
26/01/2024
26 जनवरी #गणतंत्र_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
#राष्ट्र_ही_सर्वस्व_है।
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ो_रास्व_राष्ट्रमिन्द्रजूतं_तस्य_ते_रातौ_यशस:स्याम। (अथर्ववेद 6/39/2)
हे ईश्वर ! आप हमें परम #ऐश्वर्य सम्पन्न राष्ट्र को प्रदान करें । हम आपके शुभ-दान में सदा यशस्वी होकर रहें ।
हम सदा #मातृभूमि के लिए प्राणों तक की बलि देने को उद्यत रहें –
#उपस्थास्ते अनमीवा अयक्ष्मा अस्मभ्यं सन्तु पृथिवि प्रसूता:।दीर्घं न आयु: प्रतिबुध्यमाना वयं तुभ्यं बलिहृत: स्याम ॥ अथर्ववेद (12/1/62)
हे मातृभूमि ! हम सर्व रोग-रहित और स्वस्थ होकर तेरी #सेवा में सदा उपस्थित रहें । ...
तेरे #अन्दर उत्पन्न और तैयार किए हुए - स्वदेशी #पदार्थ ही हमारे उपयोग में सदा आते रहें । हमारी आयु दीर्घ होवें ...
हम ज्ञान- #सम्पन्न होकर - आवश्यकता पड़ने पर तेरे लिए प्राणों तक की बलि को लाने वाले हों ।
यह #मातृभूमि कोई मिट्टी का टुकड़ा नहीं अपितु हमारी मां है...
*"माता भूमि: पुत्रोहं पृथिव्या:"*
और इस राष्ट्र की उन्नति के लिए हम सदा उद्द्यत रहें ...यही सच्ची #राष्ट्रभक्ति होगी...
यह #तंत्र वास्तविक अर्थों में गण/प्रजा का तन्त्र बने।
यह राष्ट्र सदा के लिए #अखण्ड सुरक्षित बना रहे,
इसके लिए हम सब मिलकर तन-मन-धन ओर जीवन भी अर्पण करने वाले बनें।
आप सभी को #गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।।...
🕉️ राष्ट्रोत्थान हेतु प्रार्थना 🕉️
#ओ३म् आ ब्रह्मन् ब्राह्मणों ब्रह्मवर्चसी #जायतामाराष्ट्रे राजन्यः शूरऽइषव्योऽतिव्याधी महारथो जायतां दोग्ध्री #धेनुर्वोढ़ाऽनड्वानाशुः सप्तिः पुरन्धिर्योषा जिष्णू रथेष्ठाः सभेयो युवास्य यजमानस्य वीरो जायतां निकामे-निकामे नः पर्जन्यो वर्षतु फलवत्यो नऽओषधयः पच्यन्तां #योगक्षेमो नः कल्पताम् ॥ -- (यजुर्वेद २२, मन्त्र २२)-
अर्थ--
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ब्रह्मन् ! #स्वराष्ट्र में हों, द्विज ब्रह्म तेजधारी।
क्षत्रिय महारथी हों, अरिदल विनाशकारी।।
होवें दुधारू गौएँ, पशु अश्व आशुवाही।
आधार राष्ट्र की हों, नारी सुभग सदा ही ।।
बलवान सभ्य योद्धा,यजमान पुत्र होवें ।
इच्छानुसार वर्षें, पर्जन्य ताप धोवें ॥
फल-फूल से लदी हों, औषध अमोघ सारी।
हों योग-क्षेमकारी, स्वाधीनता हमारी।।
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