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29/09/2025

नवरात्रि - भक्ति और साधना का अनुपम मेल | Mahatma Harisha Bai Ji | Manav Dharam

29/09/2025

ज़रूर, यह रही रामानंद सागर की "रामायण" (Ramayan) धारावाहिक के आठवें एपिसोड की कहानी। Episode 8
रामायण (1987) - आठवाँ एपिसोड: विवाह की तैयारी और दशरथ का आगमन
यह एपिसोड राम और सीता के विवाह की तैयारियों, राजा दशरथ को निमंत्रण भेजने और अयोध्या से बारात के जनकपुरी पहुँचने पर केंद्रित है।
* मिथिला से संदेश:
धनुष भंग और सीता की वरमाला के बाद, राजा जनक अत्यंत प्रसन्न होते हैं। वह अपने दूतों को अयोध्या भेजते हैं ताकि राजा दशरथ को इस शुभ समाचार की जानकारी दी जा सके और उन्हें विवाह में शामिल होने के लिए सपरिवार मिथिला आने का निमंत्रण दिया जा सके।
* अयोध्या में खुशी:
जब दूत यह शुभ संदेश लेकर अयोध्या पहुँचते हैं, तो पूरी अयोध्या नगरी खुशी से झूम उठती है। राजा दशरथ अपने पुत्र राम की वीरता और विवाह की बात सुनकर फूले नहीं समाते। वह अपने गुरु वशिष्ठ और मंत्रियों से सलाह लेते हैं, और तत्काल मिथिला जाने की तैयारी शुरू कर देते हैं।
* विवाह की बारात (जनवासा):
एक भव्य और शाही बारात (विवाह के लिए आने वाले मेहमानों का समूह) तैयार की जाती है। राजा दशरथ, तीनों रानियाँ, गुरु वशिष्ठ, भरत, शत्रुघ्न और अन्य दरबारी तथा सैनिक मिथिला की ओर प्रस्थान करते हैं। यह यात्रा बहुत ही शानदार और भव्यता से भरी हुई होती है।
* जनकपुरी में स्वागत:
जब अयोध्या की बारात मिथिला पहुँचती है, तो राजा जनक स्वयं आगे बढ़कर राजा दशरथ और उनकी बारात का भव्य स्वागत करते हैं। दोनों राज्यों के राजा एक-दूसरे से मिलकर बहुत प्रसन्न होते हैं। बारात के लिए विशेष स्थान पर ठहरने की व्यवस्था की जाती है, जिसे जनवासा कहते हैं।
* विवाह निश्चित होना:
इसके बाद, दोनों राज्यों के गुरु (विश्वामित्र, वशिष्ठ और शतानंद) और राजा मिलकर विवाह की औपचारिक बातें तय करते हैं। विवाह की तिथि और मुहूर्त निश्चित किया जाता है। साथ ही, यह तय होता है कि राम का विवाह सीता से होगा और शेष तीन भाइयों का विवाह सीता की बहनों तथा चचेरी बहनों से होगा।
यह एपिसोड दो महान परिवारों के मिलन, उत्सव के माहौल और आगे के भव्य विवाह समारोह की नींव रखता है।

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29/09/2025

Aaj Mere Satguru Ghar Aye | आज मेरे सतगुरु घर आए | Hindi Bhajan | Hansvani

जो मनुष्य इस परम पवित्र परमात्मा के ज्ञान प्राप्त करकें साधन में लग जाता है वह इंद्रियों और मन को काबु में करके तत्काल ह...
28/09/2025

जो मनुष्य इस परम पवित्र परमात्मा के ज्ञान प्राप्त करकें साधन में लग जाता है वह इंद्रियों और मन को काबु में करके तत्काल ही परम शांति को प्राप्त कर लेता है | पर जिसकी इस ज्ञान में श्रद्धा नही हैं या जिसे इसमें संशय होता है ऐसा संशय युक्त अज्ञानी मनुष्य नाश को प्राप्त होता है | अर्थात मृत्यु रूप संसार चक्र में जन्मता और मरता रहता है | संशय युक्त पुरुष को न यह लोक सुखदायी है और न उसे परलोक में शांति मिलती हैं | वह तो दोनों ओर से ही भ्रष्ट हो जाता है |
🌹🌼शुभ संध्या और जय श्री सच्चिदानंद मित्रों 🌼🌹
🌹🌼नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ मित्रो 🌼🌹

27/09/2025

Swachh Bharat Mission l Sewa Pakhwada l Shri Suyesh Rawat Ji l Manav Dharam












27/09/2025

ज़रूर, यह रही रामानंद सागर की "रामायण" (Ramayan) धारावाहिक के सातवें एपिसोड की कहानी। episode 7
रामायण (1987) - सातवाँ एपिसोड: परशुराम का क्रोध
यह एपिसोड शिव धनुष टूटने के कारण उत्पन्न हुए एक बड़े संघर्ष और तनाव पर केंद्रित है, जिसमें महान क्रोधी ऋषि परशुराम का आगमन होता है।
* परशुराम का आगमन:
शिव धनुष (पिनाक) टूटने की भयंकर आवाज़ सुनकर, भगवान शिव के परम भक्त और महान क्रोधी ऋषि परशुराम वहाँ आ जाते हैं। परशुराम एक हाथ में अपना फरसा (परशु) और दूसरे में अपना धनुष लिए हुए अत्यंत क्रोधित अवस्था में हैं। वे धनुष टूटने की घटना को भगवान शिव का अपमान मानते हैं।
* परशुराम का क्रोध:
परशुराम सभा में आते ही अपनी गर्जना से सबको भयभीत कर देते हैं। वे राजा जनक और उपस्थित सभी राजाओं को फटकारते हैं और पूछते हैं कि उनके आराध्य का धनुष तोड़ने की हिम्मत किसने की। वे धमकी देते हैं कि जिसने भी यह काम किया है, यदि वह सामने नहीं आया तो वे सभी राजाओं को मार डालेंगे।
* लक्ष्मण और परशुराम का संवाद:
परशुराम के अपमानजनक और क्रोधी वचनों को सुनकर लक्ष्मण आगे आते हैं। अपने बड़े भाई राम के प्रति किसी भी तरह के अपमान को वह सहन नहीं कर पाते। लक्ष्मण व्यंग्यपूर्ण और तार्किक भाषा में परशुराम के क्रोध को चुनौती देते हैं। वह कहते हैं कि बचपन में उन्होंने ऐसे कई धनुष तोड़े हैं, लेकिन किसी ने कभी इतना क्रोध नहीं किया। उनका यह व्यंग्य परशुराम के क्रोध को और भड़का देता है, और उनके बीच तीव्र और वाक् युद्ध (शब्दों का युद्ध) शुरू हो जाता है।
* राम द्वारा शांत करना:
जब लक्ष्मण और परशुराम के बीच तनाव अपने चरम पर पहुँच जाता है, तब राम अत्यंत शांत और विनम्रता से आगे आते हैं। राम परशुराम को साष्टांग प्रणाम करते हैं और विनम्रतापूर्वक कहते हैं कि धनुष तोड़ने वाला उनका ही कोई दास होगा। राम की विनम्रता और प्रेमपूर्ण शब्दों से परशुराम का क्रोध धीरे-धीरे शांत होने लगता है।
* परशुराम का संदेह दूर होना:
परशुराम, राम के तेज और अलौकिक प्रभाव को महसूस करते हैं। वे राम से अपने धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने के लिए कहते हैं। जब राम उनके धनुष को भी आसानी से उठा लेते हैं, तो परशुराम को यह ज्ञान होता है कि राम कोई साधारण मनुष्य नहीं, बल्कि स्वयं भगवान विष्णु के अवतार हैं। परशुराम अपना क्रोध त्याग कर राम को आशीर्वाद देते हैं और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएँ देते हुए वहाँ से चले जाते हैं।
इस एपिसोड के साथ, राम और सीता के विवाह का मार्ग पूरी तरह खुल जाता है, और विवाह की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।


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26/09/2025

ज़रूर, यह रही रामानंद सागर की "रामायण" (Ramayan) धारावाहिक के छठे एपिसोड की कहानी। Episode 6
रामायण (1987) - छठा एपिसोड: धनुष भंग
यह एपिसोड रामायण के सबसे महत्वपूर्ण और प्रतीकात्मक दृश्यों में से एक, धनुष यज्ञ और धनुष भंग (शिव धनुष का टूटना) पर केंद्रित है।
* धनुष यज्ञ का आरंभ:
एपिसोड की शुरुआत भव्य धनुष यज्ञ सभा से होती है। राजा जनक ने सभा में उपस्थित सभी राजाओं और राजकुमारों का परिचय कराया। राजा जनक अपनी प्रतिज्ञा दोहराते हैं कि जो कोई भी भगवान शिव का विशाल धनुष, जिसे पिनाक कहते हैं, उठाकर उसकी प्रत्यंचा चढ़ा देगा, उसी के साथ उनकी पुत्री सीता का विवाह होगा।
* राजाओं का प्रयास:
एक के बाद एक, दूर-दूर से आए शक्तिशाली और अहंकारी राजा तथा राजकुमार धनुष को उठाने का प्रयास करते हैं। लेकिन वे अपनी पूरी शक्ति लगाने के बावजूद धनुष को हिला तक नहीं पाते। धनुष अपनी जगह से टस से मस नहीं होता। सभी राजा हार मानकर बैठ जाते हैं और उनका सिर शर्म से झुक जाता है।
* जनक का दुख:
राजा जनक इस असफलता से बहुत दुखी होते हैं। उन्हें लगता है कि शायद पृथ्वी अब वीरों से विहीन हो गई है और उनकी प्रतिज्ञा पूरी नहीं हो पाएगी। वह भरे हुए मन से कहते हैं, "क्या सचमुच मेरी प्रतिज्ञा पूरी नहीं हो पाएगी? क्या मेरी पुत्री सीता का विवाह किसी से नहीं हो पाएगा?"
* विश्वामित्र की आज्ञा:
जनक के निराशा भरे शब्द सुनकर महर्षि विश्वामित्र खड़े होते हैं। वह राम की ओर देखते हैं और उन्हें धनुष उठाने की आज्ञा देते हैं। राम, गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए, अत्यंत विनम्रता के साथ खड़े होते हैं और शिव धनुष की ओर बढ़ते हैं।
* धनुष भंग और सीता का वरमाला:
राम धनुष के पास जाते हैं और सभी उपस्थित लोगों को आश्चर्यचकित करते हुए, धनुष को बड़ी सहजता से उठा लेते हैं। जब राम उस पर प्रत्यंचा चढ़ाने का प्रयास करते हैं, तो वह भयंकर आवाज़ के साथ बीच से टूट जाता है। धनुष टूटने की आवाज़ तीनों लोकों में गूंज उठती है। पूरी सभा में जय-जयकार होने लगती है। सीता अत्यंत प्रसन्नता के साथ आगे बढ़ती हैं और राम के गले में वरमाला डालती हैं।
इस एपिसोड में राम की अलौकिक शक्ति और विनम्रता, तथा सीता के साथ उनके विवाह की आधारशिला रखी जाती है। इसके साथ ही, अगले एपिसोड के लिए मंच तैयार हो जाता है, क्योंकि धनुष टूटने की आवाज़ सुनकर एक महान क्रोधी ऋषि का आगमन होने वाला है।


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Ramayan Episode 6 Story

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जीव ईश्वर का अंश है, अतः वह अपने अंशी को कैसे भूल सकता है? पर संसार के प्रपंचों में फंसकर वह अपने प्रभु को भूलकर बाहरी ज...
26/09/2025

जीव ईश्वर का अंश है, अतः वह अपने अंशी को कैसे भूल सकता है? पर संसार के प्रपंचों में फंसकर वह अपने प्रभु को भूलकर बाहरी जगत को ही पूरा सच मानकर दुखों के अंतहीन चक्र व्यूह में फंसा हुआ है। संतों के वचनों से मन प्रसन्न होकर रिचार्ज होने लगता है और जीवन के असली सच से रूबरू होने का दुर्लभ संयोग घटित होता है। भूली हुई बातें जीव को जगाने लगती हैं। सतगुरु श्री सतपाल जी महाराज

मनुष्य को ईसाइयो की तरह दयावान,मुसलमानों की तरह बाह्य विधि- निषेघों के प्रति दृढ़ आस्थावान, तथा हिन्दुओं की तरह सब के प्र...
26/09/2025

मनुष्य को ईसाइयो की तरह दयावान,मुसलमानों की तरह बाह्य विधि- निषेघों के प्रति दृढ़ आस्थावान, तथा हिन्दुओं की तरह सब के प्रति उदार एवं दानशील होना चाहिए.
श्री रामकृष्ण परमहंस जी.

26/09/2025

Nagri Ho Ayodhya Si | नगरी हो अयोध्या सी | Hindi Bhajan | Hansvani

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जो मनुष्य इस परम पवित्र परमात्मा के ज्ञान प्राप्त करकें साधन में लग जाता है वह इंद्रियों और मन को काबु में करके तत्काल ह...
25/09/2025

जो मनुष्य इस परम पवित्र परमात्मा के ज्ञान प्राप्त करकें साधन में लग जाता है वह इंद्रियों और मन को काबु में करके तत्काल ही परम शांति को प्राप्त कर लेता है | पर जिसकी इस ज्ञान में श्रद्धा नही हैं या जिसे इसमें संशय होता है ऐसा संशय युक्त अज्ञानी मनुष्य नाश को प्राप्त होता है | अर्थात मृत्यु रूप संसार चक्र में जन्मता और मरता रहता है | संशय युक्त पुरुष को न यह लोक सुखदायी है और न उसे परलोक में शांति मिलती हैं | वह तो दोनों ओर से ही भ्रष्ट हो जाता है |
🌹🌼शुभ संध्या और जय श्री सच्चिदानंद मित्रों 🌼🌹
🌹🌼नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ मित्रो 🌼🌹

25/09/2025

ज़रूर, यह रही रामानंद सागर की "रामायण" (Ramayan) धारावाहिक के पाँचवें एपिसोड की कहानी। episode 5
रामायण (1987) - पाँचवाँ एपिसोड
यह एपिसोड मुख्य रूप से राम और सीता की पहली मुलाकात और राजा जनक के राज्य मिथिला के भव्य उत्सव पर केंद्रित है।
* जनकपुरी का सौंदर्य:
एपिसोड की शुरुआत मिथिला नगरी के सुंदर और समृद्ध चित्रण से होती है। वहां का हर नागरिक शिवजी के धनुष यज्ञ के लिए उत्साहित है। राजा जनक ने घोषणा की है कि जो कोई भी शिव के धनुष को उठा कर उसकी प्रत्यंचा (डोरी) चढ़ा देगा, iउसी के साथ उनकी पुत्री सीता का विवाह होगा।
* राम और सीता की पहली मुलाकात:
सुबह, राम और लक्ष्मण गुरु विश्वामित्र के आदेश से जनकपुरी में एक पुष्प वाटिका (बगीचे) में जाते हैं ताकि वे पूजा के लिए फूल एकत्र कर सकें। उसी समय, सीता भी अपनी सहेलियों के साथ गौरी देवी की पूजा करने के लिए उसी वाटिका में आती हैं। जब राम सीता को देखते हैं, तो वे उनकी सुंदरता और पवित्रता से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। उसी क्षण, सीता की नज़र भी राम पर पड़ती है। उनकी आँखें मिलती हैं, और यह दोनों के लिए एक असाधारण और दिव्य क्षण होता है। उनके मन में एक-दूसरे के प्रति प्रेम का अंकुर फूटता है। सीता गौरी देवी से प्रार्थना करती हैं कि उन्हें पति के रूप में राम ही मिलें।
* जनक का परिचय:
एपिसोड में राजा जनक के चरित्र को भी विस्तार से दिखाया गया है। वह एक ज्ञानी और धर्मपरायण राजा हैं। वह अपने राज्य में विश्वामित्र और दोनों राजकुमारों का स्वागत करते हैं। जनक राम और लक्ष्मण के तेज और विनम्र स्वभाव से बहुत प्रभावित होते हैं। विश्वामित्र उन्हें बताते हैं कि ये दशरथ के पुत्र हैं।
* धनुष यज्ञ की तैयारी:
एपिसोड के अंत में, धनुष यज्ञ की तैयारी शुरू होती है। मिथिला में विभिन्न राज्यों के राजा और राजकुमार शिव के धनुष को तोड़ने की चुनौती में भाग लेने के लिए आते हैं, लेकिन कोई भी उसे उठा भी नहीं पाता।
इस तरह, पाँचवाँ एपिसोड राम और सीता के प्रेम की शुरुआत को दर्शाता है, जो पूरी रामायण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एपिसोड दर्शकों को धनुष यज्ञ के लिए तैयार करता है, जो अगले एपिसोड में होने वाला है

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Ramayan Episode 5 Story

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