25/02/2025
एक यात्रा ऐसी भी...
कुछ दिन पहले एक यात्रा के दौरान कुछ ऐसे लोगों से मुलाकात हुई जो बोल नहीं पाते थे, लेकिन ऐसा प्रतीत हुआ कि उनके बात करने का तरीका हम लोगों से काफी सही और संतुलित है। हलांकि, ये भी समझ आया कि बेजुबान की जिंदगी कैसी होती है। वे कोई 5 लोग थे जिसमें से एक छोटा बच्चा भी था और उन चार लड़कों के अलावा एक महिला भी थी। जब भी उस छोटे लड़के को कुछ चाहिए होता था तो वो कभी किसी लड़के को कोहनी मारता... या उस महिला का बैग खींचता। वे इशारों-इशारों में कुछ बात कर रहे थे... और ये बात शायद इस चीज को लेकर की थी कि उतरना कहां है यानी उनके गंतव्य को लेकर। ये चर्चा काफी लंबी चली थी और हर व्यक्ति उन्हीं की तरफ देख रहा था... वे खड़े थे और लोगों ने उन्हें सीट भी दी, लेकिन वे नहीं बैठे। वे खड़े रहे और अपनी बातें करते रहे। उस वक्त समझ आया कि हम जो बोल पाते हैं ये कितनी बड़ी बात है क्योंकि ये पता होना कि हम जिंदगी भर कभी नहीं बोल पाएंगे ये आपको झकझोर सकता है...