07/09/2025
हज़रतबल दरगाह में राष्ट्रीय प्रतीक तोड़फोड़ मामले में 26 लोग हिरासत में
श्रीनगर, 6 सितम्बर: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हज़रतबल दरगाह में राष्ट्रीय प्रतीक से जुड़ी तोड़फोड़ के मामले में 26 लोगों को हिरासत में लिया है। यह घटना शुक्रवार को हुई थी, जिसके बाद राज्य में बड़ा विवाद खड़ा हो गया। दरगाह में मौजूद पैगंबर मोहम्मद (स.अ.व.) की निशानी वाले इस पवित्र स्थल पर नवीनीकरण पट्टिका पर लगाए गए राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर लोगों में गुस्सा फैल गया और प्रतीक को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने मौके की फुटेज और अन्य सबूतों का विश्लेषण किया, जिसके आधार पर 26 संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।
राजनीतिक दलों, जिनमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) शामिल हैं, ने पूजा स्थल पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने पर आपत्ति जताई। उनका कहना है कि किसी भी मूर्तिरूप आकृति को पूजा स्थल पर लगाना इस्लामिक सिद्धांतों के खिलाफ है, जो मूर्ति पूजा पर रोक लगाते हैं।
PDP नेता महबूबा मुफ़्ती ने वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन दरख्शां अंद्राबी पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया। मुफ़्ती ने कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक से आपत्ति नहीं है, लेकिन उसे हज़रतबल जैसे पवित्र स्थल पर लगाना "ईशनिंदा" है, क्योंकि इस्लाम मूर्ति पूजा को सख्ती से निषिद्ध करता है।
उन्होंने कहा, “हज़रतबल हमारे पैगंबर मोहम्मद (स.अ.व.) से जुड़ा है और किसी भी प्रकार की ईशनिंदा मुसलमानों के लिए स्वीकार्य नहीं। इस स्थान पर इस तरह का कोई भी कार्य अस्वीकार्य है।”
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी दरगाह पर प्रतीक लगाने की आवश्यकता पर सवाल उठाया। उन्होंने पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) लगाने पर चिंता जताते हुए कहा, “प्रतीक और पत्थर की आखिर ज़रूरत ही क्या थी? क्या पहले से किया गया काम पर्याप्त नहीं था?”
उधर, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तोड़फोड़ की निंदा की और कहा कि वह इस घटना से “गहरी पीड़ा” महसूस कर रहे हैं, हालांकि उन्होंने प्रतीक की स्थापना पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं