26/06/2025
*⚛️ आषाढ़ गुप्त नवरात्रि ⚛️*
*26 जून 2025, गुरुवार*
सनातन संस्कृति में नवरात्रि का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, साल में कुल 4 नवरात्रि पड़ती है। जिसमें से दो- चैत्र और शारदीय नवरात्रि होती है। इसके साथ ही 2 गुप्त नवरात्रि होती है पौष व आषाढ़ माह में। इन नौ दिनों के दौरान विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए माता रानी की पूजा उपासना व्रत इत्यादि किए जाते हैं। विशेषकर यह गुप्त नवरात्रि विशेष मनोकामना हेतु, आध्यात्मिक चेतना जागृत करने के लिए, मंत्र सिद्धि व तंत्र सिद्धि इत्यादि के लिए भी किए जाते हैं।
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि आरंभ होते है। पंचांग के अनुसार, गुप्त नवरात्र 26 जून 2025, गुरुवार से शुरू होंगे व 04 जुलाई 2025 को पूर्ण होंगे।
*🔸गुप्त नवरात्रि मुहूर्त समय-:*
* पंचांग के अनुसार, नवरात्र स्थापना (कलशस्थापना), का शुभ मुहूर्त 26 जून, गुरुवार को सुबह 05 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इस दौरान भी घटस्थापना कर सकते हैं। अतः इस समय के दौरान कलश स्थापना व पूजा आरंभ की जा सकती है।
*🔸गुप्त नवरात्रि का महत्व-:*
* आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा व अपनी कुलदेवी के अलावा मां काली और अन्य महाविद्याओं की पूजा करने का भी विधान है। इस दौरान साधक किसी विशेष मनोकामना के लिए माता रानी की पूजा उपासना करते हैं।
* ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ राशि व लग्न इस तरह के होते हैं जिसमें माता की पूजा उपासना करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है अतः वे लोग भी इस समय माता की पूजा उपासना कर सकते हैं।
* यदि आप किसी ग्रह- नक्षत्र जैसे कि शुक्र, राहु, केतु की दशा महादशा से पीड़ित है तो भी आप माता की पूजा उपासना करके ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम कर सकते हैं।
* जिन लोगों के जीवन में रोजगार, व्यापार , पारिवारिक सुख शांति या दांपत्य व संतान सुख में बाधा उत्पन्न हो रही है वे लोग भी इन नवरात्रों में पूजा- व्रत- उपवास रखकर माता से मनोरथ पूर्ण करने की प्रार्थना कर सकते हैं।
* विशेष सिद्धियों (उपलब्धियों) के लिए या फिर मंत्र व तंत्र इत्यादि सिद्ध करने के लिए भी इन गुप्त नवरात्रों का अनुष्ठान किया जा सकता है।