। अर्थात तिथि के भोग्यकाल की अवधि भी भिन्न भिन्न होती है। इसलिए कभी कभी त्योहार दो दिवसीय हो जाता है। भारत की भौगोलिक स्थिति में एक विंदू से दूसरे विंदू तक लगभग 2 घण्टे का अंतर है अतः सभी जगह एक आदर्श स्थिति नहीं हो सकती। सभी पंचांग अपने अपने क्षेत्रीयता के आधार पर सत्य हैं। कोई भी पंचांग असत्य नहीं है।

पंचांग के बाद भी घटी पल तिथि की आदर्श स्थिति भुक्त भोग्य निकालने के लिए योग्य ब्राह्मणों की आवश्यकता होती है। पंचांग अपनी अपनी जगह सही हैं। स्थानिक ज्योतिषविद् गलत है, क्योंकि वो काशी के गणित आधार पर दिल्ली का निर्णय कर रहे हैं। हरिद्वार पंचांग के आधार पर दक्षिण भारत का निर्णय कर रहे हैं। तो निर्णय सदैव गलत ही होगा। यदि काशी विद्वत परिषद कोई ज्योतिष निर्णय लेती है तो वह काशी व निकटतम क्षेत्र पर लागू होगा ना कि समूचे भारतवर्ष पर, समूचे भारतवर्ष के लिए स्थानीय देशांतर संस्कार उपरांत जो निष्कर्ष रहेगा वही लागू होगा। अतः सभी ब्राह्मणों व विद्वतजनों से अनुरोध है अनर्गल विलाप व व्यर्थ संभाषण करके अपनी अल्पज्ञता का परिचय ना दें

19/10/2025

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जिला ऊना किसान मोर्चा के सचिव बने अजय कुमार 'अजू', क्षेत्र में खुशी की लहर  जनसेवा के प्रतीक को मिली नई ज़िम्मेदारी Vino...
18/10/2025

जिला ऊना किसान मोर्चा के सचिव बने अजय कुमार 'अजू', क्षेत्र में खुशी की लहर
जनसेवा के प्रतीक को मिली नई ज़िम्मेदारी
Vinod Sharma
टीहरा पंचायत के पूर्व प्रधान और समाजसेवी अजय कुमार 'अजू' को भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा का जिला सचिव नियुक्त किया गया है। उनकी इस महत्वपूर्ण नियुक्ति की घोषणा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र राणा द्वारा की गई, जिससे पूरे इलाके में हर्षोल्लास का माहौल बन गया है। ग्रामीणों और पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है और जगह-जगह अजय कुमार को बधाइयाँ दी जा रही हैं।

जनता का प्रिय नेता, अब किसान मोर्चा का जिला सचिव

अजय कुमार न केवल भाजपा के एक समर्पित और अनुभवी कार्यकर्ता हैं, बल्कि एक जमीनी स्तर के जनसेवक के रूप में उनकी एक विशिष्ट पहचान है। वे पिछले 15 वर्षों तक पंचायत उपप्रधान और प्रधान जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए अपने गांव टीहरा और आसपास के क्षेत्रों के लिए उल्लेखनीय कार्य कर चुके हैं। जनता उन्हें स्नेहपूर्वक ‘अजू’ या ‘प्रधान’ कहकर पुकारती है। सरलता, मिलनसारिता और सेवा भावना उनकी सबसे बड़ी पहचान है।

उनकी नियुक्ति पर न केवल पार्टी नेताओं में अपार उत्साह है, बल्कि आम जनमानस में भी गर्व की भावना है। अजय कुमार का कहना है कि “मुझे जो यह ज़िम्मेदारी सौंपी गई है, वह मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ किसान भाइयों के हित में कार्य करूँगा और संगठन को मजबूत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा।”

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की प्रतिक्रियाएं

कुटलैहड़ के पूर्व विधायक देवेंद्र कुमार भुट्टो ने कहा कि “एक छोटे से गांव से आने वाले अजय कुमार ‘अजू’ को किसान मोर्चा का जिला सचिव बनाना यह दर्शाता है कि पार्टी जमीनी कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान देती है। अजय कुमार की कार्यशैली, व्यवहार और जनता से जुड़ाव उन्हें इस पद के लिए पूरी तरह उपयुक्त बनाता है।”

पूर्व उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य कृष्ण पाल शर्मा ने कहा कि “अजय कुमार ने जिस प्रकार पंचायत स्तर पर वर्षों तक सेवा दी, वह प्रेरणादायक है। उनका अनुभव और संगठन के प्रति समर्पण निश्चित ही किसान मोर्चा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।”
मंडलाध्यक्ष राजेंद्र मलांगढ ने कहा कि “अजय कुमार ‘अजू’ तेजतर्रार, ऊर्जावान और दूरदर्शी सोच रखने वाले कार्यकर्ता हैं। वह किसानों की समस्याओं को गहराई से समझते हैं और उनके समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। उनकी नियुक्ति से संगठन को नई ऊर्जा मिली है।”
भाजपा जिला अध्यक्ष शाम मिन्हास, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और विधायक सतपाल सिंह सत्ती, एससी मोर्चा जिला अध्यक्ष सूरम सिंह, महामंत्री जगदीश चंद सहोता, किसान मोर्चा अध्यक्ष विजय शर्मा, पूर्व प्रधान संजीव कुमार, पिंटू लाला, केसर सिंह, दर्शन कुमार, नीरज परमार, मदनलाल, सुरेंद्र शर्मा, खुशीराम, योगराज भारद्वाज, केवल सिंह शांडिल, प्रीतम ढडवाल के अलावा कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अजय कुमार को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल कार्यकाल की कामना की।

अजय कुमार 'अजू' जैसे ज़मीनी नेता का किसान मोर्चा में सचिव बनना न केवल संगठन के लिए लाभकारी सिद्ध होगा, बल्कि इससे किसानों की समस्याओं को वास्तविक रूप में समझकर समाधान की दिशा में ठोस कार्य भी हो पाएगा। उनकी लोकप्रियता, अनुभव और सेवा भावना से संगठन को नई दिशा मिलेगी, यह निश्चित है।

एक नई शुरुआत, नए जोश और समर्पण के साथ अजय कुमार को किसान मोर्चा का सचिव बनने पर हार्दिक शुभकामनाएं!

18/10/2025

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#दीपावली #त्यौहार #धनतेरस #सनातन #भ्रमित #शास्त्रानुसार #स्वामी #कार्तिक #मास #हिन्दू

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 #राधा_स्वामी एक धार्मिक संप्रदाय या आध्यात्मिक परंपरा ...... ___इसकी स्थापना आगरा के ही शिव दयाल सिंह ने 1861 में बसंत ...
18/10/2025

#राधा_स्वामी एक धार्मिक संप्रदाय या आध्यात्मिक परंपरा ......
___इसकी स्थापना आगरा के ही शिव दयाल सिंह ने 1861 में बसंत पंचमी के दिन आगरा में की थी। उसके बाद ये संप्रदाय बढ़ता चला गया। मोटे तौर पर इसके जरिए ऐसे समाज की कल्पना की गई जो आध्यात्मिक तौर पर उन्नत हो, सेवा और सहअस्तित्व में भरोसा रखता हो।
___ये संप्रदाय वास्तव में आध्यात्म, नैतिक जीवन, शाकाहारी आहार विचार और सेवा का एक मेल थी। इस दर्शन में ध्यान का तरीका सूरत शब्द योग कहलाता है, जिसका अर्थ है ‘आत्मा का शब्द के साथ मिलन’। इसमें आंखें बंद करके गुरु द्वारा दिए गए पवित्र नामों का ध्यान किया जाता है और भीतर की ध्वनि (शब्द) को सुनने का प्रयास किया जाता है। इस अभ्यास के माध्यम से आत्मा को शरीर से ऊपर उठाकर भीतर के आध्यात्मिक लोकों की यात्रा करने का लक्ष्य होता है, ताकि वह अंततः परमात्मा से मिल सके।
___इसकी स्थापना सेठ शिव दयाल सिंह ने की। उन्हें राधास्वामी संप्रदाय के अनुयायी "हुजूर साहब" के तौर पर संबोधित करते हैं। वह मूल रूप से आगरा के हिंदू बैंकर थे।उनका जन्म एक वैष्णव परिवार में हुआ था।
___ उनके माता-पिता नानकपंथी थे, जो सिख धर्म के गुरु नानक के अनुयायी थे। साथ ही वह तुलसी साहिब नामक हाथरस के एक आध्यात्मिक गुरु के भी अनुयायी थे। शिव दयाल सिंह तुलसी साहिब की शिक्षाओं से काफी प्रभावित थे। वह अक्सर उनके पास जाते थे, लेकिन उन्होंने उनसे दीक्षा नहीं ली। इसके बाद उन्होंने राधास्वामी मत बनाया और सार्वजनिक रूप से प्रवचन देना शुरू किया।
__राधा स्वामी अनुयायियों के राधा स्वामी का अर्थ होता है "आत्मा का स्वामी"। राधा स्वामी शब्द का शाब्दिक अर्थ राधा को आत्मा और स्वामी (भगवान) के रूप में संदर्भित करता है। ‘राधा स्वामी’ का प्रयोग शिव दयाल सिंह की ओर संकेत करने के लिए किया जाता है. शिव दयाल सिंह के अनुयायी उन्हें जीवित गुरु और राधास्वामी दयाल का अवतार मानते थे।
___शिव दयाल साहब की मृत्यु के बाद राधा स्वामी संप्रदाय दो हिस्सों में बंट गया। मुख्य दल आगरा में ही रहा, जबकि दूसरी शाखा शिव दयाल साहब के एक सिख शिष्य जयमल सिंह द्वारा शुरू की गयी। इसके सदस्यों को राधा स्वामी ब्यास के रूप में जाना जाता है। उनका मुख्यालय अमृतसर के पास ब्यास नदी के तट पर गांव डेरा में है इसीलिए इस बाद वाले समूह के सदस्यों को ब्यास के राधा स्वामी के रूप में जाना जाता है। मुख्य तौर पर दो ही बड़े राधास्वामी सत्संग संप्रदाय हैं। ये हैं राधास्वामी दयालबाग और राधास्वामी डेरा ब्यास।
__सबसे बड़ी शाखा राधा स्वामी सत्संग ब्यास है। जिसका मुख्यालय अमृतसर के पास गांव डेरा में है। इसकी स्थापना 1891 में पंजाब में हुई थी। उन्होंने ‘सूरत शब्द योग’ का अभ्यास किया था। कुछ दशकों में इसके प्रत्येक उत्तराधिकारी (सावन सिंह से लेकर सरदार बहादुर महाराज जगत सिंह और महाराज चरण सिंह से लेकर वर्तमान स्वामी गुरिंदर सिंह ढिल्लों) के मार्गदर्शन में राधास्वामी ब्यास का काफी विकास हुआ है।
___गुरिंदर सिंह ने 1990 में अपने मामा महाराज चरण सिंह का स्थान लिया था। अनुमान है कि दुनियाभर में 20 लाख से अधिक लोग इस ब्यास में दीक्षा ले चुके हैं। हालांकि बाद में राधास्वामी ब्यास में भी विभाजन हुआ। सवान कृपाल मिशन और सच्चा सौदा जैसे पंथ या संप्रदाय इसी से निकले।
___दयालबाग की स्थापना भी बसंत पंचमी के दिन 20 जनवरी 1915 को शहतूत का पौधा लगा कर की गयी. दयालबाग राधास्वामी सत्संग के पंथ का हेडक्वार्टर है. राधास्वामी सत्संग के मौजूदा गुरु आठवें संत डा. प्रेम सरन सत्संगी भी यहीं रहते हैं. मुख्य तौर पर इसे कम्युन के तौर पर विकसित किया गया है. जहां लोग साथ रहते हैं, मेहनत करते हैं, सत्संग करते हैं और सात्विक जीवन बिताते हैं।
___राधा स्वामी ब्यास के दर्शन का मूल सिद्धांत है कि परमात्मा प्रत्येक प्राणी के भीतर निवास करता है। जीवन का मुख्य उद्देश्य सूरत शब्द योग के अभ्यास के माध्यम से भीतर के परमात्मा से जुड़ना और उनसे मिलना है।
___गुरु को परमात्मा तक पहुंचने का एकमात्र मार्गदर्शक माना जाता है। गुरु के बिना आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ना संभव नहीं है। इस दर्शन के अनुसार नाम (आंतरिक ध्वनि या ‘शब्द’) ही परमात्मा तक पहुंचने का जरिया है। इसका नियमित जाप और ध्यान करना आवश्यक है।
___अनुयायियों को पूरी तरह से शाकाहारी होना चाहिए. मांस, मछली, अंडे आदि का सेवन वर्जित है। शराब और किसी भी तरह के नशीले पदार्थों का सेवन सख्त मना है। अनुयायियों को एक ईमानदार, नैतिक और सादा जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. दूसरों की सेवा और प्रेम इस दर्शन का एक अभिन्न अंग है।
___राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) के नए प्रमुख जसदीप सिंह गिल हैं। उन्हें 2 सितंबर, 2024 को उनके पूर्ववर्ती, बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों द्वारा उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया था। अनुयायी उन्हें "हुज़ूर जी" के नाम से भी जानते हैं।
Shashi Pal 🙏🏻
#राधास्वामी #ब्यास

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