14/11/2025
अलीगढ़ के महानगर के क्वार्सी क्षेत्र की शिवाजीपुरम कालोनी में रविवार दोपहर गैस गीजर चलाकर बाथरूम में नहाते समय 6वीं की छात्रा मानवी सिंह (12) की दम घुटने से मौ£त हो गई। शनिवार को मानवी का जन्मदिन था। इस अवसर पर घर में पार्टी हुई थी। मगर रविवार दोपहर अचानक हुई इस दुर्घ*टना ने परिवार में कोहराम मचा दिया।मूल रूप से ऊतरा बरला के देवेंद्र सिंह सेना में सेवारत हैं। वर्तमान में जेसलमेर में उनकी तैनाती है। परिवार स्वर्ण जयंती नगर से सटी शिवाजीपुरम कालोनी में रहता है। उनकी पत्नी नीतू सिंह हाथरस के सासनी में बेसिक स्कूल में शिक्षिका हैं। दंपती पर 12 वर्षीय बेटी मानवी के अलावा छोटा बेटा आरव है। मानवी ओएलएफ स्कूल की छात्रा थी। देवेंद्र सिंह के भतीजे आयुष के अनुसार रविवार को अवकाश के चलते मानवी, आरव व उनकी मां घर पर ही थे। तभी करीब 11:30 बजे मानवी बाथरूम में नहाने गई। मगर 12:30 बजे तक बाहर नहीं आई। इसी बीच किसी जरूरत पर नीतू सिंह ने घर में पिलंबर बुलाया था। वह आ गया। पिलंबर के आने पर उनका ध्यान गया कि अभी तक मानवी बाथरूम से नहीं आई। इस पर पहले उसे आवाज लगाई गई। जब कोई जवाब नहीं आया तो पिलंबर की मदद से बाथरूम का दरवाजा तोड़ा, तब मानवी बाथरूम में बेसुध अवस्था में पड़ी मिली। इस पर आनन फानन परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए। मगर उसे देखते ही मृ*त घोषित कर दिया। आयुष के अनुसार चिकित्सकों ने बाथरूम में गैस गीजर के विषय में पूछा, तब उन्हें बताया कि गैस गीजर लगा है। उसे चलाकर नहा रही थी। तब चिकित्सकों ने उसमें दम घुटने से मृत्£यु होना बताया। इसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। खबर पर तमाम परिजन, पड़ोसी एकत्रित हो गए। देर शाम जेसलमेर से देवेंद्र सिंह भी यहां पहुंच गए थे। शव के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। इधर, ओएलएफ की प्रधानाचार्या ने मानवी की मृत्£यु की खबर पर सोमवार को स्कूल में शोकावकाश घोषित कर दिया है।जिस घर में शनिवार को बेटी के जन्मदिन पर खुशियों का माहौल था। उसी घर में रविवार को उसी बेटी की मृत्£यु ने कोहराम मचा दिया। मानवी का शनिवार को जन्मदिन था। हालांकि उसके पापा को बेटी के जन्मदिन पर आना था। मगर अवकाश की समस्या के चलते वे नहीं आ पाए। घर में छोटी सी पार्टी रखी गई। जिसमें गांव के आकर परिवार के सदस्य शामिल हुए। शाम को केक का;टा गया। इसके बाद शाम को खुद देवेंद्र ने अपनी बेटी से बात कर उसे बर्थडे विश किया। इसके अलावा दिन भर किस तरह बर्थडे मनाया। इस पर भी खूब सारी बातें हुईं। पापा ने खुद अपने यहां न होने का अफसोस भी जताया था।देवेंद्र का परिवार अब से पहले तक किराये पर रहता था। चूंकि उनकी पत्नी शिक्षिका हैं। बेटी बेटा की शहर के स्कूल में पढ़ाई चल रही थी।इसलिए उन्होंने शिवाजी पुरम में नया मकान बनाया। जिसमें उन्होंने दशहरा पर गृह प्रवेश किया। तब वे यहां आए थे।