
06/07/2025
एक बार की बात है, एक छोटा गाँव था जहाँ एक लड़का रहता था – नाम था राजू। राजू बहुत तेज दौड़ता था, पूरे गाँव में उसकी दौड़ की चर्चा थी। हर रविवार को गाँव में दौड़ प्रतियोगिता होती थी, और राजू हमेशा जीत जाता था।
एक दिन, गाँव में एक नया लड़का आया – अमन। वह शहर से आया था और कहता था कि वह बहुत अच्छा धावक है। सब बच्चों ने कहा, “राजू से जीतना आसान नहीं है!” लेकिन अमन ने कहा, “देखते हैं।”
अगले रविवार को दौड़ हुई। गाँव के सभी लोग जमा हो गए। दौड़ शुरू हुई – राजू और अमन दोनों बहुत तेज भागे। लेकिन रास्ते में राजू ने देखा कि एक बूढ़ी अम्मा सड़क पार कर रही थीं और गिर गई थीं।
राजू दौड़ रोककर अम्मा की मदद करने लगा। उधर अमन दौड़ता गया और जीत गया।
लोगों ने अमन की तारीफ की, लेकिन प्रधानजी ने माइक उठाकर कहा,
“आज की असली जीत दौड़ की नहीं, इंसानियत की है। राजू ने जो किया, वही असली विजेता का काम है।”
सबने तालियाँ बजाईं। अमन भी शर्मिंदा हुआ और राजू से माफ़ी माँगी।
सीख:
जीवन की दौड़ में जीतना जरूरी नहीं, इंसानियत दिखाना ज्यादा जरूरी है।