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Dainik Darshan Dainik Darshan is an Indian news channel based in Lucknow , Uttar Pradesh, India.

दैनिक दर्शन हमेशा कुछ ऐसे शख्सियत से आपको मिलवाता है जिनकी जिंदगी एक प्रेरणा है l सोमवार को शाम 5:00 बजे मिलिए एक ऐसे कि...
09/08/2025

दैनिक दर्शन हमेशा कुछ ऐसे शख्सियत से आपको मिलवाता है जिनकी जिंदगी एक प्रेरणा है l सोमवार को शाम 5:00 बजे मिलिए एक ऐसे किसान नेता से जिसने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी एक ऐसे ट्रेक्टर के निर्माण में जिससे किसान की खेती लागत बहुत कम हो जाएगी l
#इनसे_मिलिए
#दैनिकदर्शन

योगेश तालान ने किसान की खेती लागत को कम करने के लिए बनाया एक ऐसा इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर जिसके लिए आपको नहीं जरूरत पड़.....

20/07/2025
गांव की बहू बनी सोशल मीडिया   l
17/07/2025

गांव की बहू बनी सोशल मीडिया l

Program : इनसे मिलिए Original Concept : Dainik Darshan Hosted By : Sandeep PandeyGuest : Preeti & Ramesh Singhकैसे बनी प्रीति , संघर्ष से सफलता तक का...

17/07/2025

दैनिक दर्शन हमेशा से निष्पक्ष उन बातों के बारे में बात करता है जो समाज हित में हो l तमकुही में एक पत्रकार की आवश्य्कता है इक्षुक व्यक्ति, दैनिक दर्शन के ऑफिसियल नंबर 9250319437 पर संपर्क कर सकते है l

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डॉक्टर शैलेश श्रीवास्तव ने बताए सफलता के मंत्र l
03/07/2025

डॉक्टर शैलेश श्रीवास्तव ने बताए सफलता के मंत्र l

ने बताया सफलता का मतलब l कोई व्यक्ति कैसे करें अपने सफलता का आंकलन l ोने_के_लिए_क्या_करें ...

दैनिक दर्शन हमेशा आपको ऐसे व्यक्तियों से मिलवाता है, जो इस समाज के लिए धरोहर है l सोमवार को शाम 5:00PM पर आप मिलेंगे ऐसे...
28/06/2025

दैनिक दर्शन हमेशा आपको ऐसे व्यक्तियों से मिलवाता है, जो इस समाज के लिए धरोहर है l सोमवार को शाम 5:00PM पर आप मिलेंगे ऐसे वैज्ञानिक से जिनका आध्यात्मिक ज्ञान आपको सोचने पर मजबूर कर देगा की, इस कलयुग में भी क्या ऐसा व्यक्ति हो सकता है

सोमवार को शाम 5 बजे आप सभी को मिलवा रहा ऐसे प्रोफेसर से जो साइंटिस्ट भी है l अध्यात्म और विज्ञान का अनूठा संगम l .....

निदेशक राजेश धर द्विवेदी का स्वागत है
17/05/2025

निदेशक राजेश धर द्विवेदी का स्वागत है

----------------programe detailsvenue Sheroes Hangout, Ambedkar Nagartime 4PMGues...

शिक्षा संस्कार संस्कृति को समर्पित मीडिया चैनल दैनिक दर्शन और कंप्यूटर प्रशिक्षण में अग्रणी संस्था पास्कल 25 मई को आयोजि...
17/05/2025

शिक्षा संस्कार संस्कृति को समर्पित मीडिया चैनल दैनिक दर्शन और कंप्यूटर प्रशिक्षण में अग्रणी संस्था पास्कल 25 मई को आयोजित कर रही है शैक्षणिक सेमिनार जिसमे आज के दौर में आई टी एजुकेशन सभी क्षेत्रो में कितना ज़रूरी है इस पर चर्चा होगी

आज के दौर में शिक्षा बहुत जरूरी है, इससे भी जरूरी है सही समय पर सही प्रशिक्षण का l तकनीकी शिक्षा किस तरह से हर वर्ग जा.....

युद्ध हुआ ही नहीं और युद्ध विराम हो गया ?“अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्राम्फ़  के एक ऐलान से भारत पाक युद्ध (?) रुक गया ।...
11/05/2025

युद्ध हुआ ही नहीं और युद्ध विराम हो गया ?

“अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्राम्फ़ के एक ऐलान से भारत पाक युद्ध (?) रुक गया । “ कमाल का “खेल “ खेला गया , युद्ध हुआ ही नहीं और युद्ध विराम हो गया ? ( पहलगांव नरसंहार से उपजी परिस्थिति ने दोनों मुल्कों के बीच तनाव पैदा कर दिया । बगैर किसी
“ अधिकारिक आरोप के “ । यह पहला मौक़ा है जब भारत सरकार या भारतीय गुप्त एजेंसियों ने देश और दुनिया के सामने आरोप लगाया हो कि भारत का हमसाया मुल्क पाकिस्तान और पाकिस्तान में पल रहे आतंकी लोगों ने पहलगांव नरसंहार के जिम्मेवार है । न कोई जांच हुई न जांच की रपट आई । पहलगांव नरसंहार पर किसी भी एक मुल्क ने यह नहीं माना , न घोषणा कि भारत में गाय इस आतंकी हमले का जिम्मेदार पाकिस्तान है । ) चले थे विश्वगुरु बनने , बन गए आज्ञाकारी रोबोट । अमरीका ने सीज फायर का ऐलान किया दोनों मुल्क भारत पाकिस्तान बगैर देर किए जी हुजूर बोल कर अपने अपने हथियार डाल दिए ।
जनाबे आली ! यह तमाशा हुआ क्यों ? आज नहीं तो कल आपको इसका जवाब तो देना ही पड़ेगा । इतिहास के गर्भ से उठे सवालों से आप भाग नहीं सकते । आज अवाम किंकर्तव्य विमूढ़ खड़ी है उसके पास अनगिनत सवाल हैं , फुलवामा का गुनहगार कौन है ? सीमा तनाव पर हुए हमारे जांबाज़ सैनिकों के साथ क्या हुआ ? ऐनवक्त पर जब दो मुल्कों के तनाव पर राजनीति को फ़ैसला लेना था , तब तो राजनीति ने हथियार डाल दिए और ज़िम्मेदारी सेना के हवाले कर दी गई और जब सीजफायर की बात हुई तो सेना को बग़ल करके राजनीति एक पक्ष बन कर आ खड़ी हुई । ऐसे अनगिनत सवाल हैं जिसे जानता पूछ रही है । जानता यह भी पूछ रही है - मोदी सरकार की युद्धनीति क्या है ? अब तक भारत की युद्धनीति क्या रही ?
भारत की युद्धनीति
भारत युद्ध विरोधी , शांति और संपन्नता का वाहक रहा है । मनसा वाचा कर्मणा । आजादी के पहले से लेकर आजादी के बाद तक । इतिहास में यह कहीं भी नहीं मिलता कि भारत अपने साम्राज्य विस्तार के लिए कभी किसी दूसरे देश पर हमला किया हो , इसका मतलब यह नहीं कि भारत सैन्यशक्ति में कमजोर रहा , एक से बढ़ कर एक ताकतवर साम्राज्य भारत में राज करते रहे और जंग भी लड़े हैं लेकिन अपनी सीमा के अंदर , अपनी ताकत मजबूत ही मजबूत करते रहे हैं , दूसरे मुल्कों पर हमलावर नहीं हुए है । आजादी की लड़ाई लड़ते समय देश के एक मात्र नेता रहे महात्मा गांधी की युद्ध नीति को समझा जा सकता है ।गांधी जी कहना था - “ युद्ध से केवल विनाश और दुख पैदा होता है “ । आजादी के बाद का इतिहास इसी दिशा में चला है हम कभी भी हमलावर नहीं रहे , हम पर जब जब भी हमला हुआ हमने उसका जवाब दिया है । 1962 , 1965, आपके सामने है ।

शिक्षाविद शम्भू राय ने क्यों कहा गाँधी जी ऐसा देश नहीं चाहते है
31/03/2025

शिक्षाविद शम्भू राय ने क्यों कहा गाँधी जी ऐसा देश नहीं चाहते है

कार्यक्रम : गाँधी का भारत दर्शन आयोजक : दैनिक दर्शन गाँधी_ऐसा_देश_नहीं_चाहते_थे

कांग्रेस प्रवक्ता डॉक्टर सुधा मिश्रा ने बताया की संकल्प जरूरी है, विकल्प आपको गुमराह कर देते हैं l
31/03/2025

कांग्रेस प्रवक्ता डॉक्टर सुधा मिश्रा ने बताया की संकल्प जरूरी है, विकल्प आपको गुमराह कर देते हैं l


Programe: Shahidi Diwas Organised By : Dainik Darshan वक्ता : डॉ सुधा मिश्रा

भगत सिंह बलिदान दिवस पर गांधीदर्शन संगोष्ठी का द्वितीय चरण आयोजितभयग्रस्त मानवता को मार्ग दिखाता है गांधीवादी समाजवाद- श...
23/03/2025

भगत सिंह बलिदान दिवस पर गांधीदर्शन संगोष्ठी का द्वितीय चरण आयोजित

भयग्रस्त मानवता को मार्ग दिखाता है गांधीवादी समाजवाद- शंभू राय

भारत की आजादी में ट्रांसजेंडर समुदाय के योगदान पर हो चर्चा - देविका मंगलामुखी

गांधी दर्शन में मौजूद है समाज की हर समस्या का समाधान -सुधा मिश्रा

लोकतांत्रिक विकास के लिये भयमुक्त जीवन अनिवार्य -सुशील कुमार

समाजवादी विचारधारा का लक्ष्य है मनुष्यता का उत्थान - आलोक रंजन

लखनऊ,23मार्च।भय,भूख, आतंकवाद और अन्याय से त्रस्त मानवता को केवल गांधीवादी समाजवाद ही समाधान दे सकता है। पार्करोड पर आयोजित गांधी दर्शन संगोष्ठी के द्वितीय चरण में समाजसेवी विचारक शंभू राय ने भगत सिंह और महात्मा गांधी के पारस्परिक संबंधों पर महत्वपूर्ण जानकारियां दीं और बताया कि सुभाष चंद्र बोस के वांग्मय में भगत सिंह की फांसी रुकवाने के लिये महात्मा गांधी ने गंभीरतापूर्वक प्रयास किये थे लेकिन अंग्रेजों के साथ खड़े षड्यंत्रकारी तत्वों ने महात्मा गांधी के प्रयासों को इतिहास से हटाने का प्रयास किया।
पार्क रोड स्थित जेसी कैफे में आयोजित गांधी दर्शन संगोष्ठी की विषय प्रस्तावना पढ़ते हुए विमल प्रकाश ने बताया कि गांधी दर्शन संगोष्ठी कार्यक्रम के अंतर्गत भगत सिंह और समाजवाद पर वार्ता बहुत सोच समझकर तय की गयी है।
पास्कल कंप्यूटर ट्रेनिंग एकेडमी के संचालक रणजीत यादव ने संगोष्ठी के पहले वक्ता के रूप में बोलते हुए बताया कि इतिहास में 23मार्च को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान दिवस के अलावा प्रख्यात समाजवादी राममनोहर लोहिया के जन्मदिवस के रूप में भी याद किया जाता है।
लखनऊ पब्लिक स्कूल्स एंड कालेजेज़ के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि स्वतंत्रता आंदोलन में सर्वोच्च बलिदान देने वाले भगत सिंह और उनके साथियों को याद करने के अलावा 23मार्च भारत विभाजन और पाकिस्तान को इस्लामिक राष्ट्र के रूप में स्थापना देने वाली तारीख की तरह भी दर्ज है।उन्होंने गांधी चिंतन को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने की जरूरत बतायी।
कांग्रेस प्रवक्ता सुधा मिश्रा ने कहा कि महात्मा गांधी ने देश के हर वर्ग को प्रभावित किया था। नैतिक शुचिता के सिद्धांतो के साथ राजनीति और समाज को प्रभावित करने वाले महात्मा गांधी ने समाज की सभी समस्याओं को दूर करने का मार्ग दिया है।
योगी सरकार में राज्यमंत्री देविका मंगलामुखी ने कहा कि भारत को आजादी दिलाने में चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह और महात्मा गाँधी जैसे विख्यात पुरुषों के साथ रानी लक्षमीबाई जैसी अनगिनत महिलाओं, ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों और वेश्याओं का भी योगदान था लेकिन इतिहास में उनके योगदान को नकार दिया गया।देश की नयी पीढ़ी को इस विषय में बताया जाना चाहिये।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अमित त्यागी ने बताया देश में फैले नफरत के माहौल को देखते हुए हमें विचार करना चाहिये कि देश की आजादी के लिये लड़ने वाले वर्तमान भारत की सामाजिक परिस्थितियां देखते तो क्या सोचते? देश की गंगाजमुनी तहजीब को खत्म करने की कोशिशें चल रही हैं,देश के इतिहास के पन्ने बदले जा रहे हैं और नफरत की राजनीति को आदर्श बनाया जा रहा था।ऐसे समय में महात्मा गांधी और भगत सिंह के अलावा बहादुरशाह जफर जैसे क्रांतिकारियों के जीवन को समझना जरूरी है।
गांधी दर्शन संगोष्ठी के द्वितीय चरण में मुख्य वक्ता के रूप में संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी आलोक रंजन ने कहा कि समाजवाद का केंद्र अगर मनुष्यता की रक्षा नहीं है तो ऐसे समाजवाद का कोई अर्थ नहीं है।महात्मा गांधी के सामाजिक योगदानों पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि देश से अस्पृश्यता निवारण के क्षेत्र में महात्मा गांधी का योगदान अविस्मरणीय रहेगा। गांधीदर्शन में वर्णित सात पापों की जानकारी देते हुए आलोक रंजन ने कहा कि मूल्यरहित राजनीति और कार्यरहित पूंजी जैसे पाप समाज को नीचे गिराते हैं।
आमंत्रित वक्ताओं का परिचय देने के उपरांत संगोष्ठी का संचालन दायित्व संदीप पांडेय ने बखूबी संभाला।
मंच से दी गयी जानकारी के अनुसार गांधीदर्शन संगोष्ठी का आगामी कार्यक्रम 8अप्रैल 2025 को 'न्याय की सर्वोच्चता' विषय पर आधारित होगा जिसमें संविधान विशेषज्ञों के अलावा पुलिस,प्रशासन और मानवाधिकारों से संबंधित वक्ताओं को आमंत्रित किया जायेगा।

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