10/07/2025
अतिथि शिक्षक उप परीक्षा नियंत्रक कैसे?
यूजीसी और राज्य सरकार के नियम-परिनियम का उल्लंघन करने का अधिकार किसको और क्यों?
क्या विश्वविद्यालय के शिक्षक/पदाधिकारी को नियम-परिनियम का ज्ञान नही अथवा आजतक पढें नही?
बिहार सरकार के "संकल्प" ज्ञापांक 15/A2-01/2014-1594 दिनांक 28 Aug 2014 एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पत्रांक- F.25-1/2018(PS/MISC.) दिनांक 28 Jan 2019 का उल्लंघन करने का अधिकार किसको और क्यों?
नियमानुसार अतिथि शिक्षक वर्ग संचालन के अतिरिक्त किसी भी कार्य में शामिल नही हो सकते, वही ₹1500/- प्रति वर्ग व ₹50,000 प्रति माह से अधिक मानदेय (वेतन नहीं) नही दिया जा सकता। किसी भी परिस्थिति में स्थायी शिक्षक के समकक्ष नही माना जाएगा और किसी भी बैठक में शामिल नही हो सकते। मानदेय के अतिरिक्त किसी तरह का अन्य भुगतान नही होगा।
इसके बावजूद विश्वविद्यालय समाजशास्त्र विभाग के अतिथि शिक्षक पर IQAC बैठक में अवैध रूप से शामिल होने, PAT 2021-22 के साक्षात्कार में शामिल होने, पीजी का प्रोजेक्ट, सिनाॅपसिस, जर्नल, पीएचडी थीसिस लिखकर उगाही, फर्जी दृष्टिकोण जर्नल में प्रकाशित कर उगाही, प्लेगेरिज्म जांच रिपोर्ट के नाम पर दलाली सहित अन्य अपराधिक कुकृत्य का साक्ष्य मिला है। जो कि शिक्षा और शिक्षक के लिए अनुचित व अशोभनीय है।
एमकेएस कॉलेज चन्दौना के समाजशास्त्र विभाग का अतिथि शिक्षक अवैध रूप से उप परीक्षा नियंत्रक बने हुए है। जो कि यूजीसी और बिहार सरकार के संकल्प का उल्लंघन के साथ अपराधिक कुकृत्य माना गया है। आंतरिक मूल्यांकन व अंक में मनमानी एवं पक्षपात का गंभीर और संगीन आरोप भी है। जबकि वे किसी भी परिस्थिति में वर्ग संचालन के अतिरिक्त अन्य कार्य में शामिल नही हो सकते।
बता दे कि समाजशास्त्र विषय में रिक्ति से 02 अधिक शिक्षक कार्यरत है, ऐसे में इन दोनो विवादित शिक्षकों को हटाते हुए तत्काल उच्च स्तरीय जांच कर मानदेय के अतिरिक्त भुगतान या वसूली के सभी राशि ब्याज सहित वापसी के साथ विधिसम्मत कठोर कार्रवाई करना चाहिए।
ार_से......।
अब प्रकाशित खबर के सभी पहलू की जांच होनी चाहिए, क्या केवल परीक्षार्थी को रोकने पर बवाल हुआ या इसका अन्य प्रशासनिक पक्ष भी है।