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03/09/2025

खड़गे का यह कहना मोदी सरकार छह महीने की मेहमान है इसे हल्के में लेने की जरूरत नहीं है
पहले अमेरिका ने चाहा भारत से डील करना मोदी ने मना कर दिया क्या था उस डील में
कृषि और डेयरी प्रोडक्ट को लेकर
अगर ये समझौता हो जाए तो क्या होगा
भारत में अमेरिकन दूध 15 से 25 रूपये में बिकेगा जिसकी न्यूनतम लागत ही पचास से साठ रुपए आती है भारत में अब वो कहा टिकेगा
इसी तरह अमेरिकन अनाज सस्ते दाम में बिकेगा
परिणाम क्या होगा यहां के किसान का क्या होगा
उनके खेत पशु सब बिक जाएंगे
और वो कल को अपने ही खेत में मजदूर बन कर रह जाएंगे और समाप्त हो जाएंगे
तब ये ही अमेरिकन प्रोडक्ट मनमाने दाम बिकेंगे
मोदी आसानी से इस देश के भोले भाले लोगों को कैसे इतने बड़े खतरे में डाल सकते है
इसलिए उन्होंने कमर कस लिया है बड़े से बड़ा खतरा उठाने के लिए
अब शत्रु चाहेगा मोदी की जगह कोई दूसरा आए और पैसा ले और देश का सौदा कर ले
लेकिन मोदी जी साथ राष्ट्रवादी लोगों की जो सेना है वो इतनी आसानी से अपने पिछड़े और दलित और निर्धन और मध्यमवर्ग के अधिकार को खाने नहीं देगी चाहे कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़े

चार दिन से ये अमरीकी विमान भारत मे खड़ा है कारण जानोगे तो आनन्द आएगा।रॉयल नेवी का मेड-इन-अमेरिका अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर...
22/06/2025

चार दिन से ये अमरीकी विमान भारत मे खड़ा है कारण जानोगे तो आनन्द आएगा।रॉयल नेवी का मेड-इन-अमेरिका अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर जेट F-35B पिछले तीन दिनों से भारत में खड़ा है, और वो भी किसी स्वागत समारोह के लिए नहीं, बल्कि अपनी “मजबूरी” में।

पहले बहाना दिया गया – “फ्यूल खत्म हो गया था।”
फिर सुर बदला गया – “हाइड्रोलिक सिस्टम फेल हो गया।”
पर अब जो अंदर की खबरें छन कर आ रही हैं, उन्होंने अमेरिकी मिलिट्री कॉम्प्लेक्स और उसकी तकनीकी श्रेष्ठता के दावों की हवा निकाल दी है।

असली कारण क्या है?

भारतीय एयर डिफेंस रडार ने F-35B को जैसे ही भारतीय वायुसीमा में एंटर करते देखा, वैसे ही उसे "ट्रैक और लॉक" कर दिया गया। अब यह लॉक इतना सटीक और अचूक है कि न तो पायलट सिस्टम को बायपास कर पा रहा है, न ही अमेरिकी इंजीनियर इसे अनलॉक कर पा रहे हैं।
तीन दिन से अमेरिकी और ब्रिटिश टेक्निकल टीमें चाय पी-पीकर और कोड डाल-डालकर पसीना बहा रही हैं, लेकिन F-35B है कि टेक-ऑफ की हालत में ही नहीं आ रहा।

जिस फाइटर जेट को अमेरिका 5वीं पीढ़ी का सबसे घातक, सबसे एडवांस और दुनिया का ‘game-changer’ बताता रहा है – वही अब भारत की जमीन पर लाचार खड़ा है, जैसे कोई ठस्स VIP जिसकी कार स्टार्ट ही नहीं हो रही।
भारत ने कोई इंटरसेप्टर मिसाइल नहीं दागी, कोई इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग नहीं किया – केवल भारतीय रडार" ने इसे पकड़ लिया और ऐसा लॉक मारा है कि तब से ये उड़ नहीं पा रहा!

F-35B सिर्फ एक युद्धक विमान नहीं है, बल्कि अमेरिका की सैन्य साख का प्रतीक है। अब वही प्रतीक भारत के एयर डिफेंस सिस्टम के सामने फुस्स खड़ा है", और यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत अब कोई विकासशील, निरीह राष्ट्र नहीं – बल्कि आधुनिक तकनीक और आत्मनिर्भरता के मार्ग पर दुनिया की महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
साभार ....

लाहौर मे 1938 मे इस गली मे हवेलीया बनवाने वाले हिन्दूओ को क्या पता था कि 9 वर्ष बाद ही 1947 यहां से सब कुछ छोडकर भागना प...
19/05/2025

लाहौर मे 1938 मे इस गली मे हवेलीया बनवाने वाले हिन्दूओ को क्या पता था कि 9 वर्ष बाद ही 1947 यहां से सब कुछ छोडकर भागना पडेगा..?? लाहौर एक दास्तां है जो हिन्दुओ को यह बताती है कि पैसा कमा लेना सबकुछ नही है।

श्री राम के पुत्र लव द्वारा बसाया गया शहर लाहौर। महाराज रणजीत सिंह के समय लाहौर में वाराणसी से ज्यादा मंदिर और गुरुद्वारे थे। बंटवारे तक व्यापार में अग्रवालों, जाटो और सिखों का डंका बजता था।

मगर इन मूर्खो ने सदैव छद्म धर्मनिरपेक्षता बनाये रखी, लाहौर में म्लेच्छ मुसलमानो को अपने यहाँ काम पर रखते गए। उन्ही म्लेच्छ मुसलमानो ने बहुसंख्यक होकर अग्रवालों और सिखों को घसीट घसीट कर मारा। ऊंची ऊंची शेखावटी हवेलियां और सरदारों के महल जेहादियो ने कब्जा लिए।

भारत में लाहौर पेशावर मुल्तान ढाका गुजरांवाला मीरपुरखास में बड़ी-बड़ी हवेलिया और बड़ी-बड़ी कोठियां रखने वाले हिंदुओं और सिखों को भी रातों-रात अपना सब कुछ छोड़ कर भागना पड़ा था। हिन्दुओं को रातों रात कराची लाहोर कश्मीर बलोच कांधार छोड़ना पड़ा। हिन्दू वाल्मिकी मेगवार समाज के जो लाहौर रुक गए वे मिटा दिये गये, उनकी बहू बेटियां उठा ली गई या उनका जबरन म्लेच्छ से निकाह करा दिया गया।

यह कोरी कल्पना है उनके बता दीजिएगा कि नब्बे के दशक में कश्मीर घाटी से जब कश्मीरी हिंदू अपना सब कुछ छोड़ कर आए? भारत सरकार पूरा संविधान पूरी सेना पूरी सरकारी मशीनरी होते हुए भी एक भी कश्मीरी हिंदू को घाटी में सुरक्षा नहीं दे पाई। पुलिस थी, सेना भी थी, संविधान था, कोर्ट भी था।

हम गाते रह गए - “हस्ती” मिटती नहीं हमारी,,,
और...वो मिटा रहे, हर रोज एक नई “बस्ती” हमारी,,,

जिनको धर्म प्यारा था,उनके 56 देश बन गए । और जिनको देश प्यारा था,उनके देश के छींन-भिन्न होकर टुकड़े हो गए।।

धर्म रहेगा तो हमारी यशोगाथा की कथा कही जाती रहेगी
धर्म नहीं रहा तो हमारी विरासत खंडहर बनकर ढह जाएगी...

जर जोरू जमीन सब यही धारा रह जाएगा .. उसे कोई और भोगेगा जेसे लाहौर का व्यापार, कराची के कारखाने, बांगलादेश का jute उद्योग सब मोमिन के हाथों चला गया...

धर्म है तो ही देश भी है।

समय के साथ ही एक एक बात का पता चलता हैहम जाने बिना समझे बिना भावनाओं में बहकर बोल देते है कुछ भी, लेकिन हकीकत जब समझ में...
12/05/2025

समय के साथ ही एक एक बात का पता चलता है
हम जाने बिना समझे बिना भावनाओं में बहकर बोल देते है कुछ भी, लेकिन हकीकत जब समझ में आती है तो PMO India का निर्णय सही लगता है

पाकिस्तान के परमाणु संस्थान पर भारत के हमले का सबूत आ चुका है👍
N111SZ एक Beechcraft Super King Air 350 है, जो US अमेरिका एनर्जी डिपार्टमेंट के स्वामित्व में है,
वो अभी रेडिएशन लीक चैक करने पाकिस्तान में लैंड हुआ है। भारतीय स्ट्राइक में जो न्यूक्लियर आर्सेनल पर डेंट लगा है उस से कितना नुक़सान हुआ है इसका पता लगाने।

PAF के बेस भोलारी पर भारत ने ब्रह्मोस दागा था। यहीं पर SAAB 2000 AWACs नष्ट हुआ है। फोटो में इस परमाणु बेस की हालत देख लो। क्या दुनिया अब झूठ बोल रही है?

मोदी को गाली देने वाले किसी ने भी इस गंभीर घटना की चर्चा तक कल से नहीं की,
ध्यान रहे, पाकिस्तान के न्यूक्लियर आर्सेनल के क्षतिग्रस्त होने के बाद भी भारत पर विश्व के किसी भी देश ने टीका टिप्पणी का साहस नहीं दिखाया है। 822 साल वाली गलती यह नहीं दोहराएंगे।

भारत की सरकार इन दो के इरादों पर कभी शक मत करना।

पाकिस्तान में न्यूक्लीयर रेडिएशन का खतरा, जांच के लिए रावलपिंडी पहुंचा अमेरिका दस्ता.
भारत ने मुशफ एयरबेस (सरगोधा) किराना पहाड़ीयों में परमाणु हथियार भंडारण सुविधा के सुरंग प्रवेश द्वार पर ब्रह्मोस मिसाइल से हमला किया था
शायद इसीलिए दोनों देशों की फटी ओर सीजफायर के लिए राजी हो गए 🫡

10/12/2024

यूपीए -2 के समय "फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया" (FCI) का एक प्रोग्राम आया था। हर जिले में PPP मॉडल पर वेयरहाउस खड़े करने का।

इसके तहत MSP पर खरीदे गए अन्न भंडार रखे गए। बदले में प्रति वर्ग फुट किराया मिला। वेयरहाउस खड़े करने में सरकार ने 50%सब्सिडी अलग से दी। करोड़ों का काले को सफेद करने का भी खेल हुआ। इसमें पंजाब और हरियाणा के राजनेता बाजी मार ले गए। यूपी के भी बड़े किसान और राजनेता भी जैसे-तैसे रुपए में दो-चार पैसे झटक ही ले गए। या फिर पार्टनर बन गए। सिंडिकेट के हिस्से।

खैर, अब यदि एमएसपी पर अन्न की खरीद कम होगी तो उधर वेयरहाउस का किराया भी तो कम होगा। हो सकता है, कल खाली वेयरहाउस में चूहे भी ना कूदे। इस बिंदु पर "मंडी परिषद" एफसीआई, नैफेड जैसी संस्थाओं की "असल भूमिका" समझिए।

उत्तर प्रदेश के 36 जिलों में "सुखबीर एग्रो" नाम से वेयरहाउसेस हैं। पचास-पचास एकड़ में। यह नाम ही काफी है, एक केंद्रीय मंत्री के इस्तीफे की वजह जानने के लिए। मालिकाना भले अलग दिख रहा हो, लेकिन यह एक "सिंडिकेट" है।

धंधे पर चोट ऐसे ही नहीं पड़ी। सुखबीर एग्रो के पास धान की भूसी से बिजली बनाने के प्लांट भी हैं। अब बिजली तैयार करने के लिए धान कहां से आएगा ?

मंडी कथा बहुत सारगर्भित/तिलस्मी कथा है। मोदी जब "बिचौलियों" का जिक्र करते हैं तो उनके निशाने पर छोटे आढ़त नहीं, विकराल मगरमच्छ हैं। जिन्होंने आढ़तियों को भी महज "मामूली टूल" बनाकर रख दिया है।

मोदी की मारक शक्ति अत्यंत मानवीय और लोककल्याणकारी है। तस्वीर को इतना छोटा समझने की भूल कतई ना करें।

☺️☺️☺️☺️

15/11/2024
06/11/2024

ट्रंप की जीत में अमेरिका के
वो उखड गए जो मोदी को
उखाड़ना चाहते थे -
राहुल गांधी का एक और
सहारा टूट गया -
अब डोनाल्ड लू का बैंड
बजना चाहिए -

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत करिश्मा है क्योंकि भारत की तरह वहां भी एक नरेटिव गढ़ा गया था ट्रंप के खिलाफ कि वो संविधान को ख़त्म कर देगा और वो अगर जीत गया तो फिर कभी चुनाव नहीं होंगे, वो तानाशाह बन जाएगा - एक और प्रचार किया गया था कि ट्रंप की हार निश्चित है और कमला हैर्रिस की जीत पक्की है - सब कुछ ढह गया और ट्रंप लगभग सभी Swing States में बाज़ी मार ले गया -

बिडेन प्रशासन ने बांग्लादेश की शेख हसीना को उखाड़ कर मंसूबे बनाए हुए थे भारत में और राहुल गांधी गिरोह प्रचार कर रहा था कि 6 महीने में भारत में भी बांग्लादेश दोहराया जाएगा, मोदी को उखाड़ फेंका जाएगा - जनता मोदी के घर में वैसे ही घुस जाएगी जैसे शेख हसीना के घर में घुसी थी - राहुल गांधी बांग्लादेश में तख्तापलट कर अमेरिकी मक्कारों पर भरोसा किए बैठा था कि वो मोदी को हटाने में उसकी मदद करेंगे और उसके लिए बड़े बड़े अमेरिकी अधिकारियों के साथ गुप्त मंत्रणा कर आया था - George Soros तो मुख्य किरदार था राहुल गांधी के लिए -

बांग्लादेश में सत्ता पलट करने में अमेरिका के डोनाल्ड लू ने बड़ी भूमिका अदा की थी जो विशेषज्ञ है किसी भी चुनी हुई सरकार को गिराने में - वो अमेरिका के Bureau Of South And Central Asian Affairs का Assistant Secretary है और लगता है उसने राहुल गांधी एवं कांग्रेस को पूरा मार्गदर्शन दिया था कि कैसे मोदी को उखाड़ना है लेकिन राहुल गांधी उसके षड़यंत्र को पूरा नहीं कर सका - यानी मोदी को उखाड़ फेंकने की तमन्ना रखने वालों को डोनाल्ड ट्रंप की जीत ने उखाड़ फेंका -

अमेरिका का यह चुनाव नतीजा राहुल गांधी गिरोह जिसमें उसके पाकिस्तानी साथी भी शामिल हैं, के लिए बहुत बड़ा झटका है क्योंकि उनका सबसे बड़ा सहारा टूट कर छिन्न भिन्न हो गया और हो सकता है अब राहुल गांधी की अमेरिकी अधिकारियों से गुप्त बैठकों की जानकारी भी सामने आ जाएं जो उसे संकट में डाल सकती हैं -

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को दिल से बधाई दी है, जाहिर है वो बहुत खुश हैं और ट्रंप की जीत से वैश्विक स्तर पर हर देश में असर पड़ेगा - सबसे बड़ी बात तो ट्रंप ने कही कि वो यूक्रेन को तुरंत सभी मदद बंद कर देगा और इसका मतलब जेलेंस्की घुटनों पर आ जाएगा -

डोनाल्ड ट्रंप से ऐसी उम्मीद की जा सकती है कि वो गुरपतवंत सिंह पन्नू जैसे भारत के wanted आतंकवादी पर लगाम लगाएं - यदि वह ऐसा करते हैं तो कनाडा को भी संदेश जाएगा -

अमेरिका में भारत के एक पत्रकार नरेंद्र जोशी को मैं सुन रहा था आज, वो कह रहे थे कि कमला आए या ट्रंप, भारत के दोनों हाथों में लड्डू हैं क्योंकि भारत के संबंध दोनों के साथ ठीक रहेंगे - मैं उनकी बात से सहमत नहीं हूं - Democrats भारत के साथ सही नहीं कर रहे -

बिडेन प्रशासन में तेजस विमानों के लिए उनकी कंपनी GE ने Engines की supply रोकी हुई है; चुनाव से एक हफ्ता पहले भारत की 19 defence companies को बैन कर दिया जो कुछ हथियार रूस को दे रही थी; भारत पर पूरा दबाव बनाया कि रूस से तेल लेना बंद करे; केजरीवाल के मामले में टांग अड़ा कर भारत के अंदरूनी मामलों में दखल दी और अब भारत में तख्तापलट की साजिश की जा रही थी जिसका प्रमाण है कि अमेरिकी diplomats हमारे लोकसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद हमारे विपक्षी दलों के नेतओं के साथ बेवजह मिलते रहे -

आशा की जानी चाहिए कि MTN (मोदी, ट्रंप, नेतन्याहू) की तिकड़ी नया वर्ल्ड आर्डर स्थापित करने में सफल होगी -

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