Satya Se Parichay सत्य से परिचय

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ये पेज हिंदू धर्म और संस्कृति के सत्य से आपका परिचय कराने के लिए है, यहां आपको हिन्दू धर्म और संस्कृति से संबंधित पोस्ट मिलेंगे। अतः follow जरूर करें ... धन्यवाद 🙏

हर हर महादेव 💐💐💐The history of     🎉🎉🎉The History of PhotographyPhotography, the art and science of capturing images, ha...
14/07/2025

हर हर महादेव 💐💐💐
The history of 🎉🎉🎉
The History of Photography
Photography, the art and science of capturing images, has evolved dramatically since its inception. Here's a timeline of its key milestones:

1. Early Beginnings
Camera Obscura (5th Century BCE): The concept of projecting an image through a small hole was described by Chinese philosopher Mozi and later by Aristotle. It was used for artistic and scientific purposes but could not record images.

2. First Permanent Photograph (1826)
Joseph Nicéphore Niépce: In 1826, Niépce created the first permanent photograph, View from the Window at Le Gras, using a process called heliography. It required an 8-hour exposure on a pewter plate.

3. The Daguerreotype (1839)
Louis Daguerre: Daguerre introduced the daguerreotype process, which reduced exposure time to minutes and produced detailed, single-image photographs on silver-plated copper.

4. Calotype and Paper Negatives (1841)
William Henry Fox Talbot: Talbot invented the calotype process, which used paper negatives, allowing multiple copies of an image to be made. This was a precursor to modern photography.

5. Wet Plate Collodion Process (1851)
Frederick Scott Archer: The wet plate process improved image quality and reduced exposure times. However, it required photographers to develop images immediately, often in portable darkrooms.

6. Dry Plate Photography (1870s)
Richard Leach Maddox: The invention of dry plates eliminated the need for on-site chemical development, making photography more convenient and portable.

7. The Birth of Modern Photography (1888)
George Eastman and Kodak: Eastman revolutionized photography with the Kodak camera, which used roll film. The slogan "You press the button, we do the rest" made photography accessible to the masses.

8. Color Photography (1907)
Autochrome Lumière: The Lumière brothers introduced the first commercially successful color photography process using dyed grains of starch as filters.

9. Instant Photography (1948)
Polaroid Cameras: Invented by Edwin Land, the Polaroid camera allowed users to develop and print photos instantly, revolutionizing how people captured moments.

10. Digital Photography (1975)
Steven Sasson: The first digital camera was developed by Kodak engineer Steven Sasson. It captured images digitally rather than on film, marking the beginning of the digital era.




#गजाननमहाराज



















#सावनसोमवार




My love Prabhu Sree Ram Lord of Ram 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏🙏🙏🙏

जब सर पे हाथ महादेव का तो चिंता छोड़ दो सब महादेव कर देंगे ....🙏🙏🙏 #सावनसोमवार  #सावनस्पेशल  #सावन  #          The histo...
14/07/2025

जब सर पे हाथ महादेव का तो चिंता छोड़ दो
सब महादेव कर देंगे ....
🙏🙏🙏
#सावनसोमवार #सावनस्पेशल #सावन #


The history of football is a rich tapestry that spans centuries and continents.

The earliest forms of the game can be traced back over 3,000 years to ancient Mesoamerican cultures, where a ball game called Tchatali was played. In China, a game known as cuju, involving kicking a ball, was popular during the Han Dynasty around the 3rd century BCE.

Football as we recognize it today began to take shape in medieval England. By the 12th century, games resembling football were played on meadows and streets, often involving large groups and a mix of kicking and handling the ball. These early versions were quite violent and chaotic compared to modern standards.

The codification of football began in the 19th century in England, where public schools played a crucial role in standardizing the rules. The formation of the Football Association in 1863 marked a significant milestone, establishing the first set of official rules and distinguishing association football from rugby.

The sport’s popularity grew rapidly, and by the late 19th century, it had spread globally, aided by the British Empire. The establishment of professional leagues, such as the English Football League in 1888, further cemented football’s place in popular culture.

Today, football is the world’s most popular sport, with billions of fans and players across the globe. Its evolution from ancient ball games to a global phenomenon highlights its universal appeal and
🙏🙏
























🌿 Sawan Somvar व्रत के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें, चमकेगी फूटी किस्मत 🌿सावन का पावन महीना 11 जुलाई से शुरू हो चुका है...
13/07/2025

🌿 Sawan Somvar व्रत के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें, चमकेगी फूटी किस्मत 🌿

सावन का पावन महीना 11 जुलाई से शुरू हो चुका है और इस माह के सावन सोमवार व्रत का विशेष महत्व होता है।
💠 इस बार पहला सावन सोमवार 14 जुलाई 2025 को है।

📿 इस दिन भगवान महादेव और मां पार्वती की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
अगर आप भी शिव कृपा से किस्मत बदलना चाहते हैं, तो शिवलिंग पर इन विशेष चीजों का अभिषेक ज़रूर करें:

🌸 क्या अर्पित करें शिवलिंग पर?

1️⃣ गन्ने का रस – धन लाभ और दरिद्रता से मुक्ति के लिए।
2️⃣ केसर – मान-सम्मान और यश की प्राप्ति के लिए।
3️⃣ 21 बेलपत्र – सुख-समृद्धि और जीवन की बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए।

📖 इसके साथ-साथ "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें और इन पवित्र मंत्रों का पाठ करें:

🕉️ शिव मंत्र:

1. द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र:

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्...
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे...
सायं प्रातः पठेन्नरः।।

2. महामृत्युंजय मंत्र:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

🔱 शिव की सच्चे मन से भक्ति करें और देखें कैसे बिगड़ी किस्मत चमकती है और असंभव कार्य भी संभव बन जाते हैं।


#सावन_सोमवार






















🕉️ Sawan Shivratri 2025: जानें सही तारीख, मुहूर्त और शुभ योग 🕉️सावन शिवरात्रि का पावन पर्व आ रहा है, जो भगवान शिव और मां...
13/07/2025

🕉️ Sawan Shivratri 2025: जानें सही तारीख, मुहूर्त और शुभ योग 🕉️

सावन शिवरात्रि का पावन पर्व आ रहा है, जो भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति का श्रेष्ठ दिन माना जाता है।
इस दिन भोलेनाथ की आराधना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, और जीवन में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और शांति का वास होता है।

📅 शिवरात्रि तिथि आरंभ:
➤ 23 जुलाई 2025, सुबह 04:39 बजे
📅 शिवरात्रि तिथि समाप्त:
➤ 24 जुलाई 2025, रात 02:28 बजे

🕯️ पूजा का श्रेष्ठ समय (निशिता काल पूजा मुहूर्त):
➡️ रात 12:07 से 12:48 बजे तक (23 जुलाई को)

🔱 शुभ योग:
इस बार हर्षण योग और भद्रावास योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है।
इन शुभ योगों में की गई पूजा से दोगुना पुण्य फल प्राप्त होता है।

🌺 इस दिन करें व्रत, रात्रि जागरण, शिव-पार्वती पूजन, जलाभिषेक, और मंत्र जाप —
"ॐ नमः शिवाय" के साथ महादेव को प्रसन्न करें और पाएं उनका आशीर्वाद।



#सावन_शिवरात्रि
















#शिव_पूजन




🌿 📿 कामिका एकादशी 2025: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और लाभ 🌿सावन का पावन महीना चल रहा है और ऐसे में भगवान विष्णु की प्र...
13/07/2025

🌿 📿 कामिका एकादशी 2025: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और लाभ 🌿

सावन का पावन महीना चल रहा है और ऐसे में भगवान विष्णु की प्रिय तिथि कामिका एकादशी का विशेष महत्व है।
यह एकादशी सावन के कृष्ण पक्ष में आती है और इस दिन लक्ष्मी नारायण की आराधना करने से साधक को सुख, समृद्धि, और पापों से मुक्ति मिलती है।

📅 कामिका एकादशी 2025 की तिथि:
➡️ एकादशी आरंभ: 20 जुलाई 2025, दोपहर 12:12 बजे
➡️ एकादशी समाप्त: 21 जुलाई 2025, सुबह 09:38 बजे
✅ व्रत और पूजा: 21 जुलाई को करें

🔱 इस दिन बन रहा है शुभ "वृद्धि योग" और "ध्रुव योग", जो पुण्य फल को कई गुना बढ़ा देता है।
🌟 माना जाता है कि इस दिन श्रद्धा से भगवान विष्णु का पूजन करने से सभी कष्ट दूर होते हैं, मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में स्थायी शांति मिलती है।

🪔 आइए इस एकादशी पर हम सभी मिलकर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करें और अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर दें।


#कामिका_एकादशी






















Mangala Gauri Vrat 2025: 14 या 15 जुलाई, कब शुरू होगा सावन मंगला गौरी व्रत? जानें डेट, पूजा विधि और लाभसावन मास में मंगल...
13/07/2025

Mangala Gauri Vrat 2025: 14 या 15 जुलाई, कब शुरू होगा सावन मंगला गौरी व्रत? जानें डेट, पूजा विधि और लाभ
सावन मास में मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat 2025) बहुत शुभ माना जाता है। इस व्रत को करने से पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन माता गौरी और भगवान शिव की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।

1-मंगला गौरी व्रत बेहद शुभ माना जाता है।
2-यह मां गोरी को समर्पित है।
3-यह हर साल सावन के महीने में आता है।

सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस पवित्र महीने में जहां सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है, वहीं मंगलवार के दिन माता पार्वती के मंगला गौरी स्वरूप की पूजा का विधान है। मंगला गौरी व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए रखा जाता है।

वहीं, अविवाहित कन्याएं भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं, तो आइए इस दिन (Mangala Gauri Vrat 2025) से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
मंगला गौरी व्रत 2025 कब शुरू होगा? (Mangala Gauri Vrat 2025 Dates)
इस साल सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 15 जुलाई 2025, मंगलवार को रखा जाएगा। वहीं, सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 को समाप्त होगा।

पहला मंगला गौरी व्रत (First Mangal Gauri Vrat 2025) - 15 जुलाई 2025
दूसरा मंगला गौरी व्रत (Second Mangal Gauri Vrat 2025) - 22 जुलाई 2025
तीसरा मंगला गौरी व्रत (Third Mangal Gauri Vrat 2025) - 29 जुलाई 2025
चौथा मंगला गौरी व्रत (Fourth Mangal Gauri Vrat 2025) - 05 अगस्त 2025
पूजा विधि (Mangala Gauri Vrat 2025 Puja Vidhi)
मंगला गौरी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करें।
लाल रंग के कपड़े पहनें।
इसके बाद पूजा और व्रत का संकल्प लें।
एक वेदी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर माता मंगला गौरी और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें।
एक चौमुखी घी का दीपक जलाएं।
माता मंगला गौरी को लाल रंग के वस्त्र, सोलह शृंगार की सामग्री अर्पित करें।
इस व्रत में सभी चीजें 16 की संख्या में अर्पित करना शुभ माना जाता है।
भगवान शिव को धतूरा, बेलपत्र, चंदन, गंगाजल, दूध आदि चढ़ाएं।
मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ करें और "ॐ मंगलाय नमः" या "ॐ गौरीशंकराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
खीर, पूड़ी, हलवा, मीठा पान, नारियल जैसे पकवानों का भोग लगाएं।
पूजा के बाद व्रत का प्रसाद घर व अन्य सदस्यों में बांटें।
व्रत के लाभ (Mangala Gauri Vrat 2025 Benefits)
मंगला गौरी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही पति को लंबी उम्र, सुखी वैवाहिक जीवन और अविवाहित कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। ये भी कहते हैं कि जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है, उनके लिए यह व्रत बहुत लाभकारी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती ने खुद भी भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए यह व्रत किया था।


#मंगला_गौरी_व्रत






















🌿 सावन में रचाएं शिव-शक्ति की कृपा वाली मेहंदी 🌿सावन का महीना आ गया है – भगवान शिव को समर्पित यह पावन समय ना केवल पूजा-प...
13/07/2025

🌿 सावन में रचाएं शिव-शक्ति की कृपा वाली मेहंदी 🌿
सावन का महीना आ गया है – भगवान शिव को समर्पित यह पावन समय ना केवल पूजा-पाठ का होता है, बल्कि श्रृंगार का भी। इस खास मौके पर जब हर ओर हरियाली छा जाती है और मन भक्ति से भर जाता है, तो क्यों ना अपने हाथों को भी सजाएं शुभता के प्रतीक लेटेस्ट मेहंदी डिजाइनों से?

🌸 कहते हैं माता पार्वती ने शिव जी को पाने के लिए सावन में तप किया था और उन्होंने अपने हाथों पर मेहंदी रचाई थी। तभी से ये परंपरा आज तक चलती आ रही है। तो इस सावन आप भी लगाएं ये खूबसूरत मेहंदी डिज़ाइंस और पाएं शिव-शक्ति का आशीर्वाद।

✨ आजमाएं ये ट्रेंडी डिजाइन –

1. सावन झूला मेहंदी डिजाइन

2. मोर (Peacock) मेहंदी डिज़ाइन

3. शिव-पार्वती मेहंदी डिज़ाइन

4. फूलों वाली मेहंदी डिज़ाइन

5. रेगुलर लेकिन क्लासिक मेहंदी पैटर्न

🕉️ इस सावन करें श्रृंगार और पाएं शिव-पार्वती का आशीर्वाद 💫

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सावन में क्यों हरे कपड़े और चूड़ियां पहनती हैं महिलाएं? दादी-नानी ने भी नहीं बताई होगी इसकी वजहसावन का महीना भगवान शिव क...
13/07/2025

सावन में क्यों हरे कपड़े और चूड़ियां पहनती हैं महिलाएं? दादी-नानी ने भी नहीं बताई होगी इसकी वजह
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है जिसमें हरे रंग का विशेष महत्व है। इस दौरान हरे रंग की चूड़ियां और हरे कपड़े पहनने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। लेकिन शायद ही किसी को इसकी असल वजह पता होगा। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे सावन महीने का हरे रंग से कनेक्शन।

>11 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो चुका है।
>इस दौरान हरे रंग का काफी महत्व होता है।
>इन दिनों महिलाएं हरे कपड़े और चूड़ियां पहनती हैं।

सावन का महीना (Sawan 2025) शुरू हो चुका है। 11 जुलाई से शुरू हुआ यह महीना हिंदू कैलेंडर का पांचवा महीना माना जाता है। इस दौरान भगवान शिव भी आराधना की जाती है। यह पूरी महीना असल में भगवान शिव को भी समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए सबसे अच्छा समय होता है।

इसलिए लोग सावन के दौरान सोमवार का व्रत उपवास करते हैं और भोलेबाबा को मनाने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा इस महीने में और भी कई सारी चीजों का पालन किया जाता है। इन्हीं में से एक सावन के दिनों में हरे रंग के कपड़े और चूड़ी पहनना भी है। आपने अक्सर देखा होगा कि सावन के दिनों में महिलाएं अक्सर हरे रंग की चूड़ियां और कपड़े पहनती है, लेकिन क्या आप इसकी वजह जानते हैं। अगर नहीं, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे सावन महीने और हरे रंग का कनेक्शन (Green color significance in Sawan)-

सावन महीने का हरे रंग से कनेक्शन
सावन का महीना बरसात का मौसम होता है और इस दौरान बारिश की वजह से हर तरफ हरियाली छाई रहती है। बरसात के दिनों चारों तरफ फैली हरियाली प्रकृति, नवजीवन और उर्वरता को दर्शाती है और इसलिए महिलाएं भी जीवन में भी नई ऊर्जा, प्रेम और समृद्धि की इच्छा से सावन के दिनों में नवजीवन और ऊर्जा के प्रतीक हरे रंग का शृंगार करती हैं।

इसके अलावा हरा रंग भी सुहाग की निशानी मानी जाती है और इसलिए सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए हरी चूड़ियां पहनती हैं।

देवी पार्वती को पसंद है हरा रंग
इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि हरा रंग माता पार्वती की प्रिय रंग है और सावन के महीने में शिव-शंकर के साथ माता पार्वती की खास पूजा की जाती है। ऐसे में हरे रंग की चूड़ियां और कपड़े पहनकर देवी पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

साथ ही हरे रंग को शुभता, मंगल और शांति का प्रतीक भी माना जाता है। ऐसे में इस रंग को पहनने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और मन को शांति मिलती है।

रंग में छिपा साइंस
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के अलावा हरे रंग का वैज्ञानिक महत्व भी है। दरअसल, आयुर्वेद और कलर थेरेपी के मुताबिक हरा रंग तनाव कम करता है और दिल को शांत रखने में मदद करता है। साथ ही यह मानसिक संतुलन बनाए रखने में भी मददगार है।

#महाकाललोकउज्जैन










20 या 21 जुलाई, कब है कामिका एकादशी? यहां नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योगदेवों के देव महादेव को सावन का महीना प्रिय है। साव...
13/07/2025

20 या 21 जुलाई, कब है कामिका एकादशी? यहां नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
देवों के देव महादेव को सावन का महीना प्रिय है। सावन सोमवार के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से अविवाहित जातकों की शादी जल्द हो जाती है। इस महीने में कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2025 Date) और पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी।

1- एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है।
2- एकादशी के दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा की जाती है।
3- भगवान विष्णु की पूजा करने से सखों में वृद्धि होती है।

सनातन धर्म में सावन महीने का खास महत्व है। यह महीना पूर्णतया भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा एवं भक्ति की जाती है। साथ ही शिव-शक्ति की कृपा पाने और मनचाहा वरदान पाने के लिए सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक पर महादेव की कृपा बरसती है।

धार्मिक मत है कि सावन सोमवार के दिन स्नान ध्यान के बाद भक्ति भाव से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। साथ ही आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है, लेकिन क्या आपको पता है कि सावन महीने में कब कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2025 Date) मनाई जाएगी? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

कब मनाई जाती है कामिका एकादशी?

हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन कामिका एकादशी मनाई जाती है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा एवं भक्ति की जाती है। सनातन शास्त्रों में व्रत की महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। साधक मनचाही मुराद पाने के लिए कामिका एकादशी का व्रत रखते हैं।

20 या 21 जुलाई कब है कामिका एकादशी? (Kamika Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 20 जुलाई को होगी। 21 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर एकादशी तिथि होगी। वहीं, 21 जुलाई को सुबह 09 बजकर 38 मिनट पर एकादशी तिथि का समापन होगा। इस प्रकार 21 जुलाई को कामिका एकादशी मनाई जाएगी।

कामिका एकादशी पारण समय
कामदा एकादशी का पारण 22 जुलाई को किया जाएगा। साधक 22 जुलाई को सुबह 05 बजकर 37 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 05 मिनट के मध्य कर सकते हैं। इस दौरान भक्ति भाव से पूजा कर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। इसके बाद अन्न और धन का दान कर व्रत खोलें।

कामिका एकादशी शुभ योग (Kamika Ekadashi 2025 Shubh Yoga)
सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर वृद्धि और ध्रुव योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाएगा। भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।
#महाकाललोकउज्जैन

Kamika Ekadashi Daan इन वस्तुओं के दान से कामिका एकादशी का व्रत होगा सफल, नहीं होगी अन्न-धन की कमीकामिका एकादशी भगवान वि...
13/07/2025

Kamika Ekadashi Daan इन वस्तुओं के दान से कामिका एकादशी का व्रत होगा सफल, नहीं होगी अन्न-धन की कमी
कामिका एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है जिसमें व्रत पूजा और दान का महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। कहा जाता है कि इस पावन तिथि पर श्री हरि की उपासना करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है।

1- एकादशी तिथि को बेहद शुभ माना गया है।
2- एकादशी व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है।
3- एकादशी माह में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आती है।

सावन महीने की पहली एकादशी यानी कामिका एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। यह एकादशी भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन साधक कठिन व्रत रखते हैं और विधि-विधान के साथ पूजा करते है। वहीं, इस दिन दान और पुण्य का महत्व है।

व्रत के साथ-साथ इस दिन कुछ विशेष वस्तुओं का दान करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है, तो आइए उन वस्तुओं के बारे में जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

कामिका एकादशी पर जरूर करें ये विशेष दान
1- पीले वस्त्र - कामिका एकादशी के दिन पीली चीजों का दान करें, क्योंकि भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है। कहा जाता है कि इस पावन तिथि पर पीले वस्त्रों का दान करने से श्री हरि की कृपा मिलती है। इसके साथ ही घर में सुख-शांति बनी रहती है।

2- फल और मिठाई - इस दिन आप मौसमी फल और पीली मिठाई का दान कर सकते हैं। यह दान दरिद्रता को दूर करता है और घर में अन्न-धन की वृद्धि करता है।

3- अन्न - अनाज का दान महादान माना जाता है। कामिका एकादशी पर चावल, दाल, गेहूं या अन्य अनाजों का दान करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और भगवान विष्णु की कृपा मिलती है। खासकर इस दिन चावल का दान बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि इसे अक्षय फलदायी माना जाता है।

4- तिल - तिल का दान पितरों की शांति के लिए बहुत खास माना गया है। कामिका एकादशी पर काले या सफेद तिल का दान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही इससे सभी पापों का नाश होता है।

5- घी और दही - कामिका एकादशी पर शुद्ध घी का दान भी बहुत अच्छा माना गया है। कहा जाता है कि इसका दान करने से अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

6- धन - इस शुभ अवसर पर कोई भी दान करें, उसके साथ ही क्षमता अनुसार दक्षिणा जरूर दें। इससे दान को पूर्णता मिलती है।

दान के नियम
*दान हमेशा सच्चे मन और भाव के साथ करें।
*दान हमेशा किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को ही करें।
*सूर्यास्त के बाद दान करने से बचें।
*दान हमेशा दिन में ही करें।

#महाकाललोकउज्जैन


सावन माह की पहली एकादशी पर करें इन मंत्रों का जप, होगा सभी दुखों का अंतएकादशी को बहुत फलदायी माना गया है। यह भगवान विष्ण...
13/07/2025

सावन माह की पहली एकादशी पर करें इन मंत्रों का जप, होगा सभी दुखों का अंत
एकादशी को बहुत फलदायी माना गया है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस अवसर पर भगवान विष्णु के साथ मां तुलसी की पूजा का भी बहुत ज्यादा महत्व है। वहीं इस दिन मां तुलसी के 108 नामों का जप बहुत शुभ माना गया है।

1- एकादशी को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है।
2- एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है।
3- एकादशी माह में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल एकादशी का व्रत 21 जुलाई, 2025 को रखा जाएगा। कहते हैं कि इस तिथि पर पूजा-अर्चना और व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है। इसके साथ ही जीवन में शुभता आती है।

ऐसी मान्यता है कि इस पावन अवसर पर मां तुलसी के 108 नामों का जप बेहद फलदायी माना गया है। इसके जप से आर्थिक तंगी दूर होती है, तो आइए पढ़ते हैं।

।।तुलसी जी के 108 नाम।।
1.ॐ श्री तुलस्यै नमः।

2.ॐ नन्दिन्यै नमः।

3.ॐ देव्यै नमः।

4.ॐ शिखिन्यै नमः।

5.ॐ धारिण्यै नमः।

6.ॐ धात्र्यै नमः।

7.ॐ सावित्र्यै नमः।

8.ॐ सत्यसन्धायै नमः।

9.ॐ कालहारिण्यै नमः।

10.ॐ गौर्यै नमः।

11.ॐ देवगीतायै नमः।

12.ॐ द्रवीयस्यै नमः।

13.ॐ पद्मिन्यै नमः।

14.ॐ सीतायै नमः।

15.ॐ रुक्मिण्यै नमः।

16.ॐ प्रियभूषणायै नमः।

17.ॐ श्रेयस्यै नमः।

18.ॐ श्रीमत्यै

19.ॐ मान्यायै नमः।

20.ॐ गौर्यै नमः।

21.ॐ गौतमार्चितायै नमः।

22.ॐ त्रेतायै नमः।

23.ॐ त्रिपथगायै नमः।

24.ॐ त्रिपादायै नमः।

25.ॐ त्रैमूर्त्यै नमः।

26.ॐ जगत्रयायै नमः।

27.ॐ त्रासिन्यै नमः।

28.ॐ गात्रायै नमः।

29.ॐ गात्रियायै नमः।

30.ॐ गर्भवारिण्यै नमः।

31.ॐ शोभनायै नमः।

32.ॐ समायै नमः।

33.ॐ द्विरदायै नमः।

34.ॐ आराद्यै नमः।

35.ॐ यज्ञविद्यायै नमः।

36.ॐ महाविद्यायै नमः।

37.ॐ गुह्यविद्यायै नमः।

38.ॐ कामाक्ष्यै नमः।

39.ॐ कुलायै नमः।

40.ॐ श्रीयै नमः।

41.ॐ भूम्यै नमः।

42.ॐ भवित्र्यै नमः।

43.ॐ सावित्र्यै नमः।

44.ॐ सरवेदविदाम्वरायै नमः।

45.ॐ शंखिन्यै नमः।

46.ॐ चक्रिण्यै नमः।

47.ॐ चारिण्यै नमः।

48.ॐ चपलेक्षणायै नमः।

49.ॐ पीताम्बरायै नमः।

50.ॐ प्रोत सोमायै नमः।

51.ॐ सौरसायै नमः।

52.ॐ अक्षिण्यै नमः।

53.ॐ अम्बायै नमः।

54.ॐ सरस्वत्यै नमः।

55.ॐ सम्श्रयायै नमः।

56.ॐ सर्व देवत्यै नमः।

57.ॐ विश्वाश्रयायै नमः।

58.ॐ सुगन्धिन्यै नमः।

59.ॐ सुवासनायै नमः।

60.ॐ वरदायै नमः।

61.ॐ सुश्रोण्यै नमः।

62.ॐ चन्द्रभागायै नमः।

63.ॐ यमुनाप्रियायै नमः।

64.ॐ कावेर्यै नमः।

65.ॐ मणिकर्णिकायै नमः।

66.ॐ अर्चिन्यै नमः।

67.ॐ स्थायिन्यै नमः।

68.ॐ दानप्रदायै नमः।

69.ॐ धनवत्यै नमः।

70.ॐ सोच्यमानसायै नमः।

71.ॐ शुचिन्यै नमः।

72.ॐ श्रेयस्यै नमः।

73.ॐ प्रीतिचिन्तेक्षण्यै नमः।

74.ॐ विभूत्यै नमः।

75.ॐ आकृत्यै नमः।

76.ॐ आविर्भूत्यै नमः।

77.ॐ प्रभाविन्यै नमः।

78.ॐ गन्धिन्यै नमः।

79.ॐ स्वर्गिन्यै नमः।

80.ॐ गदायै नमः।

81.ॐ वेद्यायै नमः।

82.ॐ प्रभायै नमः।

83.ॐ सारस्यै नमः।

84.ॐ सरसिवासायै नमः।

85.ॐ सरस्वत्यै नमः।

86.ॐ शरावत्यै नमः।

87.ॐ रसिन्यै नमः।

88.ॐ काळिन्यै नमः।

89.ॐ श्रेयोवत्यै नमः।

90.ॐ यामायै नमः।

91.ॐ ब्रह्मप्रियायै नमः।

92.ॐ श्यामसुन्दरायै नमः।

93.ॐ रत्नरूपिण्यै नमः।

94.ॐ शमनिधिन्यै नमः।

95.ॐ शतानन्दायै नमः।

96.ॐ शतद्युतये नमः।

97.ॐ शितिकण्ठायै नमः।

98.ॐ प्रयायै नमः।

99.ॐ धात्र्यै नमः।

100.ॐ श्री वृन्दावन्यै नमः।

101.ॐ कृष्णायै नमः।

102.ॐ भक्तवत्सलायै नमः।

103.ॐ गोपिकाक्रीडायै नमः।

104.ॐ हरायै नमः।

105.ॐ अमृतरूपिण्यै नमः।

106.ॐ भूम्यै नमः।

107.ॐ श्री कृष्णकान्तायै नमः।

108.ॐ श्री तुलस्यै नमः।

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1 से 9 मूलांक वालों का कैसा रहने वाला है सावन का पहला सोमवार?सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव की पूजा का बहुत महत्व है। ...
13/07/2025

1 से 9 मूलांक वालों का कैसा रहने वाला है सावन का पहला सोमवार?
सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव की पूजा का बहुत महत्व है। अंक ज्योतिष के अनुसार यह दिन रचनात्मकता और आध्यात्मिक संदेशों का प्रतीक है। यह दिन भावनाओं को शुद्ध करने और आत्मा को नई दिशा देने का समय है। प्रत्येक मूलांक के लिए यह दिन अलग-अलग संदेश लेकर आता है जो भगवान शिव की ऊर्जा और चंद्रमा की भावनात्मक गहराई से जुड़ा है।

भगवान शिव को समर्पित सावन महीने का पहला सोमवार 14 जुलाई 2025 को है। यह दिन पवित्रता, समर्पण और अंदरूनी ऊर्जा को फिर से संतुलित करने का खास मौका है। अंक ज्योतिष के हिसाब से यह सोमवार यूनिवर्सल डे नंबर 3 (1+4+7+2+0+2+5= 3) बन रहा है। जो कि अभिव्यक्ति, रचनात्मकता और ईश्वर से जुड़े संदेशों का अंक माना जाता है। सावन की गहराई और सोमवार की चंद्रमा से जुड़ी भावनात्मक ऊर्जा मिलकर इस दिन को एक ऐसा समय बनाते हैं, जब भावनाएं साफ हो सकती हैं और आत्मा को नई दिशा मिल सकती है। हर मूलांक (1 से 9 तक) इस दिन को अपने-अपने तरीके से महसूस करेगा।

यह इस बात पर निर्भर करता है कि भगवान शिव की शांत ऊर्जा और चंद्रमा की भावनात्मक गहराई उस व्यक्ति की मूल प्रकृति से कैसे जुड़ती है।

आइए जानें कि यह सावन का पहला सोमवार प्रत्येक अंक के लिए क्या संदेश लेकर आया है -
मूलांक 1 (जिनका जन्म 1, 10, 19, 28 को हुआ है)
नियंत्रण छोड़ें, ईश्वर को मार्गदर्शन करने दें

आपमें नेतृत्व की ताकत है, लेकिन आज का दिन कहता है कि दिल से आगे बढ़ें, न कि अहंकार से। अपने सारे लक्ष्य शिव के चरणों में अर्पित कर दें और भरोसा रखें कि सही समय पर सब होगा। आज आप थोड़े भावुक महसूस कर सकते हैं, लेकिन उसे दबाएं नहीं। इस समय मोन रहना ही आपकी सबसे बड़ी ताकत बन सकता है।

सावन का सुझाव: दोनों हाथों से शिवलिंग पर जल चढ़ाएं क्योंकि यह समर्पण का प्रतीक है।
आध्यात्मिक कथन: "मैं विश्वास से नेतृत्व करता\करती हूं, बल से नहीं।
मूलांक 2 (जिनका जन्म 2, 11, 20, 29 को हुआ है)
आध्यात्मिक जुड़ाव और अंदर से मिलने वाली प्रेरणा का गहरा अनुभव

चंद्रमा से जुड़ाव होने के कारण आप सावन की ऊर्जा को सबसे गहराई से महसूस करेंगे। यह दिन आपके लिए बहुत भावुक और अंदर से जुड़ने वाला है। दिल से प्रार्थना करने और मन की शांति के लिए बहुत अच्छा समय है। अगर आज आप भावुक या सपनों में खोए हुए महसूस करें, तो उसे रोकें नहीं। ईश्वर के संकेत आपको शांत तरीके से मिल सकते हैं।

सावन सुझाव: अपने पास एक सफेद फूल रखकर ध्यान करें। यह चंद्रदेव की ऊर्जा को बढ़ाता है।
आध्यात्मिक कथन: मेरी कोमलता पवित्र है।
मूलांक 3 (जिनका जन्म 3, 12, 21, 30 को हुआ है)
आध्यात्मिक बातों को व्यक्त करने और खुद को नए रूप में महसूस करने का समय

यूनिवर्सल डे 3 आपकी रचनात्मकता और ईश्वर से जुड़ने की ताकत को बढ़ाता है। आज भजन करना, मंत्र जपना या दिल से कुछ लिखना बहुत असरदार रहेगा। यह दिन शिव से प्रार्थना करने का अच्छा समय है कि वे आपकी बात कहने और अपने मकसद को समझने में आने वाली रुकावटें दूर करें।

सावन सुझाव: 'महा मृत्युंजय मंत्र' को 9 बार धीरे-धीरे या मन ही मन जपें।
आध्यात्मिक कथन: मेरी वाणी ही मेरी प्रार्थना है।
मूलांक 4 (जिनका जन्म 4, 13, 22, 31 को हुआ हो)
अंदरूनी संयम और भगवान पर भरोसे का सुंदर मेल

यह सोमवार आपको याद दिलाएगा कि हर चीज़ मेहनत से नहीं बनती। कुछ चीज़ें समर्पण से भी बनती हैं। आप अच्छी योजना बनाते हैं, लेकिन आज का दिन उन चीज़ों पर भरोसा करने का है जो दिखती नहीं हैं। अगर आप थोड़ी देर रुककर सोचें, तो कोई पुराना कर्मिक चक्र शांति से बदल सकता है।

सावन सुझाव: पूर्ण स्थिरता और श्रद्धा से बेल पत्र अर्पित करें।
आध्यात्मिक कथन: मैं दिव्य संरचना में सुरक्षित हूं।
मूलांक 5 (जिनका जन्म 5, 14, 23 को हुआ है)
मन की सफाई और आत्मा से दोबारा जुड़ने का समय

आज आपका मन थोड़ा बेचैन या ज्यादा एक्टिव महसूस कर सकता है। लेकिन शांति से भागने के बजाय, उसे अपनाएं। सावन की ऊर्जा आपको धीमा करने के लिए है ताकि आप अपने भीतर की आवाज़ सुन सकें। जिन बातों में हाल ही में उलझन थी, वहां अब साफ समझ आ सकती है।

सावन सुझाव: आज अनावश्यक बातचीत से बचें। उपवास या डिजिटल डिटॉक्स आपकी ऊर्जा को ऊंचा करेगा।
आध्यात्मिक कथन: 'मौन मेरी सच्चाई को पुनर्स्थापित करता है।'
मूलांक 6 (जिनका जन्म 6, 15, 24 को हुआ है)
दिल का इलाज और भक्ति में छिपी ताकत

यह पवित्र सोमवार आपको भावनाओं और रिश्तों को ठीक करने की ओर ले जाता है। कुछ पुराने दर्द फिर से सामने आ सकते हैं। उस दर्द से भागें नहीं। शिव जी की ऊर्जा धीरे-धीरे आपको मोह से मुक्त करने और सच्चे प्रेम को साफ़ देखने में मदद करेगी। आज किसी की सेवा करें, इसका आपको आध्यात्मिक लाभ मिलेगा।

सावन सुझाव: आज अपने पूजा स्थान पर शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
आध्यात्मिक कथन: 'मैं प्रेमपूर्वक मुक्त करता हूं और अनुग्रह में आगे बढ़ता हूं।'
मूलांक 7 (जिनका जन्म 7, 16, 25 को हुआ है)
अंदर की शांति और भगवान से गहरे, रहस्यमय जुड़ाव का अनुभव

आप पहले से ही आत्मिक दुनिया से जुड़े हुए रहते हैं, और आज यह जुड़ाव और भी गहरा हो सकता है। आपके सपने, कोई संकेत या अचानक आई कोई भावना भी खास मतलब के साथ आ सकती है। यह दिन शांत है लेकिन बहुत ताकतवर भी है आत्मचिंतन, मंत्र जप या कुछ पवित्र लिखने के लिए बहुत अच्छा समय है।

सावन सुझाव: किसी मंदिर में जाएं और एकांत में बैठें या सूरज निकलने से पहले ध्यान (meditate) करें।
आध्यात्मिक कथन: मैं अदृश्य प्रकाश के साथ चलता/चलती हूं।
मूलांक 8 (जिनका जन्म 8, 17, 26 को हुआ है)
कर्मों से जुड़ी रुकावटों से मुक्ति और भगवान का न्याय मिलने का समय

शनि देव की ऊर्जा से जुड़ाव के कारण आप अक्सर जीवन में भारी जिम्मेदारियां महसूस करते हैं। लेकिन आज का दिन आपको अंदर से राहत देने वाला है। कोई पुराना बोझ हल्का हो सकता है, या अचानक कोई समझ आपको किसी बंधन से आज़ाद कर सकती है। यह दिन माफ़ करने का है चाहे वो खुद को ही क्यों न हो।

सावन सुझाव: शिव मंदिर में काले तिल अर्पित करें ताकि कर्मों का प्रभाव शांत हो।
आध्यात्मिक कथन: "मैं अपने अतीत से मुक्त हूं; अब मैं ईश्वर की राह पर आगे बढ़ रहा/रही हूं।
मूलांक 9 (जिनका जन्म 9, 18, 27 को हुआ हो)
समर्पण करें, सेवा करें और कोमल बनें

आपकी तेज ऊर्जा के पीछे गहरी करुणा छुपी होती है। आज का दिन आपको नम्रता से आपकी सच्ची आध्यात्मिक ताकत याद दिलाता है। मुश्किलों से लड़ने के बजाय, उन्हें स्वीकार करें। प्रार्थना, सेवा या आंसुओं के कारण आज एक भावनात्मक हल्कापन महसूस हो सकता है।

सावन सुझाव: शिवलिंग पर ठंडा दूध या गुलाब जल अर्पित करें- यह भावनात्मक संतुलन का प्रतीक है।
आध्यात्मिक कथन: मैं अपनी अग्नि समर्पित करता/करती हूं और प्रकाश बन जाता/जाती हूं।
अंतिम चिंतन
सावन का पहला सोमवार केवल एक पवित्र परंपरा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक स्वर-साधन (ट्यूनिंग फोर्क) है, जो आपके भीतर की चेतना को ईश्वर की लय के अनुसार फिर से संतुलित करता है। चाहे यह ऊर्जा एक धीमी फुसफुसाहट की तरह आए या एक गहरी लहर की तरह यह आपको आपके भीतर के सत्य से गहराई से जुड़ने की प्रेरणा देती है। यह दिन आपके लिए केवल एक अनुष्ठान बनकर न रह जाए, बल्कि एक पवित्र वापसी बने। आपके विश्वास की ओर, आपके उच्च उद्देश्य की ओर, और उस शांत आंतरिक शक्ति की ओर जो सदा से आपके भीतर विद्यमान है।

जब मंत्रों की गूंज वातावरण में भर जाए और बेल पत्र शिवलिंग को स्पर्श करे, तो जान लें आपके भीतर कुछ प्राचीन फिर से याद किया जा रहा है, फिर से जाग्रत हो रहा है, और नया जन्म ले रहा है।

रुकिए। विचार कीजिए। पुनः जुड़िए।
समर्पण का मार्ग कमजोरी नहीं होता यह आपकी विवेक की सक्रियता है।
डर से नहीं, प्रेम से शीश झुकाइए।
हर हर महादेव!

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