
14/05/2023
श्री ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग
नर्मदा नदी के मध्य ओमकार पर्वत पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर हिंदुओं की चरम आस्था का केंद्र है । ओम्कारेश्वर का यह शिव मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक माना जाता है और यहां पर मां नर्मदा स्वयं ॐ के आकार में बहती है नर्मदा के उत्तरी तट पर ओंकार पर्वत पर जो कि एक द्वीप के रूप में ओमकारेश्वर अत्यंत ही पवित्र व सिद्ध स्थान है । हिंदुओं में सभी तीर्थों के दर्शन पश्चात ओंकारेश्वर के दर्शन व पूजन विशेष महत्व है । तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओमकारेश्वर में अर्पित करते हैं, तभी सारे तीर्थ पूर्ण माने जाते हैं अन्यथा वे अधूरे ही माने जाते हैं |
अनेक अन्य मंदिरों के साथ ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग नर्मदा जी के दक्षिणी तट पर विराजमान है , द्वादश ज्योतिर्लिंग में भी उल्लेखित है इसका प्राचीन नाम अमरेश्वर महादेव है संभवत वर्षा ऋतु बाढ़ इत्यादि के समय जब ओम्कारेश्वर पहुंचना संभव ना होता होगा तब इसके दर्शन से ही धर्मावलंबी संतुष्ट होते होंगे |
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकाल मोङ्कारममलेश्वरम्॥1॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥2॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घृष्णेशं च शिवालये॥3॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रात: पठेन्नर:।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥4॥