Vishwa Samvad Kendra Kanpur

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10/07/2025

गुरु पूर्णिमा - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भगवा ध्वज

#गुरुपूर्णिमा #भगवाध्वज #आरएसएस

09 जुलाई की हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ शामिल नहीं होगा। भारत के कुछ ट्रेड यूनियन ने 09 जुलाई 2025 को लेबर कोड को लेकर द...
08/07/2025

09 जुलाई की हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ शामिल नहीं होगा।

भारत के कुछ ट्रेड यूनियन ने 09 जुलाई 2025 को लेबर कोड को लेकर देशव्यापी हड़ताल करने का निर्णय लिया है, भारतीय मजदूर संघ इस हड़ताल में शामिल नहीं है।

भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय महामंत्री रविंद्र हिमते ने कहा कि भारत सरकार ने देश में प्रभावी 29 श्रम कानून के स्थान पर 04 नए लेबर कोड का निर्माण वर्ष 2019 एवं 2020 के दौरान किया है। जिसके अंतर्गत 29 श्रम कानून को चार नवीन श्रम कोड में सम्मिलित कर नामकरण किया है…

कोड ऑन वेजेस 2019,

कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020,

ऑक्यूपेशनल सेफ्टी हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड 2020,

इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड 2020

भारतीय मजदूर संघ ने दो लेबर कोड, कोड ऑन वेजेस 2019 और कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020 का स्वागत किया है। कोड ऑन वेजेस 2019 तथा कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020, ऐतिहासिक कोड हैं, जिसमें पहली बार केंद्र सरकार के स्तर पर फ्लोर वेज तय करने तथा राज्य सरकारों को इसके बराबर या इससे अधिक न्यूनतम वेतन राज्यों में तय करने का अधिकार दिया गया है। इस कोड के तहत न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी प्रत्येक 5 साल में हो सकेगी। पहले अधिसूचित रोजगार में कार्यरत मजदूर ही केवल न्यूनतम वेतन का हकदार होता था, अब इसमें बदल किया गया है तथा कोई भी मजदूर जो 8 घंटे कार्य करेगा, वह न्यूनतम वेतन पाने का हकदार होगा।

इसी प्रकार कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020, के तहत गीग एवं प्लेटफार्म कर्मी के लिए पहली बार सोशल सिक्योरिटी का प्रावधान किया गया है। संस्थान द्वारा निर्धारित राशि का कंट्रीब्यूशन ESIC में जमा नहीं करने पर ईएसआईसी अस्पताल में बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में श्रमिक का इलाज नहीं किया जाता था। अब नए कोड के तहत, यदि संस्थान द्वारा निर्धारित कंट्रीब्यूशन की राशि ईएसआईसी के पास जमा नहीं भी की जाती है, तो भी श्रमिक बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में संपूर्ण इलाज का पात्र होगा।

उन्होंने कहा कि उपरोक्त कारणों से, भारतीय मजदूर संघ ने उपरोक्त दो लेबर कोर्ट का स्वागत किया है तथा शेष दो लेबर कोड, कोड ऑन आईआर 2020 तथा ऑक्यूपेशनल सेफ्टी हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड 2020 में सभी स्टेक होल्डर से चर्चा करते हुए आवश्यक संशोधन करने का सुझाव सरकार को दिया है।

विगत दिनों में सरकार ने अलग-अलग ट्रेड यूनियन एवं मालिकों के साथ चर्चा भी की है, किंतु यह पर्याप्त नहीं है। इस विषय में सरकार को अधिक गंभीर होकर गहन स्तर पर अति शीघ्र सभी पक्षों से चर्चा संपन्न कर कोड्स में संशोधन करने की आवश्यकता है। कुछ ट्रेड यूनियन इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहती हैं। और इस कारण श्रमिकों को गुमराह करते हुए 9 जुलाई 2025 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। 9 जुलाई 2025 की राष्ट्र व्यापी हड़ताल विशुद्ध रूप से राजनीति से प्रेरित है।

भारतीय मजदूर संघ हड़ताल का समर्थन नहीं करता है तथा अपनी यूनियनों का आह्वान करता है कि हमें ऐसी किसी भी हड़ताल में शामिल नहीं होना चाहिए। भारतीय मजदूर संघ सरकार से भी आह्वान करता है कि भारत सरकार कोड ऑन आई आर 2020, तथा ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ कोड 2020 में संशोधन का कार्य शीघ्र पूर्ण करे।

#भारतीयमजदूरसंघ

07/07/2025

संघ शताब्दी वर्ष के निमित्त पंच परिवर्तन मुख्य विषय हैं जिन्हें समाज के साथ मिलकर आगे ले जाना है - मान. श्री सुनील आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, रा. स्व. संघ

#आरएसएस

शताब्दी वर्ष में हर गांव, हर घर तक पहुंचेगा संघदेशभर में 58964 मंडल, 44055 बस्तियों में आयोजित होंगे हिन्दू सम्मेलनकेशव ...
07/07/2025

शताब्दी वर्ष में हर गांव, हर घर तक पहुंचेगा संघ

देशभर में 58964 मंडल, 44055 बस्तियों में आयोजित होंगे हिन्दू सम्मेलन

केशव कुंज दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक (04, 05, 06 जुलाई 2025) रविवार को संपन्न हुई। आज केशव कुंज में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर जी ने बैठक के संबंध में जानकारी प्रदान की। बैठक में पूजनीय सरसंघचालक जी, माननीय सरकार्यवाह जी का मार्गदर्शन सभी कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुआ।

सुनील आंबेकर जी ने बताया कि प्रांत प्रचारक बैठक में शताब्दी वर्ष की योजना को लेकर चर्चा हुई। शताब्दी वर्ष के दौरान समाज के सभी वर्गों की सहभागिता से ग्रामीण क्षेत्रों में मंडल और शहरी क्षेत्रों में बस्ती स्तर पर हिन्दू सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। वर्तमान में देश में संघ रचना से 58964 मंडल, 44055 बस्तियां हैं। हिन्दू सम्मेलनों में समाज के उत्सवों, सामाजिक एकता व सद्भाव, पंच परिवर्तन के विषयों पर चर्चा होगी। इसी प्रकार समाज में सद्भाव-समरसता को बढ़ावा देने के लिए 11360 खंडों/नगरों में सामाजिक सद्भाव बैठकों का आयोजन होगा। संघ रचना के अनुसार देश के 924 जिलों में प्रमुख नागरिक गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। समूह, व्यवसाय, वर्ग के अनुसार गोष्ठियों में भारत के विचार, भारत के गौरव, भारत के स्व आदि विषयों पर चर्चा होगी।

उन्होंने कहा कि वृहद गृह संपर्क अभियान के तहत हर गांव, हर बस्ती के अधिकतम घरों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। शताब्दी वर्ष के सारे कार्यक्रमों का उद्देश्य व्यापक आउटरीच है, भौगोलिक, सामाजिक दृष्टि से समाज के सभी लोगों तक जाना और सभी कार्यों में उनकी सहभागिता हो। यह अभियान एक तरह से सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी होगा। विजयादशमी उत्सव से शताब्दी वर्ष का शुभारंभ होगा। देशभर में आयोजित विजयादशमी उत्सवों में सभी स्वयंसेवक शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि देश आगे बढ़ रहा है, आर्थिक व तकनीकी प्रगति कर रहा है। लेकिन केवल आर्थिक या तकनीकी दृष्टि से आगे बढ़ना पर्याप्त नहीं है। हमारे समाज की विशेषताएं, राष्ट्र के अपने विशेष गुणों के साथ ही समाज के सभी लोगों की चिंता करना, पर्यावरण की चिंता करना, परिवार में जीवन मूल्यों की रक्षा करना, सामाजिक जीवन में आपसी सद्भाव बना रहे, पंच परिवर्तन के इन विषयों को समाज तक लेकर जाएंगे। इस संदेश को शताब्दी वर्ष के सारे कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में ले जाएंगे। इसके बारे में समाज सोचता है और उसमें सहभागी होता है तो हमारी यह प्रगति एकतरफा नहीं होगी और वह सर्वसमावेशी होगी, सबको साथ लेकर आगे बढ़ेगी।

उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय प्रांत प्रचारक बैठक में संघ कार्य विस्तार, शताब्दी वर्ष योजना, विभिन्न प्रांतों में चल रहे कार्य, अनुभव व प्रयासों को लेकर चर्चा हुई। साथ ही समाज जीवन के विभिन्न समसामयिक विषयों के संदर्भ में भी चर्चा हुई। बैठक में मणिपुर की वर्तमान स्थिति, स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे कार्य और सामाजिक सद्भाव के लिए किए जा रहे प्रयासों के संबंध में भी चर्चा हुई। स्वयंसेवकों के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं, स्वयंसेवक दोनों पक्षों से बात कर रहे हैं। सीमावर्ती प्रांतों से आए कार्यकर्ताओं ने वहां कार्य की स्थिति व अनुभवों के बारे में बताया। संघ कार्यकर्ता समाज के साथ मिलकर स्थानीय लोगों को संगठित करने व उनकी कठिनाइयों को दूर करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।

प्रशिक्षण वर्ग

सुनील जी ने बताया कि अप्रैल से जून तक देश भर में 100 प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन किया गया। 40 वर्ष से कम आयु वर्ग के स्वयंसेवकों के लिए आयोजित 75 वर्गों में 17609 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसी प्रकार 40 से 60 वर्ष की आयु के लिए आयोजित 25 वर्गों में 4270 शिक्षार्थियों ने भाग लिया। इन प्रशिक्षण वर्गों में देश के 8812 स्थानों से स्वयंसेवकों की सहभागिता रही।

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि लालच, जबरदस्ती, मजबूरी का लाभ उठाकर, और षड्यंत्र करके कन्वर्जन करना गलत है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि भारत की सभी भाषाएं राष्ट्र भाषाएं हैं, और संघ का मानना है कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए।

इस अवसर पर दिल्ली प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल जी, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख द्वय नरेंद्र ठाकुर जी और प्रदीप जोशी जी उपस्थित रहे।

#आरएसएस

07/07/2025

संघ शताब्दी वर्ष में गृहसंपर्क की योजना बनाई गई है, हर जिले में प्रमुख नागरिक गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा- मान. श्री सुनील आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, रा. स्व. संघ

#आरएसएस

07/07/2025

संघ शताब्दी वर्ष के निमित्त देश भर में हिन्दू सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा- मान. श्री सुनील आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, रा. स्व. संघ

#आरएसएस

07/07/2025

मणिपुर में अतिशीघ्र सद्भाव और शांति स्थापित हो, इसको लेकर स्वयंसेवकों ने प्रयास किया है – मान. श्री सुनील आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, रा. स्व. संघ

#आरएसएस

03/07/2025

बैठक में प्रशिक्षण वर्गों की समीक्षा होगी और उसके अनुभव का आदान-प्रदान होगा- मान. श्री सुनील आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, रा. स्व. संघ

#आरएसएस

03/07/2025

संघ के सभी 6 सह सरकार्यवाह और लगभन 32 विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बैठक में हिस्सा लेंगे- मान. श्री सुनील आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, रा. स्व. संघ

#आरएसएस

03/07/2025

अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक 04, 05 और 06 जुलाई को केशव कुंज झंडेवाला-दिल्ली में आयोजित हो रही है- मान. श्री सुनील आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, रा. स्व. संघ

#आरएसएस

03/07/2025

प्रेस ब्रीफिंग -

अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक (04, 05, 06 जुलाई)

केशव कुंज, झंडेवालान, दिल्ली

30/06/2025

कैसे 42वें संशोधन ने बदली संविधान की आत्मा?

भारत का संविधान केवल कानून की किताब नहीं, बल्कि सभ्यता, संस्कृति और स्वतंत्र चेतना का संहिताबद्ध दस्तावेज़ है।

लेकिन क्या होगा जब इस संविधान की आत्मा – प्रस्तावना – में राजनीतिक कारणों से हस्तक्षेप किया जाए?

कुछ ऐसा ही इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान 1976 में किया था।

पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर जी ने उन 10 बिंदुओं पर प्रकाश डाला है, जब बाबा साहेब के संविधान के साथ सत्ता के लोभ में छेड़छाड़ की गई और सेक्युलर व समाजवादी शब्द को संविधान से जोड़ा गया।

इस रिपोर्ट में जानिए आपातकाल की सच्चाई: कैसे 42वें संशोधन ने बदली संविधान की आत्मा?

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