
06/02/2022
इस धरती पर जागृत सरस्वती देव लोक को प्रस्थान कर गई प्रथम श्रुति की गर्भनाल जैसे आज टूट गई संगीत आज मौन हो गया लता जी का बिछोह व्यक्तिगत आघात सा है ए मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी भारत की आवाज आदरणीय लता मंगेशकर जी सदैव अमर रहेंगे
देवी को कृतज्ञ प्रणाम नमन वंदन ओम शांति💐