The Chanakya

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CRIME KAHANI leveraging information from the police, the media, and the victims, we highlight the society's most heinous crimes. ZIMMEDAR KAUN bring an awareness among citizens and government about their rights and duties. ANOKHE KISSE is a programme where notable individuals share one amusing personal experience with viewers.

10/08/2025

यह कहानी उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से है, जहाँ एक भयानक डबल मर्डर की वारदात ने पूरे हनुमंत विहार थाना क्षेत्र के खाडेपुर इलाके को हिलाकर रख दिया। मामला एक किन्नर काजल और उसके मुंहबोले 12 साल के भाई की निर्मम हत्या का था।

मैनपुरी की रहने वाली किन्नर काजल कानपुर में एक किराए के मकान में रह रही थी। कई दिनों से उसके परिजन उससे फोन पर संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उसका फोन नहीं लग रहा था, जिससे वे चिंतित थे। आखिरकार, शनिवार को काजल के घरवाले उसके किराए वाले मकान पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि मकान के मेन गेट पर ताला लगा हुआ था और अंदर से बेहद तेज बदबू आ रही थी, जिससे उन्हें शक हुआ। तुरंत, उन्होंने पुलिस को सूचित किया।

पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मुख्य द्वार का ताला तोड़कर घर के अंदर दाखिल हुई। अंदर का नज़ारा देखकर उनके होश उड़ गए। कमरे के अंदर रखे दीवान बेड के भीतर काजल का शव पड़ा था, और उसके मुंहबोले भाई का शव कमरे के ही दूसरे कोने में पड़ा मिला। यह देखकर साफ था कि दोनों की हत्या कई दिन पहले की गई थी, क्योंकि शव कई दिन पुराने लग रहे थे।

परिजनों ने कमरे की तलाशी ली, तो उन्हें एक और चौंकाने वाला सुराग मिला: काजल की अलमारी खुली पड़ी थी और उसका आईफोन समेत कई कीमती सामान गायब था। कमरे से शराब की बोतलें भी मिलीं। इन सभी सबूतों से लूट की आशंका जताई गई, जिसके बाद आला अधिकारी और फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची और सबूत जुटाना शुरू कर दिया।

जांच के दौरान, काजल के पड़ोसियों ने एक महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गोलू और आकाश नाम के दो युवकों का काजल के घर आना-जाना था। पड़ोसियों के अनुसार, पहले एक युवक का काजल से प्रेम प्रसंग चल रहा था, लेकिन बाद में दूसरा युवक काजल से बात करने लगा। जब पहले युवक को इस बारे में पता चला, तो उसने काजल के साथ मारपीट शुरू कर दी थी और उसे कई बार जान से मारने की धमकी भी दी थी।

पुलिस ने इन सभी पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है और मृतकों के घर वालों द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर पूछताछ की जाएगी। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस जल्द ही मामले का खुलासा करने की उम्मीद कर रही है!

#कानपुर
#डबलमर्डर
#किन्नरमर्डर

49 साल बाद भी फैसला नहीं दे पाई अदालत तो परेशान होकर आरोपी ने गुनाह कबूल कर लिया झाँसी में लगभग 49 साल पहले एक सहकारी सम...
05/08/2025

49 साल बाद भी फैसला नहीं दे पाई अदालत तो परेशान होकर आरोपी ने गुनाह कबूल कर लिया

झाँसी में लगभग 49 साल पहले एक सहकारी समिति में चोरी हुई थी। इस मामले में कन्हैया लाल नाम के 70 साल के एक बुज़ुर्ग आदमी ने अब अदालत में अपना गुनाह कबूल कर लिया है, और इस तरह यह 49 साल से भी ज़्यादा पुराना केस आखिरकार खत्म हुआ। ये मामला मार्च 1976 का है और इसमें बहुत सारी सुनवाइयाँ हुईं, सरकारी काम में देरी हुई, और दो सह-आरोपियों की तो मुकदमे के दौरान ही मौत हो गई।

अभियोजन अधिकारी अखिलेश कुमार मौर्य ने बताया कि ये मामला 31 मार्च, 1976 को बिहारी लाल गौतम ने दर्ज कराया था। बिहारी लाल गौतम तब तहरौली की लार्ज स्केल कोऑपरेटिव सोसाइटी के सचिव थे। शिकायत में कहा गया था कि 27 मार्च, 1976 को, कन्हैया लाल, जो उस समय वहाँ चौथे दर्जे का कर्मचारी था, उसने दफ्तर से एक सरकारी रसीद बुक और 150 रुपये की एक कलाई घड़ी चुरा ली थी। लाल ने रसीद बुक में नकली दस्तखत किए और सोसायटी के सदस्यों के 14,000 रुपये से ज़्यादा का गबन कर लिया।

लक्ष्मी प्रसाद और रघुनाथ नाम के दो और लोगों पर भी अपने नाम पर नकली रसीदें जारी करके पैसे हड़पने का इल्ज़ाम था। मौर्य ने बताया कि तीनों को जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई।

इसके बाद जो हुआ वो न्याय में एक असाधारण देरी थी जो लगभग पाँच दशकों तक चली। इन सालों में, सुनवाई टलती रहीं, फाइलें एक हाथ से दूसरे हाथ में जाती रहीं, और लक्ष्मी प्रसाद और रघुनाथ की मौत हो गई। इस मामले, जिसका नाम स्टेट बनाम कन्हैया लाल था, में कन्हैया लाल पर औपचारिक आरोप आखिरकार 23 दिसंबर, 2022 को तय किए गए।

पिछले शनिवार को, एक आम सुनवाई के दौरान, कन्हैया लाल, जो अब ग्वालियर के शर्माफेम रोड, हजीरा का रहने वाला है, ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुन्ना लाल के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया। वकील ने बताया कि कन्हैया लाल ने अदालत से कहा कि वो अपनी बिगड़ती सेहत और बुढ़ापे की वजह से गुनाह कबूल करना चाहता है। अदालत ने लाल की बात मान ली और उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 380, 409, 467, 468, 457, और 120B के तहत दोषी ठहराया।

चूंकि लाल ने मुकदमे के दौरान पहले ही तीन-तीन महीने की दो अलग-अलग अवधियाँ जेल में काटी थीं, इसलिए अदालत ने इसे पर्याप्त सज़ा माना। इसके अलावा, उस पर हर धारा के तहत 300 रुपये और एक धारा के तहत 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। अभियोजक के मुताबिक, अगर वो जुर्माना नहीं भर पाता है, तो उसे तीन दिन की अतिरिक्त जेल भुगतनी होगी



अनोखी सनक: ट्रेन पर पेट्रोल बम फेंकने वाला रहस्यमय हमलावर गिरफ्तार!उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से एक बेहद चौंकाने वाल...
03/08/2025

अनोखी सनक: ट्रेन पर पेट्रोल बम फेंकने वाला रहस्यमय हमलावर गिरफ्तार!

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहाँ पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो चलती ट्रेन पर पेट्रोल बम फेंकने का आरोपी है. रेलवे ट्रैक के पास एक युवक, हाथ में पेट्रोल से भरी बोतल और माचिस लिए था, तभी पुलिस ने उसे धर दबोचा. इस गिरफ्तार युवक का नाम दीपू सैनी है.

पुलिस के लिए यह मामला उस वक्त और भी हैरान करने वाला बन गया, जब पूछताछ में दीपू ने जो खुलासा किया, वह किसी अजीब कहानी से कम नहीं था. दीपू ने बताया कि अपने भाई की मौत के बाद उसे एक सपना आया था. उस सपने के मुताबिक, अगर वह चलती ट्रेन पर हमला करता, तो उसके भाई की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को नुकसान पहुंचता. पुलिस इस खुलासे से स्तब्ध रह गई. अब पुलिस दीपू सैनी की पृष्ठभूमि और उसकी मानसिक स्थिति की गहन जाँच कर रही है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि यह पहली बार नहीं था जब दीपू ने ऐसा कदम उठाया हो. इससे पहले भी वह दो बार ट्रेन पर पेट्रोल से भरी बोतलें फेंक चुका है. उसके इन हरकतों से रेलवे पुलिस और जीआरपी में हड़कंप मच गया था. सीओ अनिल कुमार ने बताया कि दीपू अब तक लालकुआं एक्सप्रेस और सत्याग्रह एक्सप्रेस पर पेट्रोल बम से हमला कर चुका है.

पुलिस के लिए यह एक पहेली बन गई थी, क्योंकि ऐसे हमलों का कोई स्पष्ट मकसद समझ नहीं आ रहा था. गहन जाँच के बाद, पुलिस को अंदेशा हुआ कि कोई स्थानीय व्यक्ति ही ऐसी वारदात को अंजाम दे सकता है. इसके बाद, जीआरपी और आरपीएफ की टीमों को सादे कपड़ों में रेलवे ट्रैक के आसपास तैनात किया गया. इसी सघन निगरानी के दौरान, एक ई-रिक्शा में आ रहे एक युवक पर शक हुआ. पुलिस ने उसकी तलाशी ली और वही मिला जिसकी उन्हें तलाश थी – पेट्रोल से भरी एक बीयर की बोतल और एक माचिस.

दीपू सैनी की गिरफ्तारी ने इस रहस्यमय ट्रेन हमले की गुत्थी को सुलझा दिया है. पुलिस अब इस बात की तह तक जाने में जुटी है कि आखिर इस अनोखी सनक के पीछे का पूरा सच क्या है. यह घटना न सिर्फ मुरादाबाद बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है.



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वर्दी के पीछे ही छुपा था कातिल: महिला सिपाही विमलेश का हत्यारा गिरफ्तारबाराबंकी के मसौली थाना क्षेत्र में बुधवार को खेत ...
31/07/2025

वर्दी के पीछे ही छुपा था कातिल: महिला सिपाही विमलेश का हत्यारा गिरफ्तार

बाराबंकी के मसौली थाना क्षेत्र में बुधवार को खेत में मिली महिला सिपाही विमलेश पाल की लाश ने पूरे पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया था। शुरुआत में हर कोई हैरान था कि इस जघन्य वारदात को किसने अंजाम दिया होगा। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और जो खुलासा हुआ, उसने न सिर्फ पुलिस विभाग, बल्कि पूरे समाज को स्तब्ध कर दिया।

पुलिस के दावे के अनुसार, महिला सिपाही विमलेश पाल का हत्यारा कोई और नहीं, बल्कि उसका अपना पति और खुद एक पुलिस कॉन्स्टेबल इंद्रेश मौर्य था। इंद्रेश हरदोई में तैनात था, और विमलेश व इंद्रेश की कोर्ट मैरिज हो चुकी थी। दोनों के बीच का रिश्ता पहले से ही काफी जटिल था। चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई कि साल 2024 में, विमलेश ने आरोपी इंद्रेश मौर्य पर रेप का मुकदमा भी दर्ज करवाया था, हालांकि बाद में दोनों के बीच समझौता हो गया था।

जांच में पुलिस ने दावा किया कि इंद्रेश, विमलेश को पत्नी की तरह नहीं रखना चाहता था। विमलेश बार-बार इंद्रेश से समाज के सामने उसे अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने और रखने की बात कहती थी। इसी रिश्ते से छुटकारा पाने के लिए इंद्रेश ने विमलेश की हत्या की खौफनाक साजिश रची।

पुलिस के मुताबिक, इंद्रेश ने पहले विमलेश का गला घोंटकर उसे अधमरा किया। इसके बाद, उसने कार के पाने से विमलेश के सिर पर वार करके उसे मौत के घाट उतार दिया। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी इंद्रेश ने विमलेश के नाम पर 5-5 लाख रुपये के दो लोन भी ले रखे थे, और उनके बीच पैसों का लेन-देन भी होता था, जिसे लेकर विवाद बढ़ गया था।

विमलेश की हत्या के बाद पुलिस ने आरोपी पुलिस कॉन्स्टेबल इंद्रेश मौर्य को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले ने एक बार फिर रिश्तों में भरोसे और कानून के रखवालों की भूमिका पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

#महिलासिपाही
#विमलेशपाल
#हत्याकांड

ट्यूशन टीचर संग कमरे में पकड़ी गई पत्नी, फिर आई एक दहला देने वाली खबर...यह कहानी एक ऑटो चालक सोनू कुमार की है, जिसकी संदि...
30/07/2025

ट्यूशन टीचर संग कमरे में पकड़ी गई पत्नी, फिर आई एक दहला देने वाली खबर...

यह कहानी एक ऑटो चालक सोनू कुमार की है, जिसकी संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या कर दी गई।
मामला समस्तीपुर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लगुनियां रघुकंठ गांव का है, जहां 30 वर्षीय सोनू कुमार की डेड बॉडी मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। सोनू के परिवार ने सीधे तौर पर उसकी पत्नी स्मिता/अस्मिता झा और उसके प्रेमी हरिओम कुमार पर हत्या का आरोप लगाया है।

पुलिस ने अस्मिता झा को शक के आधार पर हिरासत में ले लिया। अपने कबूलनामा में, 27 वर्षीय अस्मिता ने बताया कि देर रात करीब डेढ़ बजे पति सोनू झा नशे में घर आया। वह अपने प्रेमी हरिओम के साथ कमरे में थी, और पति ने उन्हें आपत्तिजनक हालत में देख लिया। इसके बाद पति ने प्रेमी से मारपीट शुरू कर दी। अस्मिता ने बताया कि हरिओम ने सोनू को केतली, लाठी-डंडे से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। फिर बिजली के तार से उसका गला घोंटा गया, और आखिर में उसकी मौत को कन्फर्म करने के लिए करंट भी लगाया गया।

सोनू के पिता टुनटुन झा ने बताया कि 6 साल पहले सोनू की शादी अस्मिता से हुई थी और उनके दो बच्चे भी हैं। शादी के बाद से ही उनके बीच लगातार झगड़े होते रहते थे। टुनटुन झा ने यह भी बताया कि हरिओम कुमार नाम का शिक्षक उनके बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने आता था, और लगभग एक साल पहले से ही अस्मिता और हरिओम के बीच अवैध संबंध बन गए थे। छह महीने पहले सोनू ने अपनी पत्नी और हरिओम को आपत्तिजनक स्थिति में देखा था, जिसके बाद उसने ट्यूशन बंद करवा दिया था। हालांकि, बहू घर के पिछले दरवाजे से प्रेमी हरिओम को घर बुलाने लगी।

शुक्रवार की रात करीब 12 बजे जब सोनू ऑटो चलाकर घर लौटा, तो उसके पिता सो गए थे। लेकिन अगली सुबह, उन्होंने देखा कि सोनू का शव कमरे में पड़ा है और स्मिता एक कोने में बैठी है। सोनू के गले पर निशान थे, उसकी आँखें सूजी हुई थीं, पीठ पर लाठी-डंडे से पिटाई के निशान थे, और उसके सिर पर तथा बाएं हाथ पर भी जख्म थे। टुनटुन झा को यकीन हो गया कि यह हत्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्मिता ने अपने प्रेमी और दो-तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर सोनू की हत्या की है। पुलिस ने घटनास्थल पर खून बिखरा हुआ और बिजली का नंगा तार भी पाया।

टुनटुन झा को आशंका है कि हत्या की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए ही अस्मिता ने 10 दिन पहले अपने दोनों बच्चों को मायके पहुंचा दिया था, हालांकि 6 साल की बेटी दो दिन पहले वापस आ गई थी। पुलिस अब इस पूरे मामले की हर पहलू से जांच कर रही है


💔 सैयारा' फिल्म देखी और दिव्यांशी को मार दी तीन गोलियां !यह कहानी है मैनपुरी के मोहल्ला चौथियाना की 21 वर्षीय बीएससी छात...
27/07/2025

💔 सैयारा' फिल्म देखी और दिव्यांशी को मार दी तीन गोलियां !

यह कहानी है मैनपुरी के मोहल्ला चौथियाना की 21 वर्षीय बीएससी छात्रा दिव्यांशी राठौर और राहुल दिवाकर नाम के एक सिरफिरे आशिक की।

शनिवार का दिन था। दिव्यांशी चौथियाना के रानी मंदिर में श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना कर रही थी। उसे ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि राहुल दिवाकर नाम का सनकी आशिक उसकी जान लेने के इरादे से उसके पीछे चला आ रहा है। अचानक राहुल मंदिर के गर्भगृह में घुसा, पट बंद किए और दिव्यांशी पर एक के बाद एक तीन गोलियां दाग दीं! वह दिव्यांशी को मरा हुआ समझकर दरवाजा खोलकर मौके से फरार हो गया।

यह कोई अचानक हुई वारदात नहीं थी। राहुल दिवाकर वर्ष 2018 से दिव्यांशी के एकतरफा प्यार में पागल था। पिछले पाँच सालों से वह दिव्यांशी का लगातार पीछा कर रहा था। दो साल पहले (वर्ष 2022 में) भी उसने उनके परिवार की गाड़ी पर गोलियां चलाई थीं! तब यह मामला समझौते से हल हो गया था, लेकिन दिव्यांशी के परिजन खौफ में आ गए थे।

डर के मारे परिजनों ने दिव्यांशी को दिल्ली अपने चाचा के पास भेज दिया था। छह महीने पहले ही दिव्यांशी अपने घर मैनपुरी लौटी थी। मगर, राहुल की सनक कम नहीं हुई; उसने फिर से दिव्यांशी का पीछा करना शुरू कर दिया था।

हाल ही में दिव्यांशी के परिवार वाले उसकी शादी की बात चला रहे थे और रिश्ते देख रहे थे। इस बात की भनक राहुल को लग गई और वह बुरी तरह बौखला उठा। राहुल दिव्यांशी पर शादी का दबाव बना रहा था, लेकिन दिव्यांशी उससे शादी नहीं करना चाहती थी। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि इसी बात से बौखलाकर उसने दिव्यांशी की हत्या की योजना बनाई थी!

आरोपी की तलाश के लिए तीन टीमें गठित की गई थीं। करहल रोड पर नगला जुला के पास नाकाबंदी कर पुलिस ने राहुल दिवाकर को घेर लिया। राहुल ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसके जवाब में पुलिस को भी गोली चलानी पड़ी। जवाबी कार्रवाई में राहुल के पैर में गोली लगी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वारदात में इस्तेमाल किया गया तमंचा भी बरामद कर लिया गया है।

गिरफ्तारी के बाद राहुल हंसता हुआ नज़र आया। पूछताछ में उसने बताया कि इस खौफनाक वारदात को अंजाम देने से पहले उसने 'सैयारा' फिल्म देखी थी! पुलिस के सामने भी उसे कोई पछतावा नहीं था। वह 'खलनायक' की तरह हंसता रहा।

घायल दिव्यांशी सैफई मेडिकल कॉलेज में अभी भी मौत और जिंदगी के बीच झूल रही है। उसकी हालत अभी भी बेहद नाजुक बनी हुई है।

यह घटना एक बार फिर एकतरफा प्यार के नाम पर पनपी सनक और उसके भयावह परिणामों की दर्दनाक तस्वीर पेश करती है।

नाबालिग लड़की के साथ हुए जघन्य अपराध : जिंदा दफनाने की कोशिशओडिशा के जगतपुर जिले से एक ऐसी दहला देने वाली वारदात सामने आ...
26/07/2025

नाबालिग लड़की के साथ हुए जघन्य अपराध : जिंदा दफनाने की कोशिश

ओडिशा के जगतपुर जिले से एक ऐसी दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जिसने इंसानियत की सारी हदें पार कर दी हैं। यह कहानी है एक नाबालिग लड़की की हैवानियत भरे शोषण और उसके बाद उसे जिंदा दफनाने की खौफनाक कोशिश की।

जगतपुर के बनशबारा गांव में, दो सगे भाई भाग्यधर दास और पंचानन दास, अपने एक साथी तुलु बाबू के साथ मिलकर, एक नाबालिग लड़की का लंबे समय तक, कई मौकों पर, सामूहिक बलात्कार करते रहे। यह भयावह उत्पीड़न कई महीनों तक जारी रहा।

इस लंबे समय तक चले यौन शोषण का नतीजा यह हुआ कि नाबालिग लड़की पांच महीने की गर्भवती हो गई। जब इन दरिंदों को अपने इस "काले सच" का पता चला, तो उन्होंने अपने घिनौने अपराध को छिपाने के लिए एक बेहद क्रूर योजना बनाई। उन्होंने लड़की को जिंदा दफनाने की कोशिश की। यह एक ऐसा कृत्य था जिसने सचमुच इंसानियत की सारी हदें तोड़ दीं।

गनीमत रही कि लड़की को समय रहते बचा लिया गया। इस अमानवीय घटना के बाद, पीड़िता को तत्काल इलाज के लिए जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ वह डॉक्टरों की लगातार निगरानी में है।

पीड़िता के पिता ने हिम्मत दिखाते हुए आरोपियों के खिलाफ नजदीकी पुलिस स्टेशन में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत के आधार पर, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

पुलिस ने इस मामले में भाग्यधर दास और पंचानन दास को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, तीसरा आरोपी, तुलु बाबू, अभी भी फरार बताया जा रहा है, और पुलिस उसकी तलाश में सघन अभियान चला रही है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

#ओडिशा #जगतपुर #गैंगरेप

एक BSF जवान कैसे बना लुटेरा ?दिल्ली के फर्श बाजार इलाके में दिनदहाड़े एक ज्वेलरी शॉप में हुई लूट की सनसनीखेज वारदात ने स...
24/07/2025

एक BSF जवान कैसे बना लुटेरा ?

दिल्ली के फर्श बाजार इलाके में दिनदहाड़े एक ज्वेलरी शॉप में हुई लूट की सनसनीखेज वारदात ने सबको चौंका दिया। इस घटना का मास्टरमाइंड कोई पेशेवर अपराधी नहीं, बल्कि देश की सेवा करने वाला सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक जवान निकला।

गौरव यादव , जो महज 22 साल का एक युवा BSF कांस्टेबल था। उसने इसी साल मई में अपनी ट्रेनिंग पूरी की थी और पंजाब के फाजिल्का सेक्टर में तैनात था। लेकिन वर्दी के सम्मान और देश सेवा के कर्तव्य से कहीं दूर, गौरव ऑनलाइन जुए की अंधेरी दलदल में फंस चुका था। जुए के इस खेल में वह बड़ी रकम हार चुका था, और धीरे-धीरे आर्थिक तंगी ने उसे घेर लिया।
अपनी इस मुश्किल से निकलने के लिए उसने एक ऐसा रास्ता चुना, जिसने उसके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया। गौरव ने क्राइम शो देखकर लूट की साजिश रची। उसने एक स्थानीय दुकान से एक खिलौना बंदूक (टॉय गन) खरीदी और दिल्ली में लूट की पूरी योजना बना डाली।

18 जून को गौरव छुट्टी खत्म होने के बाद वापस ड्यूटी पर जा रहा था। दिल्ली में ट्रेन बदलते वक्त, उसने अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने का फैसला किया। अगले ही दिन, 19 जून 2025 को, वह दिल्ली के फर्श बाजार स्थित 'गुरचरण ज्वेलर्स' में पिस्तौल जैसी चीज लहराता हुआ घुस गया। उसने वहां से चार सोने के कंगन लूटे और मौके से फरार हो गया।

दुकानदार की पीसीआर कॉल पर फर्श बाजार थाना पुलिस तत्काल हरकत में आई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और टेक्निकल सर्विलांस तथा हाईटेक माध्यमों से मिले इनपुट्स का गहन विश्लेषण किया। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी कोई और नहीं, बल्कि BSF जवान गौरव यादव है, जो मध्य प्रदेश के शिवपुरी के खनियाधाना गांव का रहने वाला है।

वारदात को अंजाम देने के बाद, गौरव मेरठ, फिर लखनऊ होते हुए अपने गांव शिवपुरी लौट आया था। पुलिस टीम ने उसके गांव में छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में गौरव ने अपना अपराध कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसने चार कंगन चुराए थे, जिनमें से दो कंगन अपने घर में छुपा दिए और दो बेचकर करीब दो लाख रुपए बैंक में जमा कर दिए। पुलिस ने छापेमारी में दो सोने के कंगन बरामद कर लिए हैं और उसके बैंक खाते की भी पहचान कर ली है।

यह कहानी दर्शाती है कि कैसे एक छोटी सी लत और लालच एक व्यक्ति को उसके सम्मान और कर्तव्य से कितना दूर ले जा सकती है, यहां तक कि एक बीएसएफ जवान को भी लुटेरा बना सकती है। एक गलत कदम किसी के पूरे जीवन को तबाह कर सकता है।




मां के अपमान का बदला - 10 साल बाद ढूंढकर मारा 22 मई को लखनऊ की सड़कों पर एक खूनी खेल खेला गया था। नारियल पानी बेचने वाले...
22/07/2025

मां के अपमान का बदला - 10 साल बाद ढूंढकर मारा

22 मई को लखनऊ की सड़कों पर एक खूनी खेल खेला गया था। नारियल पानी बेचने वाले मनोज की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी इस हत्या का कारण थी 10 साल पहले हुई एक घटना -

10 साल पहले, मनोज ने एक महिला का अपमान किया था और उन्हें पीटा था। इस घटना के बाद मनोज वहाँ से भाग गया था।

सोनू कश्यप उस महिला का बेटा जिसका अपमान हुआ था - अपनी माँ के अपमान और पिटाई का बदला लेने के लिए सोनू ने मनोज को ढूँढना शुरू किया और 10 साल तक उसे ढूँढने की कोशिश करता रहा। आखिरकार लगभग तीन महीने पहले, उसे मनोज शहर के मुंशी पुलिया इलाके में मिल गया, और यहीं से बदले की उसकी सुनियोजित प्लानिंग शुरू हुई।

22 मई को, सोनू ने अपने दोस्तों रंजीत, आदिल, सलामू और रहमत अली के साथ मिलकर मनोज पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया, उसे अधमरा छोड़ दिया। इलाज के दौरान मनोज की मौत हो गई।

पुलिस के लिए यह एक 'अंधी जांच' थी। सीसीटीवी फुटेज में हमलावर कैद तो हो गए थे, लेकिन वे पुलिस की पकड़ से दूर थे। किसी को नहीं पता था कि इस पहेली को सुलझाने का सूत्रधार कोई जासूस नहीं, बल्कि एक साधारण सोशल मीडिया पोस्ट होगा।

हत्या को अंजाम देने के बाद, सोनू और उसके साथी जश्न में डूब गए। सोनू ने अपने दोस्तों के लिए एक शानदार शराब पार्टी रखी। उन्होंने खूब शराब पी, और पार्टी की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी छा गईं। उन्हें लगा कि वे सुरक्षित हैं, लेकिन यही तस्वीरें उनकी बर्बादी का कारण बनीं।

पुलिस जब अपनी 'अंधी जांच' में जुटी थी, तभी इन सोशल मीडिया पोस्ट पर उनकी नज़र पड़ी। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे पांच संदिग्धों में से एक की पहचान इन्हीं सोशल मीडिया तस्वीरों से हुई। आगे की जांच में, उस व्यक्ति की सोशल मीडिया प्रोफाइल का पता चला, जहाँ उसे हत्या के दौरान पहनी गई वही नारंगी टी-शर्ट में देखा गया। यह पुलिस के लिए निर्णायक सुराग था।

इस एक क्लू ने पूरी प्लानिंग का खुलासा कर दिया। सोशल मीडिया की मदद से पुलिस ने सभी पांचों संदिग्धों का पता लगाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस तरह, एक सोशल मीडिया पोस्ट ने एक उलझी हुई हत्या के रहस्य को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, यह साबित करते हुए कि डिजिटल निशान अक्सर अपराध के निशान से भी गहरे होते हैं। यह ठीक वैसा ही था जैसे किसी अपराधी के खुद अपने पैरों के निशान छोड़ना, लेकिन इस बार, वे निशान इंटरनेट पर थे।

लखनऊ से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपनी ही मासूम बेटी की हत्या ...
17/07/2025

लखनऊ से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपनी ही मासूम बेटी की हत्या कर दी। महिला का नाम रोशनी खान है और उसने अपनी छह साल की बेटी सोना की गला घोंटकर निर्मम हत्या की। इस जघन्य अपराध में उसके प्रेमी उदित जायसवाल ने उसकी मदद की।

इस हत्या के पीछे का मुख्य मकसद रोशनी का अपने पति शाहरुख खान को फँसाना और उसे जेल भिजवाना था।

जानकारी के अनुसार, रोशनी पिछले दो साल से अपने पति शाहरुख से विवाद के बाद अपने प्रेमी उदित जायसवाल के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी।

इस हत्याकांड का खुलासा तब हुआ जब सोमवार तड़के करीब 3 बजे रोशनी ने खुद डायल 112 पर कॉल करके आरोप लगाया कि उसके पति शाहरुख ने उनकी बेटी की हत्या कर दी है। लखनऊ पुलिस और फोरेंसिक टीम तुरंत मौके पर पहुंची और रोशनी की शिकायत पर शाहरुख के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया।

हालांकि, पुलिस को मौके पर पहुंचने पर शक हुआ क्योंकि रोशनी के कमरे से तेज बदबू आ रही थी और बेटी की लाश में कीड़े पड़ चुके थे। इससे पता चला कि हत्या हाल ही में नहीं हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से बाद में पुष्टि हुई कि सोना की हत्या रोशनी के कॉल करने से कम से कम 36 घंटे पहले की गई थी।

आगे की जाँच में, रोशनी के बयानों में विरोधाभास पाया गया। पुलिस उदित को भी थाने ले आई। पूछताछ के दौरान, उदित ने सच उगल दिया और स्वीकार किया कि उन्होंने रविवार को सोना की हत्या की थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि हत्या के बाद रोशनी और उदित उसी घर में रहे और बच्ची के शव के सामने पार्टी भी की। बाद में रोशनी ने भी स्वीकार किया कि उसने अपने पति शाहरुख को फंसाने के लिए प्रेमी के साथ मिलकर अपनी बेटी की हत्या की। सोना की गर्दन, नाक, मुंह और छाती पर चोट के निशान पाए गए।

रोशनी और उदित दोनों पुलिस हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ जारी है। शुरुआती जाँच में यह भी सामने आया है कि रोशनी का आपराधिक इतिहास रहा है। उसने पहले भी अपने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए थे और उन्हें जेल भिजवा चुकी थी। आरोप है कि रोशनी ने अपने पति शाहरुख का फ्लैट हड़पने के लिए उसके और उसके परिवार के खिलाफ मारपीट सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया था और उन सभी को जेल भिजवाने में कामयाब रही।

मई में रोशनी ने कथित तौर पर शाहरुख की पिटाई की और उसे उसके ही घर से निकाल दिया था। अधिकारियों ने बताया कि मामले की गहन जांच जारी है और कई और खुलासे होने की उम्मीद है। इस घटना ने राजधानी को झकझोर कर रख दिया है।



यह कहानी है केरल की नर्स निमिषा प्रिया की। 2008 में बेहतर कमाई के लिए वह यमन गईं और बाद में अपना एक क्लिनिक खोला। यमनी क...
16/07/2025

यह कहानी है केरल की नर्स निमिषा प्रिया की। 2008 में बेहतर कमाई के लिए वह यमन गईं और बाद में अपना एक क्लिनिक खोला। यमनी कानून के तहत उन्हें एक स्थानीय साझेदार, तलाल अब्दोल मेहदी, को लेना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तलाल ने बाद में निमिषा को परेशान करना शुरू कर दिया, उनका पैसा हड़प लिया और कथित तौर पर उनका पासपोर्ट भी छीन लिया था। साल 2017 में, अपने पासपोर्ट को वापस लेने की कोशिश में, निमिषा ने तलाल को बेहोश करने के लिए एक इंजेक्शन दिया, लेकिन दुर्भाग्यवश इससे मेहदी की मौत हो गई। इसी मामले में यमन की अदालत ने निमिषा प्रिया को फांसी की सजा सुनाई थी।

निमिषा की फांसी बुधवार, 16 जुलाई को तय थी, लेकिन इस तारीख से ठीक पहले, एक चमत्कार हुआ! उनकी फांसी को फिलहाल टाल दिया गया है। इस मानवीय कोशिश में केरल के एक प्रभावशाली मुस्लिम धर्मगुरु, कांथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार, ने अहम भूमिका निभाई है। उन्हें 'ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया' का भी ओहदा प्राप्त है।

भारत के यमन में हूती प्रशासन से औपचारिक कूटनीतिक संबंध न होने के कारण, सरकारी चैनलों की बजाय धार्मिक पहुंच अधिक असरदार साबित हुई। मुसलियार ने यमन के प्रभावशाली सूफी इस्लामी विद्वानों, जैसे शेख उमर बिन हफीज, से संपर्क साधा। उन्होंने इस्लामिक शरीया कानून के उस पहलू को सामने रखा, जिसमें सजा से ज्यादा रहम को तरजीह दी गई है।

मुसलियार ने दीया (ब्लड मनी या आर्थिक क्षतिपूर्ति) स्वीकार करने का अनुरोध किया। शरीया कानून के तहत, 'ब्लड मनी' मृतक के परिवार को दी जाने वाली आर्थिक क्षतिपूर्ति होती है, जिसके बदले में वे दोषी को क्षमा कर सकते हैं। केरल के अरबपति व्यवसायी एम.ए. यूसुफ अली ने भी इस मामले में जो भी वित्तीय मदद जरूरी हो, देने की बात कही है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने भी "खामोश और लगातार" कोशिशें की हैं।

हालांकि, यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। मृतक तलाल मेहदी के भाई अब्देलफत्ताह मेहदी ने निमिषा को माफ करने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने इसे एक गंभीर अपराध बताया और कहा कि निमिषा को फांसी दी जानी चाहिए।

फिलहाल, फांसी सिर्फ टली है, माफी नहीं मिली है। यमन के शरीया कानून के अनुसार, क्षमा का अधिकार मृतक के परिवार के पास ही होता है। ब्लड मनी पर बातचीत अभी जारी है। निमिषा की मां प्रेमा कुमारी भी यमन में मौजूद हैं, ताकि पीड़ित परिवार से 'ब्लड मनी' पर सहमति बन सके।

निमिषा की जान बचाने की यह मानवीय कोशिश जारी है। देखते हैं आगे क्या होता है!

अलीगढ़ के मोहल्ला कोठी में एक दिल दहला देने वाली घटना ने रिश्तों की नींव हिला दी है। यह कहानी है सुरेश (32) की, जो दिल्ल...
14/07/2025

अलीगढ़ के मोहल्ला कोठी में एक दिल दहला देने वाली घटना ने रिश्तों की नींव हिला दी है। यह कहानी है सुरेश (32) की, जो दिल्ली की एक एक्सपोर्ट कंपनी में बतौर सिक्योरिटी गार्ड काम करते थे। उनकी शादी करीब 12 साल पहले फिरोजाबाद की बीना से हुई थी, और उनके तीन प्यारे बच्चे भी थे। सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन परदे के पीछे एक ऐसी काली सच्चाई पल रही थी, जिसने इस परिवार को हमेशा के लिए तोड़ दिया।

बीना, जो तीन बच्चों की मां थी, पिछले आठ सालों से अपने पड़ोसी दुकानदार मनोज के साथ प्रेम संबंधों में अंधी हो चुकी थी। यह एक ऐसा गुप्त रिश्ता था, जिसने अंततः एक जघन्य अपराध का रूप ले लिया। सोमवार को जब सुरेश दिल्ली से छुट्टी लेकर घर आए, तो बीना और मनोज ने उनकी हत्या की योजना बना ली। उन्हें पता था कि गुरुवार को सुरेश को वापस दिल्ली लौटना था, और इससे पहले ही उन्होंने सुरेश को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया।

गुरुवार की सुबह, करीब 9 बजे, यह भयावह वारदात हुई। बीना ने बड़ी चालाकी से काम लिया। उसने घर में झाड़ू-पोंछा करने का बहाना बनाते हुए सुरेश को घर से बाहर निकाला, ताकि मनोज अपने इरादों को अंजाम दे सके। जब सुरेश चबूतरे पर बैठे थे, तभी मनोज आया और उन्हें गोली मार दी। हत्या के बाद, मनोज ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया, बताया कि उसने बीना के कहने पर सुरेश की हत्या की है। उसने यह भी बताया कि इस हत्या के लिए तमंचा बीना ने ही उसे दिया था।

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बीना को भी पकड़ लिया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि बीना और मनोज, दोनों के चेहरों पर इस जघन्य अपराध का ज़रा भी अफसोस नहीं था।

इस कहानी का सबसे मार्मिक और दिल को चीर देने वाला पल तब आया, जब पुलिस ने बच्चों को थाने बुलाया। जब बीना जेल जाने की प्रक्रिया से गुजर रही थी, उसने अपने बच्चों से कहा, "मैं जेल जा रही हूं। अपना ख्याल रखना और रोज़ाना स्कूल जाना"।

बच्चों का जवाब सुनकर वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं। उन्होंने अपनी मां से साफ कह दिया कि वह उन्हें बेटा-बेटी कहकर न पुकारे! "आपने पापा की हत्या की है। हम यही दुआ करेंगे कि आपको और मनोज को फांसी की सज़ा हो। तुम पापा की नहीं हुई तो हमारी भी नहीं हो सकती," ये शब्द बोलकर नीतेश, पुनीत और रोशनी कुछ कदम पीछे हटे और फूट-फूट कर रोने लगे।

बच्चों की इस मार्मिक पुकार ने सबको यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि प्रेम के नाम पर इंसान कितना गिर सकता है।

#प्रेमप्रसंग

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