
26/06/2025
हर आत्मा, चाहे शुभ हो या अशुभ, परमात्मा का ही अंश है। उसे जो कार्य सौंपा गया है, वह उसी के माध्यम से पूरा होना है। लेकिन उस कार्य को कैसे किया जाता है — यही उसके कर्मों की दिशा तय करता है। प्रकृति को ही देखिए — इतना कुछ देने के बाद भी वह मौन है, संतुलित है। और हम? सब कुछ पाकर भी अशांत और मुखर !! बाबा एम