24/07/2025
नमस्कार साथियों, BTN News 24
मैं आज यहां एक बहुत ही गंभीर मुद्दे को लेकर आप सभी के बीच खड़ा हूं — और वो है गाँवों में लगातार हो रही बिजली की कटौती। सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि हर परिवार को 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। इस फैसले का स्वागत किया गया, क्योंकि इससे गरीबों को राहत मिलने की उम्मीद थी।
लेकिन सच्चाई क्या है?
जिस दिन से 125 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा हुई है, उसी दिन से कई गाँवों में रात-रात भर बिजली गायब रहने लगी है। किसी के घर में पंखा नहीं चल रहा, बच्चों की पढ़ाई रुक रही है, बुजुर्ग बिना बिजली के परेशान हैं, और किसान रात में मोटर तक नहीं चला पा रहे।
क्या यही है 'मुफ्त बिजली'?
हम पूछना चाहते हैं — अगर सरकार वाकई में 125 यूनिट मुफ्त दे रही है, तो फिर हमारे गाँव में अंधेरा क्यों है? क्या ये योजना सिर्फ कागजों में है? या फिर बिजली कंपनियां कटौती करके यूनिट बचा रही हैं?
हम ये नहीं कह रहे कि सरकार की मंशा गलत है। लेकिन अगर योजना का लाभ जनता तक नहीं पहुंच रहा, तो फिर उसकी क्या उपयोगिता है?
सरकार को जवाब देना होगा:
क्यों ग्रामीण क्षेत्रों में जानबूझ कर बिजली काटी जा रही है?
क्या बिजली का यह वितरण न्यायसंगत है?
क्या गरीबों को मुफ्त बिजली देने की आड़ में अंधेरे में डुबोना न्याय है?
हमारी माँग है:
1. हर गाँव में 24 घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
2. बिजली कटौती की निगरानी के लिए स्थानीय स्तर पर समिति बनाई जाए।
3. यदि फॉल्ट या तकनीकी कारण है तो उसकी जानकारी जनता को दी जाए।
साथियों, ये सिर्फ बिजली का सवाल नहीं है। ये हक़ का सवाल है। हम चुप नहीं बैठेंगे। अगर ज़रूरत पड़ी, तो गाँव-गाँव जाकर जन-जागरण करेंगे, धरना देंगे, और जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक आवाज़ उठाते रहेंगे।
"बिजली सबका अधिकार है — किसी का एहसान नहीं!"
धन्यवाद।
जय हिंद, जय बिहार।"