
15/05/2025
बैकुंठ शुक्ला बिहार के जलालपुर गाँव (वैशाली जिला) में 15 मई 1907 को जन्मे एक महान क्रांतिकारी थे। बचपन से ही स्वतंत्रता की लौ उनके दिल में जल रही थी। वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन से जुड़े।
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की फाँसी से आहत होकर, उन्होंने सरकारी गवाह फणींद्रनाथ घोष की हत्या की जिम्मेदारी ली, जिसकी गवाही के कारण तीनों क्रांतिकारियों को फाँसी दी गई थी। 9 नवंबर 1932 को उन्होंने और चंद्रमा सिंह ने घोष को मार दिया।
14 मई 1934 को गया जेल में उन्हें फाँसी दे दी गई। उनका बलिदान गया सेंट्रल जेल की पहली और आखिरी फाँसी मानी जाती है। बैकुंठ शुक्ला का जीवन साहस, देशभक्ति और बलिदान की मिसाल है, जिन्होंने अपने युवा जीवन को मातृभूमि के नाम कर दिया।
उनकी जयंती पर विनम्र श्रदांजलि। 🙏🏽
~ बिहार फाउंडेशन