23/03/2025
साथियों जैसा कि आप लोगों को पता होगा की OPS के बाद सरकार ने NPS का प्रावधान किया था, जिसमें शुरुआत (01.01.2004) के रेल कर्मचारियों ने उसे चुना नहीं था और ना ही कोई OPTION दिया गया था और ना ही रेल कर्मचारियों ने उसे स्वीकार किया था। इसलिए इन बातों पर ध्यान रखकर UPS का जोरदार विरोध करें!
👉 इस बार किसी भी कानूनी पचड़े से बचने के लिए इस बार केंद्र सरकार द्वारा UPS के लिए OPTION का प्रावधान किया गया है, ताकि रेल कर्मचारी/ केंद्र कर्मचारी/ राज्य सरकार के कर्मचारी एक बार लिखित रूप से OPTION दे दें, फिर वे उनके जाल में लिखित रूप से और कानूनी रूप से फंस जाए और बाद में यह मामला जब न्यायालय के पास पहुंचे तो सरकार यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेगी कि कर्मचारियों ने लिखित रूप से ऑप्शन दिया था तो इसलिए सरकार को UPS लागू करने में क्यों आपत्ति होगी? क्योंकि यदि ऐसा नहीं है तो केंद्र सरकार चुपचाप उन्हें लागू कर दे, जैसे उन्होंने NPS को लागू किया था।
👉 साथियों केंद्र सरकार को पता है कि आगे OPS की लड़ाई में उनकी हार होने वाली है, इसीलिए वे कानूनी रूप से अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए ऐसे हथकंडे अपना रही है।
👉 साथियों हमारी लड़ाई हु-बहू पहले वाली OPS के लिए हर और उसे हम लेकर रहेंगे! यदि उनकी UPS हमारे पुराने वाली OPS के तरह ही बहुत अच्छी है तो फिर वे पहलेवाली OPS में क्यों नहीं लागू कर देते हैं।
👉 अतः आपसे निवेदन है कि आप जहां है, वहां से ही OPS की लड़ाई लड़े, भूल कर भी UPS के OPTION पर हस्ताक्षर ना करें, नहीं तो फिर OPS की लड़ाई अधर में ही लटक जाएगी और हमें फिर कभी OPS नहीं मिल पाएगा।
👉 हम UPS का पुरजोर विरोध करते हैं, केंद्र सरकार को इस विषय में विचार करना चाहिए और तुरंत प्रभाव से इस फैसले को रद्द करना चाहिए l पूरे देश का कर्मचारी OPS माँग रहा है न किUPS!
पुष्यमित्र शुंग Hemant Yadav Heera Singh Pravin Kishor Kushwaha Kishor Singh Sengar Santosh Kumar Tiwary Satyendra Kumar Vinod Gandhi