Dr. Raghubar Prasad Singh

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Dr. Raghubar Prasad Singh Assistant Professor (Economics)
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29/10/2025

व्हाट्सएप पर आने वाले किसी file को जिसमें .pdf के बजाय अन्य कुछ लिखा हो कभी भी डाउनलोड या प्रसारित न करे।खासकर .apk .xap...
28/10/2025

व्हाट्सएप पर आने वाले किसी file को जिसमें .pdf के बजाय अन्य कुछ लिखा हो कभी भी डाउनलोड या प्रसारित न करे।
खासकर .apk .xapk .io वाले file.

इस तरह के file शादी का invitation.apk सेमिनार/कॉन्फ्रेंस के brochure या सरकारी योजना के नाम पर खूब शेयर किया जाता है।

सरकारी योजना/वेबसाइट .gov.in .nic.in शिक्षण संस्थान .ac.in, .edu .org से होता है।

समान्यतः .com .in .org .net .co.in वेबसाइट भी विश्वसनीय हो तब ही खोले।

इसमें भी शुरुआत में SSL देख ले अर्थात https होना चाहिए, अधिकांश फ्रॉड बेवसाइट में http होता है।

27/10/2025

27/10/2025

25/10/2025

पैसे जेब तक ही सीमित रहना चाहिए, दिमाग में आते ही पतन शुरू हो जाता है।

25/10/2025

जब कभी भी मैं अपना ये प्यारा सा पर्स किसी के सामने निकालता हूं तो अक्सर सामने वाले का एक सुंदर सा प्रश्न मिल ही जाता है ...
25/10/2025

जब कभी भी मैं अपना ये प्यारा सा पर्स किसी के सामने निकालता हूं तो अक्सर सामने वाले का एक सुंदर सा प्रश्न मिल ही जाता है "भाई कितना पुराना और फट गया है आपका ये पर्स इसे बदल कर एक नया क्यों नहीं ले लेते है, चलिए आज हम हीं खरीद देते है"...!!

सामने से मैं भी मुस्कुराते हुए बड़े ही प्यार से जवाब देता हूं "भाई मैं पर्स और दोस्त पैसे देख कर नहीं बदलता, जब पास में पैसा नहीं रहता तब भी यही पर्स मेरे साथ रहता है और अब थोड़ा पैसे पास में हो जाए तो इसे बदलने की नियत ले आऊं क्या...??"

संदर्भ:- मध्यम वर्गीय परिवार का थोड़ा सा कपड़ा फटता है फिर वो उसे भी पोछा में उपयोग कर लेता है और ये तो सिर्फ बाहर से फटा है लेकिन अपने अंदर मेरे दौलत को फिर भी ये समा कर रखता है, भला इसे कैसे बदलने का नियति में अपने अंदर लाऊं...??

24/10/2025

आंख के अंधे को तो ठिकाना मिल जाता है, मगर अक्ल के अंधे को कोई ठिकाना नहीं मिलता।

24/10/2025

सही मौके पर खड़े होकर बोलना एक साहस है,
उसी प्रकार खामोशी से बैठकर दूसरों को सुनना भी साहस है..!

20/10/2025

19/10/2025

अनैतिकता का बोझ हमेशा भय और अपराधबोध के साथ जीने को मजबूर करता है।

19/10/2025

ज्ञान, मनोबल और नैतिकता के समन्वय से ही सही निर्णय लिया जा सकता है, जो जीवन को सफलता और संतुष्टि की ओर ले जाता है।

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